गणतन्त्र दिवस (भारत)

भारत में राष्ट्रीय पर्व

गणतन्त्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। इस वर्ष 2024 में भारत का 75वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों वर्ष 2024 के मुख्य अतिथि हैं। इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। यह भारत के तीन राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है, भारतीय संविधान के रचियता डाॅ. भीमराव अम्बेडकर हैं।

गणतन्त्र दिवस

भारत के संविधान की प्रस्तावना का मूल पाठ। भारत का संविधान लागू हुआ 26 जनवरी 1950 (1950-01-26).
अनुयायी भारत
प्रकार सार्वजनिक
उद्देश्य भारत का संविधान की स्थापना
उत्सव परेड, स्कूलों में मिठाई का वितरण, भाषण और सांस्कृतिक नृत्य
तिथि 26 जनवरी
आवृत्ति वार्षिक

एक स्वतन्त्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा इसे अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इसे लागू करने के लिये 26 जनवरी की तिथि को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था।

इस दिन हर भारतीय अपने देश के लिए प्राण देने वाले अमर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति राष्ट्र के नाम संदेश देते हैं। स्कूलों, कॉलेजों आदि मे कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भारत के राष्ट्रपति दिल्ली के कर्तव्यपथ पर भारतीय ध्वज फहराते हैं। राजधानी दिल्ली में बहुत सारे आकर्षक और मनमोहक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। दिल्ली को अच्छी तरह सजाया जाता है कर्त्तव्यपथ पर बड़ी धूम-धाम से परेड निकलती है जिसमें विभिन्न प्रदेशों और सरकारी विभागों की झांकियाँ होतीं हैं। देश के कोने कोने से लोग दिल्ली मे 26 जनवरी की परेड देखने आते हैं। भारतीय सेना अस्त्र-शस्त्रों का प्रदर्शन होता है। 26 जनवरी के दिन धूम-धाम से राष्ट्रपति की सवारी निकाली जाती है तथा बहुत से मनमोहक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।

देश के हर कोने मे जगह जगह ध्वजवन्दन होता है और कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। विश्व भर में फैले हुए भारतीय मूल के लोग तथा भारत के दूतावास भी गणतंत्र दिवस को हर्षोल्लास के साथ मनातें हैं। भारत के हर कोने कोने में मनाया जाता है , और देश के प्रति एक नई उमंग देखने को मिलती है ।

गणतंत्र दिवस मनाने का उद्देश्य

गणतंत्र दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि 26 जनवरी 1950 को पूरे 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगा कर बनाया गया संविधान लागू किया गया था और हमारे देश भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया।

इतिहास

सन् 1929 के दिसंबर में लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुआ जिसमें प्रस्ताव पारित कर इस बात की घोषणा की गई कि यदि अंग्रेज सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को स्वायत्तयोपनिवेश (डोमीनियन) का पद प्रदान नहीं करेगी, जिसके तहत भारत ब्रिटिश साम्राज्य में ही स्वशासित एकाई बन जाने उस दिन भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की और अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ किया। उस दिन से 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त होने तक 26 जनवरी स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा। इसके पश्चात स्वतंत्रता प्राप्ति के वास्तविक दिन 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में स्वीकार किया गया। भारत के स्वतंत्र हो जाने के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई और इसने अपना कार्य 9 दिसम्बर 1946 से आरंभ कर दिया। संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। डॉ० भीमराव अम्बेडकर, जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। संविधान निर्माण में कुल 22 समितीयाँ थी जिसमें प्रारूप समिति (ड्राफ्टींग कमेटी) सबसे प्रमुख एवं महत्त्वपूर्ण समिति थी और इस समिति का कार्य संपूर्ण ‘संविधान लिखना’ या ‘निर्माण करना’ था। प्रारूप समिति के अध्यक्ष विधिवेत्ता डॉ० भीमराव आंबेडकर थे। प्रारूप समिति ने और उसमें विशेष रूप से डॉ. आंबेडकर जी ने 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में भारतीय संविधान का निर्माण किया और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवम्बर 1949 को भारत का संविधान सुपूर्द किया, इसलिए 26 नवंबर दिवस को भारत में संविधान दिवस के रूप में प्रति वर्ष मनाया जाता है। संविधान सभा ने संविधान निर्माण के समय कुल 114 दिन बैठक की। इसकी बैठकों में प्रेस और जनता को भाग लेने की स्वतन्त्रता थी। अनेक सुधारों और बदलावों के बाद सभा के 284 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित कॉपियों पर हस्ताक्षर किये। इसके दो दिन बाद संविधान 26 जनवरी को यह देश भर में लागू हो गया। 26 जनवरी का महत्व बनाए रखने के लिए इसी दिन संविधान निर्मात्री सभा (कांस्टीट्यूएंट असेंबली) द्वारा स्वीकृत संविधान में भारत के गणतंत्र स्वरूप को मान्यता प्रदान की गई। जैसा कि आप सभी जानते है कि 15 Aug 1947 को अपना देश हजारों देशभक्तों के बलिदान के बाद अंग्रेजों की दासता (अंग्रेजों के शासन) से मुक्त हुआ था। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को अपने देश में भारतीय साशन और कानून व्यवस्था लागू हुई। [1]

गणतंत्र दिवस समारोह

राजपथ पर प्रथम गणतंत्र समारोह में सम्मलित होने (घोड़े की बग्घी में) जाते देश प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद
अग्नि-२ मिसाइल का वर्ष २००४ की परेड में प्रदर्शन

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय राष्ट्र ध्वज को फहराया जाता हैं और इसके बाद सामूहिक रूप में खड़े होकर राष्ट्रगान गाया जाता है। फिर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को सलामी दी जाती है। गणतंत्र दिवस को पूरे देश में विशेष रूप से भारत की राजधानी दिल्ली में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस अवसर के महत्व को चिह्नित करने के लिए हर साल राजपथ पर एक भव्य परेड इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन (राष्ट्रपति के निवास) तक राजधानी नई दिल्ली में आयोजित की जाती है। इस भव्य परेड में भारतीय सेना के विभिन्न रेजिमेंट, वायुसेना, नौसेना आदि सभी भाग लेते हैं। इस समारोह में भाग लेने के लिए देश के सभी हिस्सों से राष्ट्रीय कडेट कोर व विभिन्न विद्यालयों से बच्चे आते हैं, समारोह में भाग लेना एक सम्मान की बात होती है। परेड प्रारंभ करते हुए प्रधानमंत्री राजपथ के एक छोर पर इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति (सैनिकों के लिए एक स्मारक) पर पुष्प माला अर्पित करते हैं। इसके बाद शहीद सैनिकों की स्मृति में दो मिनट मौन रखा जाता है। यह देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए लड़े युद्ध व स्वतंत्रता आंदोलन में देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों के बलिदान का एक स्मारक है। इसके बाद प्रधानमंत्री, अन्य व्यक्तियों के साथ राजपथ पर स्थित मंच तक आते हैं, राष्ट्रपति बाद में अवसर के मुख्य अतिथि के साथ आते हैं।[2]

परेड में विभिन्न राज्यों की प्रदर्शनी भी होती हैं, प्रदर्शनी में हर राज्य के लोगों की विशेषता, उनके लोक गीत व कला का दृश्यचित्र प्रस्तुत किया जाता है। हर प्रदर्शिनी भारत की विविधता व सांस्कृतिक समृद्धि प्रदर्शित करती है। परेड और जुलूस राष्ट्रीय टेलीविजन पर प्रसारित होता है और देश के हर कोने में करोड़ों दर्शकों के द्वारा देखा जाता है।2014 में, भारत के 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर, महाराष्ट्र सरकार के प्रोटोकॉल विभाग ने पहली बार मुंबई के मरीन ड्राईव पर परेड आयोजित की, जैसी हर वर्ष नई दिल्ली में राजपथ में होती है।[3]

गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि

भारतीय गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथियों की सूची:

वर्षपद और मुख्य अतिथि का नामसम्बंधित देश
2024राष्ट्रपति - इमैनुएल मैक्रों[4]फ्रांस
2023 Archived 2023-01-26 at the वेबैक मशीनराष्ट्रपति - अब्देल फत्ताह अल सीसीमिस्र
2022-- कोई मुख्य अतिथि नहीं--
2021– कोई मुख्य अतिथि नहीं
2020राष्ट्रपति, जेयर बोल्सोनारोब्राजील
2019राष्ट्रपति, सिरिल रामाफोसादक्षिण अफ्रीका
2018सभी दस आसियान देशों के प्रमुख[5]ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम
2017क्राउन प्रिंस, मोहम्मद बिन जायद अल नाहयानअबु धाबी
2016राष्ट्रपति, फ्रांस्वा ओलांद, राष्ट्रपति, मैत्रीपाल सिरिसेनफ्राँस , श्रीलंका
2015राष्ट्रपति, बराक ओबामायूएसए
2014प्रधानमंत्री, शिंजो अबेजापान
2013राजा, जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुकभूटान
2012प्रधानमंत्री, यिंगलक चिनावाटथाईलैंड
2011राष्ट्रपति, सुसीलो बाम्बांग युद्धोयोनोइंडोनेशिया
2010राष्ट्रपति, ली म्यूंग बककोरिया गणराज्य
2009राष्ट्रपति, नूर्सुल्तान नाज़र्बायवकज़ाकिस्तान
2008राष्ट्रपति, निकोलस सरकोजीफ्रांस
2007राष्ट्रपति, व्लादिमीर पुतिनरुस
2006राजा, शाह अब्दुल्लासउदी अरब

सऊदी अरब के राजा

2005राजा, जिग्मे सिंगये वांगचुकभूटान
2004राष्ट्पति, लुइज़ इंसियो लूला दा सिल्वाब्राजील
2003राष्ट्पति, मोहम्मद ख़ातमीइरान
2002राष्ट्पति, कसम उतेममॉरीशस
2001राष्ट्पति, अब्देलाज़िज बुटेफ्लिकाअलजीरीया
2000राष्ट्पति, ऑल्यूसगुन ओबसांजोनाइजीरिया
1999राजा बीरेंद्र बीर बिक्रम शाह देवनेपाल
1998राष्ट्रपति, ज़्याक शिराकफ्रांस
1997प्रधानमंत्री, बसदेव पाण्डेत्रिनीनाद और टोबैगो
1996राष्ट्रपति, लुइज़ इंसियो लूला दा सिल्वाब्राजील
1995राष्ट्रपति, नेल्सन मंडेलादक्षिण अफ्रिका
1994प्रधानमंत्री, गोह चोक टोंगसिंगापुर
1993प्रधानमंत्री, जॉन मेजरयूके
1992राष्ट्रपति, मेरियो सोरेसपुर्तगाल
1991राष्ट्रपति, मॉमून अब्दुल गय्यूममालदीव
1990प्रधानमंत्री, अनिरुद्ध जगन्नाथमॉरीशस
1989नगुय वं लनंवियतनाम
1988राष्ट्रपति, जूनिअस रिचर्ड जयवर्धनेश्रीलंका
1987राष्ट्रपति, एलन गार्सिया , राष्ट्रपति ,रॉबर्ट मुगाबेपेरु , जिम्बाब्वे
1986प्रधानमंत्री, एँड्रियास पपनड्रीयुग्रीस
1985राष्ट्रपति, राउल अल्फोंसिनअर्जेन्टीना
1984राजा जिग्मे सिंगये वांगचुक , इंडोनेशियाई सेना के चीफ ऑफ स्टाफ , जनरल रुदिनीभूटान , इंडोनेशिया
1983राष्ट्रपति, सेहु शगारीनाइजीरिया
1982राजा, जॉन कार्लोस प्रथमस्पेन
1981राष्ट्रपति, जोस लोपेज़ पोर्टिलोमेक्सिको
1980राष्ट्रपति, वैलेरी गिसकर्ड डी 'ईस्टांगफ्रांस
1979प्रधानमंत्री, मैल्कम फ्रेजरऑस्ट्रेलिया
1978राष्ट्रपति, पैट्रिक हिलरीऑयरलौंड
1977प्रथम सचिव, एडवर्ड गिरेकपौलैण्ड
1976प्रधानमंत्री, ज़्याक शिराक
फ्रांस
1975राष्ट्रपति, केनेथ कौंडाजांबिया
1974राष्ट्रपति, जोसिप ब्रौज टीटोयूगोस्लाविया
प्रधानमंत्री, सिरिमावो बन्दरानाइकश्रीलंका
1973राष्ट्रपति, कर्नल जॉसेफ़ मोबूतोजैरे
1972प्रधानमंत्री, शिवसागर रामगुलाममॉरीशस
1971राष्ट्रपति, जुलियस नीयरेरेतंजानिया
1970
1969प्रधानमंत्री, टॉड झिवकोवबुल्गारिया
1968प्रधानमंत्री, अलेक्सी कोसिजिनसोवियत यूनियन
राष्ट्रपति, जोसिप ब्रोज टीटोयूगोस्लाविया
1967
1966
1965खाद्य एवं कृषि मंत्री, राना अब्दुल हामिदपाकिस्तान
1964
1963राजा, नोरोडोम सिहानोककंबोडिया
1962
1961रानी, एलिज़ाबेथ द्वितीययूके
1960राष्ट्रपति, क्लिमेंट वोरोशिलोवसोवियत संघ
1959
1958मार्शल ये जियानयिंगचीन
1957
1956
1955गर्वनर जनरल, मलिक गुलाम मोहम्मदपाकिस्तान
1954राजा, जिग्मे दोरजी वांगचुकभूटान
1953
1952
1951
1950राष्ट्रपति, सुकर्णोइंडोनेशिया
देश जिन्हें गणतंत्र दिवस परेड के लिए अतिथि के तौर पर बुलाया गया है। पहले का युगोस्लाविया (दो बार आमंत्रित) को नहीं दिखाया गया है।

[6]

चित्रदीर्घा

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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