अश्ववंश

अश्ववंश खुरवाले चौपायों का एक वंश है जिसे लैटिन में इक्विडी (Equidae) कहते हैं। इस वंश के सब सदस्यों में खुरों की संख्या विषम - एक अथवा तीन - रहने से इनको विषमांगुल (पेरिसोडैक्टिल) कहते हैं। अश्ववंश में केवल एक प्रजाति (जीनस) है, जिसमें घोड़े, गदहे और ज़ेबरा हैं। इनके अतिरिक्त इस प्रजाति में वे सब लुप्त जंतु भी हैं जो घोड़े के पूर्वज माने जाते हैं। अन्य विषमांगुल जीवों - गैंडों और टेपिरों - की अपेक्षा अश्ववंश के जंतु अधिक छरहरे और फुर्तीले शरीर के होते हैं।

जंगली घोड़े

क्रम विकास (एवोल्यूशन)

वैज्ञानिकों का विश्वास है कि आरंभ में घोड़े भी मंदगामी और पत्ती खानेवाले जीव थे। जैसे-जैसे नीची पत्तियों की कमी पड़ती गई वैसे वैसे घोड़े अधिकाधिक घास खाने लगे। तब उनके दाँतों का विकास इस प्रकार हुआ कि वे कड़ी कड़ी घासें अच्छी तरह चबा सकें। इधर भेडिए आदि हिंसक जीवों से बचने के लिए उनके चारों पैरों की अंगुलियों का तथा टांग और सारे शरीर का ऐसा विकास हुआ कि वे वेग से भागकर अपने को बचा सकें। इस प्रकार उनके पैरों की अगल बगलवाली अंगुलियाँ छोटी होती गई और बीच की अंगुली एकल खुर में परिणत हो गई। भूमि में मिले जोवाशमों से इस सिद्धांत का पूरा समर्थन होता है। घोड़े की प्राचीनतम ठटरी जीवाश्म (फ़ॉसिल) के रूप में प्रदिनूतन युग के आरंभ के पत्थरों में मिलती है। तब घोड़े आजकल की लोमड़ी के बराबर होते थे, उनके अगले पैरों में पांच अंगुलियाँ होती थीं, पिछले में तीन। चौभड़ शरीर के आकार के अनुपात में छोटे क्षेत्रफल के होते थे और सामने के दांत भी छोटे और सरल होते थे। प्रादिनूतन काल के आरंभ से आज तक लगभग साढ़े पांच करोड़ वर्ष बीत चुके हैं। इस दीर्घ काल में घोड़ों के अनेक जीवाश्म मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि घोड़ों के दांतों में और टांगों में तथा खुरों में किस प्रकार क्रमिक विकास होकर आज का सुंदर, पुष्ट, तीव्रगामी और घास चरनेवाला घोड़ा उत्पन्न हुआ है। मध्यप्रादिनूतन युग में अगले पैर की पांचवीं अंगुली बेकार नहीं हुई थीं, परंतु चौभड़ कुछ चौड़े अवश्य हो गए थे। आदिनूतन युग में चौभड़ के बगलवाले दांत भी चौभड़ की तरह चौड़े हो चले थे। सामने के टांग की अंगुलियों में केवल तीन ही अंगुलियाँ काम कर पाती थीं, अगल बगल की अंगुलियाँ इतनी छोटी हो गई थीं, कि वे भूमि को छू भी नहीं पाती थीं। बीच की अंगुली बहुत मोटी और पुष्ट हो गई थी। मध्यनूतनयुग में दांत पहले से बड़े हो गए और चौभड़ के बगलवाले दांत चौभड़ की तरह हो गए। सामने के पैर की बीचवाली अंगुली खुर में बदल गई और अगल बगल की कोई अंगुली भूमि को नहीं छू पाती थी।

आदिनूतन युग में दांत और लंबे हो गए और उनकी आकृति आधुनिक घोड़ों के दांतों की तरह हो गई। सामने का खुर और भी बड़ा हो गया और अगल बगल की अंगुलियाँ अधिक छोटी और बेकार हो गई।

प्रादिनूतन युग में घोड़ा आधुनिक घोड़े की तरह हो गया। उसके जीवाश्म उस युग के पत्थरों में अमरीका में मिले हैं। इस काल से पीछे के पत्थरों में घोड़े के जीवाश्म भारत तथा एशिया के अन्य भागों और अफ्रीका में बहुतायत से मिले हैं।

जब कि दांतों और खुरों का विकास होता रहा तब तक शरीर के आकार में भी वृद्धि होती रही। ग्रीवा की कशेरूका (रीढ़) और मुख की ओर की खोपड़ी भी बढ़ती गई; इसलिए घोड़े की आकृति भी बदलती गई।

ऊपर के वर्णन में सर्वत्र घोड़ा शब्द प्रयक्त हुआ है, परंतु वैज्ञानिकों ने प्रत्येक युग, या युग के प्रमुख खंड, के अश्ववंशीय जंतु को विशेष नाम दे रखा हैं। विकास के क्रम में कुछ नाम ये हैं: इयोहिपस, ओरोहिपस, एपिहिपस, मेसोहिपस, मायोहिपस, पैराहिपस, प्रोटोहिपस, प्लायोहिपास, प्लेसिपल और ईक्वस। ये नाम विकासक्रम की सरल वंशावली के हैं, जिसके सब सदस्य उत्तरी अमरीका में पाए गए हैं। प्रोटोहिपस की एक शाखा दक्षिण अमरीका पहुँची और दूसरी शाखा एशिया में पहुँची। ये शाखाएँ कुछ समय में समाप्त हो गई। ईक्वस की एक शाखा एशिया में पहुँची जिससे ज़ेबरा, गदहा और घोड़ा विकसित हुए। अमरीका के मूल ईक्वस लुप्त हो गए।

वर्गीकरण

Hyracotherium
Orohippus
Hypohippus
Mesohippus
Hipparion
Equus (Przewalski's horse)
  • Order Perissodactyla (In addition to Equidae, Perissodactyla includes four species of tapir in a single genus, as well as five living species (belonging to four genera) of rhinoceros.) † indicates extinct taxa.
    • Family Equidae
      • Subfamily †Hyracotheriinae
        • Genus †Epihippus
        • Genus †Haplohippus
        • Genus †Heptaconodon
        • Genus †Hyracotherium (possibly paraphyletic with some species belonging to the family †Palaeotheriidae)
        • Genus †Orohippus
        • Genus †Xenicohippus
      • Subfamily †Anchitheriinae
        • Genus †Anchitherium
        • Genus †Archaeohippus
        • Genus †Desmatippus
        • Genus †Hypohippus
        • Genus †Kalobatippus
        • Genus †Megahippus
        • Genus †Mesohippus
        • Genus †Miohippus
        • Genus †Parahippus
        • Genus †Sinohippus
      • Subfamily Equinae
        • Genus †Merychippus
        • Genus †Scaphohippus
        • Tribe †Hipparionini
          • Genus †Eurygnathohippus
          • Genus †Hipparion
          • Genus †Hippotherium
          • Genus †Nannippus
          • Genus †Neohipparion
          • Genus †Pseudhipparion
        • Tribe Equini
          • Genus †Astrohippus
          • Genus †Calippus
          • Genus †Dinohippus
          • Genus Equus (22 species, 7 extant)
          • Genus †Hippidion
          • Genus †Onohippidium
          • Genus †Pliohippus
          • Genus †Protohippus
      • Genus †Acritohippus
      • Genus †Eurohippus
      • Genus †Heteropliohippus
      • Genus †Parapliohippus
      • Genus †Proboscidipparion

इन्हें भी देखें

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