उपरिस्तर प्रभाव

जब किसी चालक में प्रत्यावर्ती धारा बहती है तो चालक के परिच्छेद (cross-setion) में धारा घनत्व समान नहीं होता बल्कि चालक के केन्द्रीय भाग में कम और बाहरू भाग में अधिक होता है। इस प्रभाव को उपरिस्तर प्रभाव (Skin effect) कहते हैं। दूसरे शब्दों में, विद्युत धारा मुख्यतः 'चालक की त्वचा' ("skin") में बहती है। इस प्रभाव के कारण चालकों का प्रभावी प्रतिरोध अधिक आवृत्तियों पर अधिक होता है। उपरिस्तर प्रभाव,भंवर धारा के कारण होती है। 60 हर्ट्ज पर ताँबा में उपरिस्तर गहराई (skin depth) लगभग 8.5 मिमी होती है। अधिक आवृत्ति पर प्रतिरोध के बढ़ने को रोकने के लिये विशेष रूप से बुने हुए लिट्ज तार (litz wire) प्रयोग किये जाते हैं। चूंकि अधिक क्षेत्रफल वाले चालकों के आन्तरिक भाग में बहुत कम धारा प्रवाहित होती है, ट्यूब के आकार के चालक (जैसे पाइप आदि) का प्रयोग करने से चालक का वजन और मूल्य कम रखा जा सकता है। by kcraj boss

बाहरी कड़ियाँ

🔥 Top keywords: जय श्री रामराम नवमीश्रीरामरक्षास्तोत्रम्रामक्लियोपाट्रा ७राम मंदिर, अयोध्याहनुमान चालीसानवदुर्गाअमर सिंह चमकीलामुखपृष्ठहिन्दीभीमराव आम्बेडकरविशेष:खोजबड़े मियाँ छोटे मियाँ (2024 फ़िल्म)भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेशभारतीय आम चुनाव, 2024इंडियन प्रीमियर लीगसिद्धिदात्रीमिया खलीफ़ाखाटूश्यामजीभारत का संविधानजय सिया रामसुनील नारायणलोक सभाहनुमान जयंतीनरेन्द्र मोदीलोकसभा सीटों के आधार पर भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की सूचीभारत के प्रधान मंत्रियों की सूचीगायत्री मन्त्ररामायणअशोकप्रेमानंद महाराजभारतीय आम चुनाव, 2019हिन्दी की गिनतीसट्टारामायण आरतीदिल्ली कैपिटल्सभारतश्रीमद्भगवद्गीता