ऑपरेशन डायमंड

ऑपरेशन डायमंड, इज़राइल देश के खुफिया विभाग मोसाद द्वारा किया गया एक ऑपरेशन था जिसका लक्ष्य सोवियत संघ निर्मित मिकोयान-गुरेविच मिग-२१ विमान का अधिग्रहण था, जो उस समय का सबसे उन्नत सोवियत लड़ाकू विमान था। यह ऑपरेशन १९६३ के मध्य में शुरू हुआ और १६ अगस्त १९६६ को समाप्त हो गया, जब इराकी वायु सेना का मिग-२१ इराकी-असिरियाई भगोड़ा पायलट मुनीर रेड्फा द्वारा इज़राइल में लाया गया। इस प्रकार इज़राइल और संयुक्त राज्य अमेरिका इस हवाई जहाज की डिजाइन का अध्ययन करने में सफल हुए।

मुनीर रेड्फा द्वारा लाया हुआ मिग-२१ विमान जो अब हाटझेरिम के इज़राइली वायु सेना संग्रहालय में है।

पहले प्रयास

मिग-२१ का उत्पादन सोवियत संघ में १९५९ में शुरू हुआ, और मिस्र, सीरिया और इराक़ ने कई विमानों को प्राप्त किए। मोसाद के जासूस जीन थॉमस ने मिस्र में विमान का अधिग्रहण करने का पहला प्रयास किया था। थॉमस और उसके समूह को एक पायलट ढूंढने का आदेश दिया गया था, जो १,०००,००० डॉलर में इज़राइल को विमान उड़ाकर ला दे। हालांकि, उनका पहला प्रयास असफल रहा था। मिस्र का पायलट आदीब हन्ना, जिससे उन्होंने संपर्क किया था, उसने अधिकारियों को थॉमस के इरादों के बारे में बताया। थॉमस और दो अन्य को दिसंबर १९६२ में गिरफ्तारी के बाद फांसी दी गई। समूह के अन्य तीन सदस्यों को लंबे समय तक कारावास की सजा मिली। मिग-२१ अधिग्रहण का दूसरा प्रयास भी असफल रहा। आखिरकार मोसाद के जासूसों ने दो इराकी पायलटों को मार दिया जिन्होंने उनके साथ सहयोग करने से इनकार कर दिया।[1]

सफलता

१९६४ में एक इराकी जन्में यहुदी यूसुफ ने तेहरान में इज़राइली सेवाओं से संपर्क किया। दस साल की उम्रसे वो एक मरोनिट ईसाई परिवार में नौकर था। उसकी प्रेमिका की पहचान से उसे मुनीर रेड्फा के बारे में पता चला था जो इराकी पायलट था पर इराकी वायुसेना के उसके तरफ के बर्ताव से दुखी था। ईसाई परिवार का होने के कारण वो मानता था कि उसकी वायुसेना में तरक़्क़ी नहीं कर रहे थे। यूसुफ को पता चला कि रेड्फा इराक छोडने के प्रयास में था। एक महिला मोसाद जासूस ने रेड्फा से मित्रता बनाते हुए इज़राइली जासुसों के साथ मिलने के लिए यूरोप जाने के लिए मनाया। रेड्फा को १० लाख डॅलर, इज़राइल की नागरिकता और पूर्णकालिक रोजगार की पेशकश की गई, जिसको उन्होंने इस शर्त पर सहमति जताई कि उनके परिवार को सुरक्षित रूप से इज़राइल में ले जाना चाहिए। बाद में उन्होंने इज़राइली वायु सेना के कमांडर मेजर जनरल मोर्देचै होद से मुलाकात की और रणनिती बनाई।[2]

१६ अगस्त १९६६ को इराक में रेड्फाने मिग-२१ में पुर्ण ईंधन भरा और पश्चिम की ओर निकल पडे। जार्डन क्षेत्र में जाते हि उन्हे इराकी वायुसेना की वापस लौटने की चेतावनी मिली। पर तब तक वो इज़राइली क्षेत्र में जा चुके थे जहा उन्हे दो इज़राइली हवाई जहाजोंने रक्षार्थ साथ दी। मिग-२१ को दक्षिणी इज़राइल के हत्ज़ोर एयरबेस में उतरा गया। दुसरी ओर रेड्फाके परिवार को अलग-अलग जगहों और बहानों से मोसाद के जासूस इज़राइल ले आए।[2]

परिणाम

सफलतापूर्ण इज़राइल आने के बाद मिग-२१ का नम्बर बदलके ००७ (जेम्स बॉण्ड) किया गया। इज़राइली वायुसेना ने इस मिग-२१ का अभ्यास किया और कई बार चलाकर देखा। ७ अप्रैल १९६७ को युद्धमें इज़राइलने सीरिया के छह मिग-२१ विमानोंको गिराया। जनवरी १९६८ में इज़राइल ने मिग-२१ को संयुक्त राज्य को दिया ताकीं वे भी उसका अभ्यास कर सके। इस कारण संयुक्त राज्य ने मैकडोनेल डगलस एफ-४ फैंटम II को इज़राइल को बेचने का इरादा पक्का किया, जिसको पहले संयुक्त राज्य इज़राइलको बेचने के लिए अनिच्छुक था।[3]

सन्दर्भ

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