कता

कता बंद लिखने का एक अंदाज़ है जिसमे शायर ऐसे दो शेर को जोड़ता है जिनका एक अर्थ निकाला जा सकता हो। जिसमे दूसरे शेर का अर्थ पहले शेर के अर्थ पर आधारित हो। ऐसे दो शेरो को हम कता बंद कहते है ऐसे जोड़ को शायरी भी कहा जा सकता है


उदाहरण स्वरूप:


अजनबियों से मिलकर रिश्ता बनाना

इंसानो से फिर उन्हें फरिश्ता बनाना


इश्क़ में दिल-ओ-जान जल्द अच्छे नही

जो भी तुम बनाना आहिस्ता बनाना


कनोर


इस शायरी में शायर ने पहले शेर में अजनबियों से रिश्ता बनाने और फिर उनको अज़ीज़ बनाने की बात कही है। और दूसरे शेर में शायर ने उन्ही अजनबियों से इश्क़ न करने के लिए कहा है।


ऐसे ही कई तरह की शायरियों को हम कता बंद कह सकते है। और इस तरह से लिखने के अंदाज़ को कता कहा जा सकता है।

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