कालाराम मन्दिर
कालाराम मन्दिर एक प्राचीन हिन्दू मन्दिर है जिसमें भगवान राम की मूर्ति स्थापित है। यह मन्दिर महाराष्ट्र राज्य के नासिक ज़िले के पंचवटी के निकट स्थित है।[1]
कालाराम मन्दिर | |
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धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | हिन्दू धर्म |
देवता | भगवान राम |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | पंचवटी, नासिक जिला, महाराष्ट्र |
भौगोलिक निर्देशांक | 20°00′24″N 73°47′42″E / 20.0067018°N 73.7949427°E 73°47′42″E / 20.0067018°N 73.7949427°E |
वास्तु विवरण | |
शैली | नागर शैली |
स्थापित | १७८८ |
वेबसाइट | |
shrikalaram sansthannashik.org |
इतिहास
पेशवा के सरदार रंगराव ओढ़ेकर द्वारा यह मंदिर १७८२ में नागर शैली में निर्मित कराया गया था, जो लगभग १७८८ ईस्वी में बनकर तैयार हुआ था। मंदिर में विराजित राम की मूर्ति काले पाषाण से बनी हुई है, इसलिए इसे 'कालाराम' कहा जाता है।[2]यह मंदिर 74 मीटर लंबा और 32 मीटर चौड़ा है। मंदिर की चारों दिशाओं में चार दरवाजे हैं। महाद्वार से प्रवेश करने पर भव्य सभामंडप नजर आता है, जिसकी ऊँचाई 12 फीट होने के साथ यहाँ चालीस खंभे है। यहाँ विराजमान हनुमान मंदिर में वे अपने आराध्य राम के चरणों की ओर देखते हुए प्रतीत होते हैं। कहा जाता है कि ये मंदिर पर्णकुटी के स्थान पर बनाया गया है, जहाँ पूर्व में नाथपंथी साधु निवास करते थे। एक दिन साधुओं को अरुणा-वरुणा नदियों पर राम की मूर्ति प्राप्त हुई और उन्होंने इसे लकड़ी के मंदिर में विराजित किया था। तत्पश्चात माधवराव पेशवा की मातोश्री गोपिकाबाई की सूचना पर इस मंदिर का निर्माण करवाया गया। उस काल के दौरान मंदिर निर्माण में 23 लाख का खर्च अनुमानित बताया जाता है।[3]
घटना
भारत के दलित आंदोलन में इस मंदिर की निर्णायक भूमिका रही है। 2 मार्च 1930 को मंदिर के बाहर डॉ॰ भीमराव अम्बेडकर के नेतृत्व में कालाराम मन्दिर सत्याग्रह किया गया, जिसके परिणामस्वरूप दलितों को मंदिर में प्रवेश की इजाजत मिली।[4][5]
परिवहन
नासिक मुंबई से 160 किमी तथा पुणे से 210 किमी दूरी पर स्थित है। मुंबई से नासिक हवाई मार्ग द्वारा भी पहुँचा जा सकता है। यह नासिक मध्य रेलवे का एक महत्वपूर्ण जंक्शन भी है। मुंबई की ओर जाने वाली अधिकतर गाड़ियाँ नासिक होते हुए गुजरती हैं। मुंबई-आगरा महामार्ग नासिक होते हुए गुजरता है।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
कालाराम मंदिर से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |