घाघरा नदी

ये नदी बाई और से मिलने वाली सहायक नदी है
(घाघरा से अनुप्रेषित)

घाघरा नदी (Ghaghara river) या सरयू नदी (Saryu River) या कर्णाली नदी (Karnali river) तिब्बत, नेपाल और भारत में बहने वाली एक नदी है। यह गंगा नदी की एक प्रमुख उपनदी है। घाघरा पहनने वाला चोला होता है इसी के नाम पर इसका नाम घाघरा पड़ा (एक किवदंती के अनुसार)

घाघरा / कर्णाली
Ghaghara / Karnali

नेपाल में कर्णाली नदी

गंगा की घाघरा और गण्डकी उपनदियों का मानचित्र
घाघरा नदी is located in पृथ्वी
घाघरा नदी
स्थान
देश तिब्बत, नेपाल, भारत
भौतिक लक्षण
नदीशीर्षमापचाचुंगो हिमानी
 • स्थानमानसरोवर झील, तिब्बत के समीप
 • ऊँचाई3,962 मी॰ (12,999 फीट)
नदीमुख गंगा नदी
 • स्थान
रिविलगंज, भारत
 • निर्देशांक
25°45′11″N 84°39′59″E / 25.75306°N 84.66639°E / 25.75306; 84.66639 84°39′59″E / 25.75306°N 84.66639°E / 25.75306; 84.66639
लम्बाई 1,080 कि॰मी॰ (670 मील)
जलसम्भर आकार 127,950 कि॰मी2 (1.3772×1012 वर्ग फुट)
प्रवाह 
 • औसत2,990 m3/s (106,000 घन फुट/सेकंड)
प्रवाह 
 • स्थाननेपाल
 • औसत1,369 m3/s (48,300 घन फुट/सेकंड)
जलसम्भर लक्षण
उपनदियाँ  
 • बाएँ भेरी, सरयू, कुवानो, राप्ती, छोटी गण्डक
 • दाएँ सेती, दहवार, काली नदी, बुढी गंगा, उल नदी

घाघरा नदी को सरयू नाम से भी जाना जाता है। इसके किनारे अयोध्या एवं दोहरीघाट जैसे पवित्र तीर्थ बसते हैं।

अयोध्या मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की जन्म भूमि रही है । इसी कारणवश अयोध्या हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तीर्थ है। अयोध्या मोक्षदायिनी 7 पवित्र स्थान में से एक है। इस स्थान पर श्री राम जन्मभूमि, श्री हनुमान मंदिर, कनक भवन, दशरथ महल, नागेश्वर मंदिर आदि पवित्र स्थान है


त्रेता युग में सरयू के किनारे दोहरीघाट नामक स्थान पर भगवान श्री राम एवं भगवान श्री परशुराम का मिलन हुआ था। क्योंकि दोनों भगवान श्री हरि विष्णु के अवतार थे इसलिए स्थान का नाम दोहरीघाट पड़ा। कथा के अनुसार जब भगवान श्री राम भगवती जानकी से विवाह करके अयोध्या पुरी को वापस जा रहे थे तब मार्ग में भगवान परशुराम उनसे जिस स्थान पर मिले वही आज दोहरीघाट नाम से प्रसिद्ध है। इस स्थान पर भगवान श्री राम ने गौरी शंकर भगवान का पूजन किया था । दोहरीघाट से कुछ दूरी पर सरयू नदी के किनारे भगवान् श्री लक्ष्मण जी का पवित्र मंदिर भी है जिनका विग्रह भगवान विष्णु का प्रतीत होता है तथा यह विग्रह भूमि से स्वयं प्रकट हुआ था

मार्ग

यह दक्षिणी तिब्बत के ऊंचे पर्वत शिखरों (हिमालय) से मानसरोवर झील के समीप से निकलती है। यहाँ से यह नेपाल में प्रवेश करती है, जहाँ इसका नाम कर्णाली है। इसके बाद यह भारत के उत्तर प्रदेश एवं बिहार में प्रवाहित होती है। लगभग ९७० किमी की यात्रा के बाद बलिया और छपरा के बीच यह गंगा में मिल जाती है।घाघरा के किनारे बहराइच और बाराबंकी जनपद के बसे हुए क्षेत्र को गांजर क्षेत्र भी कहा जाता है ऐसा माना जाता है कि यह क्षेत्र एक सांस्कृतिक रूप से और आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ क्षेत्र है यहां विभिन्न भाषाई और सामाजिक सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र है [1] यह बहराइच, सीतापुर, गोंडा,बाराबंकी, अयोध्या, टान्डा, राजेसुल्तानपुर, दोहरी घाट, बलिया आदि शहरों के क्षेत्रों से होकर गुजरती है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

🔥 Top keywords: जय श्री रामराम नवमीश्रीरामरक्षास्तोत्रम्रामक्लियोपाट्रा ७राम मंदिर, अयोध्याहनुमान चालीसानवदुर्गाअमर सिंह चमकीलामुखपृष्ठहिन्दीभीमराव आम्बेडकरविशेष:खोजबड़े मियाँ छोटे मियाँ (2024 फ़िल्म)भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेशभारतीय आम चुनाव, 2024इंडियन प्रीमियर लीगसिद्धिदात्रीमिया खलीफ़ाखाटूश्यामजीभारत का संविधानजय सिया रामसुनील नारायणलोक सभाहनुमान जयंतीनरेन्द्र मोदीलोकसभा सीटों के आधार पर भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की सूचीभारत के प्रधान मंत्रियों की सूचीगायत्री मन्त्ररामायणअशोकप्रेमानंद महाराजभारतीय आम चुनाव, 2019हिन्दी की गिनतीसट्टारामायण आरतीदिल्ली कैपिटल्सभारतश्रीमद्भगवद्गीता