प्रजनन ऋतु

प्रजनन ऋतु या प्रजनन काल कुछ वन्य जीवों (पशु एवं पक्षी) के लिए साल का वह समय होता है जिसके अंतर्गत प्रजनन के लिए सबसे अनुकूल हालात, जैसे भोजन एवं पानी की प्रचुरता, उत्पन्न होते हों।[1] प्रजनन ऋतु वाली जीव जगत की कई जातियाँ प्राकृतिक रूप से साल के एक निश्चित समय पर समागम करने के लिए विकसित हुयी हैं जिससे उनको प्रजनन करने में सबसे अधिक सफलता मिले। वन्य जीवों की अलग-अलग प्रजातियों के प्रजनन ऋतुएँ भी उनकी अपनी आवासीय क्षेत्र की ज़रूरतों के मुताबिक तथा भोजन की उपलब्धी के अनुसार पृथक्-पृथक् होती हैं। प्रजनन की शुरुआत और उसकी सफलता में अजैविक घटक जैसे वर्षा और हवायें भी अहम भूमिका अदा करते हैं।[2]
कुछ जीवों की कोई प्रजनन ऋतु नहीं होती है और उनकी मादाएँ साल के किसी भी समय गर्भ धारण कर सकती हैं — उदाहरण के लिए मनुष्य।

सामुदायिक प्रजनन

कई प्रजातियाँ बड़ी-बड़ी बस्तियों में या झुण्डों में प्रजनन करते हैं जिसे सामुदायिक प्रजनन कहते हैं।[3] ऐसी प्रजातियाँ अपने प्रजनन काल में प्रजनन के लिए अनुकूल जगहों पर प्रायः बड़े से समुदाय में दिख जाती हैं। कुछ प्रजातियों ने तो अपने आप को सामुदायिक प्रजनन के लिए ही विकसित कर लिया है और अब वह जोड़ों में अथवा कम आबादी में प्रजनन नहीं कर सकतीं। ऐसी प्रजातियों का उनके प्रजनन क्षेत्र में अन्धाधुन्ध शिकार हुआ या उनकी प्रजनन बस्तियाँ विनष्ट हुयीं तो उनकी विलुप्ति का खतरा हो सकता है। इसीलिए कई देशों ने ऐसी बस्तियों को संरक्षण प्रदान कर रखा है। यह बात ख़ासकर समुद्री पक्षियों पर लागू होती है।[4]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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