यूनाइटेड किंगडम का शाही कुल-चिन्ह

यूनाइटेड किंगडम का शाही कुल-चिह्न (अंग्रेज़ी: Royal coat of arms of the United Kingdom) ब्रिटिश सम्राट, वर्तमान समय में एलिज़ाबेथ द्वितीय, का आधिकारिक कुल-चिह्न है। यह चिह्न महारानी द्वारा यूनाइटेड किंगडम सभी आधिकारिक प्रयोजनों में प्रयोग में लाया जाता है, तथा इसे आधिकारिक तौर पर आर्म्स ऑफ़ डोमिनियन (अंग्रेज़ी: Arms of Dominion) के नाम से जाना जाता है। इस चिह्न से प्रेरित कई प्रकार के चिह्न शाही परिवार के अन्य सदस्य और ब्रिटिश सरकार देश से सम्बन्धित अपने प्रशासनिक कार्यो में इस्तेमाल करती है। स्कॉटलैंड में इसका एक अलग संस्करण इस्तेमाल किया जाता है तथा उस से प्रेरित एक अन्य चिह्न को स्कॉटिश सरकार इस्तेमाल करती है।[1]

शाही चिह्न की ढाल चार भागों में बटी हुई है, जिस के पहले व चौथे भाग में इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करते हुए तीन अंग्रेज़ी शेर हैं, दूसरे भाग में फूलों की मेंड़ के साथ स्कॉटलैंड का प्रतिनिधित्व करता हुआ अनियंत्रित शेर है तथा तीसरे भाग में उत्तरी आयरलैंड का प्रतिनिधित्व करता हुआ क्लैरसच (हार्प) है। ढाल को शाही मुकुट पहने हुए अंग्रेज़ी शेर और जंजीर से बंधे स्कॉटिश यूनिकॉर्न ने संभाला हुआ है।[1]

विवरण

शाही कुलांक का ढाल, चतुरांशिय है, जिसमें:"प्रथम और तृतीय चौखंड लोहित पृष्ठभूमि पर तीन पीत सिंघ प्रदर्शित हैं[इंग्लैंड का प्रतीक"]; द्वितीय चौखंड में पीत पृष्ठभूमि पर दो धारी रेखांकन से घिरा हुआ एक लोहित सिंह, केंद्र में[स्कॉटलैंड का प्रतीक]; तथा चतुर्थ चौखंड नील पृष्ठभूमि पर एक हार्प को प्रदर्शित कार्य है[आयरलैंड का प्रतीक]", समर्थक के रूप में एक सिंह और एक यूनिकॉर्न है, और एक पट्टी पर फ़्रांसिसी भाषा में ध्येयवाक्य:"Dieu et mon droit"(इश्वर और मेरा अधिकार) प्रदर्शित है। कवच को घेरता हुआ एक गार्टर है जिसपर गार्टर के शौर्यक्रम का ध्येय लिखा होता है:"Honi soit qui mal y pense"(पुरानी फ्रांसीसी भाषा:"अपमानित हो वो जो मेरी हानि सोचे")। स्कॉटलैंड में शासक भिन्न प्रकार का कुलांक का उपयोग करते हैं, उसमें, प्रथम और चतुर्थ खण्ड स्कॉटलैंड को प्रदर्शित करते हैं, तथा द्वितीय में इंग्लैंड और तृतीय खण्ड में आयरलैंड प्रदर्शित होता है। इसमें दो ध्येय प्रदर्शित होते हैं, नीचे स्कॉटलैंड के ध्येय "In Defens God me Defend" का एक छोटा भाग "In Defens" प्रदर्शित है तथा थिसल के क्रम का ध्येयवाक्य "Nemo me impune lacessit"(लैटिन:"कोई भी मुझे उकसा कर आत्महानि से मुक्त नहीं रह सकता"); समर्थक के रूप में एक सिंह और एक यूनिकॉर्न कवच समेत दो लंबी तलवारों का समर्थन करते हैं, जिनपर इंग्लैंड तथा स्कॉटलैंड के ध्वज फहरे कोटे हैं।

ब्रिटेन में महारानी ऍलिज़ाबेथ का आयुधांक। इसके डिज़ाइन को १८३७ में महारानी विक्टोरिया के राज्याभिषेक के समय से उपयोग किया जा रहा है। बाएँ तरफ़ उपस्थित कुलांक, संप्रभु का आधिकारिक कुलांक है, जो शॉटलैंड के अलावा पूरे देश में उपयोग किया जाता है, जबकि दायीं ओर स्कॉटलैंड में उपयोग होने वाला कुलांक प्रदर्शित किया गया है, जो दुसरे वाले से थोड़ा भिन्न है, उसमें स्कोटियाई कुलांक को ज़्यादा तवज्जो दी गयी है।

उपयोग

इतिहास

शाही कुलांक समय और शासक के साथ बदलता रहा है। यह शासक के अधीन राज्यों और उनके दावों को दक्षता है। निम्न तालिका में, [[ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की यूनाइटेड किंगडम की स्थापना के बाद के सारे शासकों द्वारा उपयोग किये गए कुलांकों को अंकित करता है।

स्टुअर्ट शासनकाल (1707–1714)

८ मार्च १७०२ के बाद से महारानी एने इंग्लैंड, स्कॉटलैंड व आयरलैंड की शासक थी। इस तरह से वह स्कॉटलैंड और इंग्लैंड की विलय संधि के बाद ग्रेट ब्रिटेन की पहली महारानी बनीं।

धारक का नाम
(शासक)
धारक का चित्रकुलांकउपयोगटिपण्णी
रानी ऐनी, ग्रेट ब्रिटेन की रानी 1 मई 1707

1 अगस्त 1714
जेम्स २ व ७ की बेटी (ज्येष्ठाधिकार; बिल ऑफ़ राइट्स, 1689); विलय के बाद स्कॉटलैंड और इंग्लैंड की महारानी; (विलय की संधि और विलय के अधिनियम, १७०७)

हैनोवर शासनकाल (1714–1901)

हैनोवर शासनकाल इंग्लैंड की संसद द्वारा पारित किये गये १७०१ के समाधान के अधिनियम का नतीजा था जिसमें पैपिस्ट यानी रोमन कैथोलिकों को सत्ता से दूर रखने की नीति बनाई गई थी।महारानी ऐने की निसंतान मृत्यु के बाद जेम्स षष्ट॰ और प्र॰ की नातिन हैनोवर की सोफिया के पुत्र जॉर्ज प्र॰, रोमन कैथोलिक ना होने की वजह से सत्ता के सबसे प्रबल दावेदार थे।[2]

धारक का नाम
(शासक)
धारक का चित्रकुलांकउपयोगटिप्पणीसंदर्भ
जॉर्ज प्रथम् 1 अगस्त 1714

11 जून 1727
-[3]
जॉर्ज द्वितीय 11 जून 1727

25 अक्टूबर 1760
-[4]
जॉर्ज तृतीय 25 अक्टूबर 1760

29 जनवरी 1820
-[5]
जॉर्ज चतुर्थ
(रीजेंट राजकुमार 1811 से)
29 जनवरी 1820

26 जून 1830
-[6]
विलियम चतुर्थ 26 जून 1830

20 जून 1837
-[7]
विक्टोरिया 20 जून 1837

22 जनवरी 1901
-[8]

सैक्से-कोबर्थ और गोथा का शासन (1901–1917)

धारक का नाम
(शासक)
धारक का चित्रकुलांकउपयोगटिप्पणीसंदर्भ
एडवर्ड सप्तम् 22 जनवरी 1901

6 मई 1910
-[9]

विंडसर शासनकाल (1917–वर्तमान)

धारक का नाम
(शासक)
धारक का चित्रकुलांकउपयोगटिप्पणीसंदर्भ
जॉर्ज पंचम् 6 मई 1910

20 जनवरी 1936
-[10]
एडवर्ड अष्टम् 20 जनवरी 1936

11 दिसम्बर 1936 (पद त्याग)
-[11]
जॉर्ज षष्ठम् 11 दिसम्बर 1936

6 फरवरी 1952
-[12]
एलिज़ाबेथ द्वितीय 6 फरवरी 1952

वर्तमान शासक (2015)
-[13]

अन्य कुलांक

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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