सरल रेखागणित में शून्य चौड़ाई वाला अनन्त लम्बाई वाला एक आदर्श वक्र होता है, यूक्लिडीय ज्यामिति (Euclidean Geometry) के अन्तर्गत दो बिन्दुओं से होकर एक और केवल एक ही रेखा जा सकती है। एक सरल रेखा दो बिदुओं के बीच की लघतुत्तम दूरी प्रदर्शित करती है। सरल रेखा बिन्दुओं का सरलतम बिन्दुपथ होता है।
किसी द्वी-विमीय समतल पर दो सरल रेखाएं या तो समानान्तर होंगी अथवा प्रतिछेदी। इसी प्रकार त्रिविम में दो रेखाएं परस्पर समानान्तर, प्रतिछेदी या skew (न प्रतिछेदी न ही समानान्तर) हो सकती हैं।
ध्रुवीय निर्देशांक (r, θ), और कार्तीय निर्देशांक में सम्बन्ध निम्नलिखित समीकरणों से दर्शाया जा सकता है-
अतः यदि कोई रेखा मूल बिन्दु (0, 0) से होकर नहीं जाती तो उसका ध्रुवीय समीकरण निम्नलिखित होगा-
जहाँ r > 0 तथा यहाँ, p उस रेखा की मूल बिन्दु से दूरी (सदा धनात्मक) और वह कोण है जो मूल बिन्दु से रेखा पर डाला गया लम्ब, x-अक्ष से बनाती है।
सदिश रूप में
यदि कोई रेखा से होकर जाती है और ईकाई सदिश के समान्तर है तो उसका समीकरण निम्नलिखित होगा-
जहाँ कोई वास्तविक संख्या है।
त्रिविम ज्यमिति में
स्पेस में किसी बिन्दु से जाने वाली सरल रेखा का समीकरण
वास्तव में, त्रिबिम स्पेस में सरल रेखा को दो समतलों के प्रतिच्छेद के रूप में देखा जाता है। अतः निम्नलिखित दो समीकरण सम्मिलित रूप से एक रेखा के समीकरण हैं-
वास्तव में उपरोक्त दो समीकरण आलग-अलग दो समतलों को निरूपित करते हैं।