शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय

शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय (१५ सितम्बर, १८७६ - १६ जनवरी, १९३८) बाङ्गलाके सुप्रसिद्ध उपन्यासकार छल। उनकर जन्म हुगली जिलाक देवानन्दपुरमे भेल। ओ अपन माता-पिताक नौ सन्तानमेसँ एक छल। अठारह सालक अवस्थामे ओ प्रवेश पास केलक। एही दिनमे ओ "बासा" (घर) नामसँ एक उपन्यास लिखने छल, परन्तु ई रचना प्रकाशित नै भेल। रवीन्द्रनाथ ठाकुर आ बम्किमचन्द्र चट्टोपाध्यायक ओही पर गहिरा प्रभाव पडल। शरतचन्द्र ललित कलाके छात्र छल लेकिन आर्थिक तंगी के चलते ओ ई विषयक पढाई नै करि सकल। रोजगारक तलाशमे शरतचन्द्र बर्मा गेल आ लोक निर्माण विभागमे क्लर्क के रूपमे काम केलक। किछ समय बर्मा रहिके कलकत्ता लौटेके बाद ओ गम्भीरताक साथ लेखन शुरू करि देलक। बर्मासँ लौटेके बाद ओ अपन प्रसिद्ध उपन्यास श्रीकान्त लिखैके शुरू केलक।[१]

शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय
Sarat Chandra Chattopadhyay
जन्म(१८७६-०९-१५)१५ सितम्बर १८७६
देवानन्दपुर, देवानन्दपुर, पश्चिम बङ्गाल
मृत्यु१६ जनवरी १९३८(१९३८-०१-१६) (६१ वर्ष)
कोलकाता, पश्चिम बङ्गाल, भारत
उपनामअनिला देवी
पेशालेखक
राष्ट्रियताभारतीय
अवधि१९अम शताब्दी
शैलीउपन्यासकार


प्रमुख कृतिसभ

प्रकाशित ग्रन्थ

उपन्यास

नाटक

गल्प

निबन्ध

सन्दर्भ सामग्रीसभ

बाह्य जडीसभ

एहो सभ देखी