हिन्दी भाषा

हिन्दी भाषा सांविधानिकरूपय् भारतयागु छगु भाषा खः। थ्व भारतयागु अत्यधिक जनतातय्सं ल्हाइगु भाय् खः। विश्वय् अधिकं ल्हाइगु भाषाखय् चीनीभाषा लिपा हिन्दीभाषा ला। उत्तरभारतय् थो भाय् येको मनुतय् सं ल्हायी । भारत व अन्य देशय् न हिन्दी-भाय् ल्हा। फिजी, मारिशस्, गयाना, सूरीनाम् आदी देशय् नं ल्हाइ, नेपालदेशय् नं हिन्दी भाषा ल्हाइपिं दु इति ।

परिवार

हिन्दी भारोपेली (Indo-European languages) भाषा परिवारय् दुने ला व। थ्व भारतीय ईरानी (Indo-Iranian languages) शाखाय् हिन्द आर्य (Indo-Aryan language) उपशाखा यागु अन्तर्गतय् वर्गीकृत दु। भारतीय-आर्य भाषा व भाषातः खः जो संस्कृत नं उत्पन्न जुया वगु दु। उर्दू, कश्मीरी, बंगाली, उडिया, पंजाबी, रोमानी, मराठी थें न्यागु भाषात भारतीय-आर्य भाषा खः।


इतिहास क्रम

  • ७५० बी. सी. (ईसा पूर्व)- संस्कृतयागु वैदिक संस्कृत नं क्रमबद्ध विकास ।
  • ५०० बी. सी. - बौद्ध व जैन तेगु भाषा प्राकृतयागु विकास (पूर्वी भारत) ।
  • ४०० बी. सी. - पाणिनी नं संस्कृत व्याकरण च्वयादिल (पश्चिमी भारत) । वैदिक संस्कृत नं पाणिनी यागु काव्य संस्कृतयागु मानकीकरण ।

संस्कृतयागु उदगम।

  • ३२२ बी. सी. - मौर्यतेसं ब्राह्मी लिपि यागु देकेज्या।
  • २५० बी. सी. - आदि संस्कृतयागु विकास। (आदि संस्कृत नं बिस्तारं १०० बी. सी. तक्क प्राकृततेगु थाय् काल।)
  • ३२० ए. डी. (ईसवी)- गुप्त वा सिद्ध मात्रिका लिपी यागु विकास ।

अपभ्रंश व आदि हिन्दीयागु विकास

  • ४०० - कालीदास नं "विक्रमोवशीर्यम्" अपभ्रंशय् च्वयादिल।
  • ५५० - वल्लभीयागु दर्शनय् अपभ्रंश यागु छ्येलेज्या।
  • ७६९ - सिद्ध सारहपद (हिन्दीयागु आदि कवि) नं "दोहाकोश" च्वयादिल।
  • ७७९ - उदयोतन सुरी यागु "कुवलयमल" य् अपभ्रंश यागु छ्येलेज्या।
  • ८०० - संस्कृतय् यक्व च्वया तल।
  • ९९३ - देवसेन यागु "शवकचर" (हिन्दीयागु न्हापांगु सफू जुइ फु)।
  • ११०० - आधुनिक देवनागरी लिपी यागु प्रथम स्वरूप।
  • ११४५-१२२९ - हेमचन्द्र नं अपभ्रंश व्याकरणयागु देकेज्या यानादिल।

अपभ्रंश यागु अस्त व आधुनिक हिन्दीयागु विकास

  • १२८३ - आमिर खुसरो यागु पहेली व मुकरिसय् "हिन्दवी" खंग्वयागु सर्वप्रथम छ्येलेज्या।
  • १३७० - "हंसवाली" यादु आसहात नं प्रेम कथातेगु न्ह्येथनेज्या यानादिल।
  • १३९८-१५१८ - कबीर यागु रचनातेसं निर्गुण भक्तियागु नींव तयादिल।
  • १४००-१४७९ - अपभ्रंशयागु आखरी महान चिनाखंमि रघु
  • १४५० - रामानन्द नापं "सगुण भक्ती" यागु शुरुआत।
  • १५८० - शुरुआती द]क्खिनी का कार्य "कालमितुल हाकायत्" -- बुर्हनुद्दिन जनम द्वारा।
  • १५८५ - नवलदास ने "भक्तामल" लिखी।
  • १६०१ - [[बनारसीदास] ने हिन्दी की पहली आत्मकथा "अर्ध कथानक्" लिखी।
  • १६०४ - गुरु अर्जुन देव ने कई कविओं की रचनाओं का संकलन "आदि ग्रन्थ" निकाला।
  • १५३२ -१६२३ तुलसीदास ने "रामचरित मानस" की रचना की।
  • १६२३ - जाटमल ने "गोरा बादल की कथा" (खडी बोली की पहली रचना) लिखी।
  • १६४३ - रामचन्द्र शुक्ला ने "रीति" के द्वारा काव्य की शुरुआत की।
  • १६४५ - उर्दू की शुरुआत।

आधुनिक हिन्दी

  • १७९६ - देवनागरी रचनाओं की शुरुआती छ्पाई।
  • १८२६ - "उदन्त मार्तण्ड" हिन्दी का पहला साप्ताहिक।
  • १८३७ - ओम् जय जगदीश" के रचियता पुल्लोरी क जन्म ।
  • 1950 - हिन्दी भारत की राजभाषा के रुप में स्थापित।
  • 2000 - आधुनिक हिंदी का अंतर्राष्ट्रीय विकास





स्वर शास्त्र

(Phonology of Hindi)

देवनागरी लिपि में हिन्दी की ध्वनियाँ इस प्रकार हैं :

स्वर

ये स्वर आधुनिक हिन्दी (खड़ीबोली) के लिये दिये गये हैं ।

वर्णाक्षर“प” के साथ मात्राIPA उच्चारण"प्" के साथ उच्चारणIAST समतुल्यअंग्रेज़ी समतुल्यहिन्दी में वर्णन
/ ə // pə /ashort or long en:Schwa: as the a in above or agoबीच का मध्य प्रसृत स्वर
पा/ α: // pα: /ālong en:Open back unrounded vowel: as the a in fatherदीर्घ विवृत पश्व प्रसृत स्वर
पि/ i // pi /ishort en:close front unrounded vowel: as i in bitह्रस्व संवृत अग्र प्रसृत स्वर
पी/ i: // pi: /īlong en:close front unrounded vowel: as i in machineदीर्घ संवृत अग्र प्रसृत स्वर
पु/ u // pu /ushort en:close back rounded vowel: as u in putह्रस्व संवृत पश्व वर्तुल स्वर
पू/ u: // pu: /ūlong en:close back rounded vowel: as oo in schoolदीर्घ संवृत पश्व वर्तुल स्वर
पे/ e: // pe: /elong en:close-mid front unrounded vowel: as a in game (not a diphthong)दीर्घ अर्धसंवृत अग्र प्रसृत स्वर
पै/ æ: // pæ: /ailong en:near-open front unrounded vowel: as a in catदीर्घ लगभग-विवृत अग्र प्रसृत स्वर
पो/ ο: // pο: /olong en:close-mid back rounded vowel: as o in tone (not a diphthong)दीर्घ अर्धसंवृत पश्व वर्तुल स्वर
पौ/ ɔ: // pɔ: /aulong en:open-mid back rounded vowel: as au in caughtदीर्घ अर्धविवृत पश्व वर्तुल स्वर
<none><none>/ ɛ // pɛ /<none>short en:open-mid front unrounded vowel: as e in getह्रस्व अर्धविवृत अग्र प्रसृत स्वर


व्यंजन

जब किसी स्वर प्रयोग नहीं हो, तो वहाँ पर 'अ' माना जाता है । स्वर के न होने को हलन्त्‌ अथवा विराम से दर्शाया जाता है । जैसे कि क्‌ ख्‌ ग्‌ घ्‌ ।

Plosives / स्पर्श
अल्पप्राण
अघोष
महाप्राण
अघोष
अल्पप्राण
घोष
महाप्राण
घोष
नासिक्य
कण्ठ्य/ kə /
k; English: skip
/ khə /
kh; English: cat
/ gə /
g; English: game
/ gɦə /
gh; Aspirated /g/
/ ŋə /
n; English: ring
तालव्य/ cə / or / tʃə /
ch; English: chat
/ chə / or /tʃhə/
chh; Aspirated /c/
/ ɟə / or / dʒə /
j; English: jam
/ ɟɦə / or / dʒɦə /
jh; Aspirated /ɟ/
/ ɲə /
n; English: finch
मूर्धन्य/ ʈə /
t; American Eng: hurting
/ ʈhə /
th; Aspirated /ʈ/
/ ɖə /
d; American Eng: murder
/ ɖɦə /
dh; Aspirated /ɖ/
/ ɳə /
n; American Eng: hunter
दन्त्य/ t̪ə /
t; Spanish: tomate
/ t̪hə /
th; Aspirated /t̪/
/ d̪ə /
d; Spanish: donde
/ d̪ɦə /
dh; Aspirated /d̪/
/ nə /
n; English: name
ओष्ठ्य/ pə /
p; English: spin
/ phə /
ph; English: pit
/ bə /
b; English: bone
/ bɦə /
bh; Aspirated /b/
/ mə /
m; English: mine
Non-Plosives / स्पर्शरहित
तालव्य मूर्धन्य दन्त्य/
वर्त्स्य
कण्ठोष्ठ्य/
काकल्य
अन्तस्थ/ jə /
y; English: you
/ rə /
r; Scottish Eng: trip
/ lə /
l; English: love
/ ʋə /
v; English: vase
ऊष्म/
संघर्षी
/ ʃə /
sh; English: ship
/ ʂə /
sh; Retroflex /ʃ/
/ sə /
s; English: same
/ ɦə / or / hə /
h; English home


वर्णाक्षर (IPA उच्चारण)उदाहरणवर्णनअंग्रेज़ी वर्णनग़लत उच्चारण
क़ (/ q /)क़त्लअघोष अलिजिह्वीय स्पर्शVoiceless uvular stop (/ k /)
ख़ (/ x or χ /)ख़ासअघोष अलिजिह्वीय या कण्ठ्य संघर्षीVoiceless uvular or velar fricative (/ kh /)
ग़ (/ ɣ or ʁ /)ग़ैरघोष अलिजिह्वीय या कण्ठ्य संघर्षीVoiced uvular or velar fricative (/ g /)
फ़ (/ f /)फ़र्कअघोष दन्त्यौष्ठ्य संघर्षीVoiceless labio-dental fricative (/ ph /)
ज़ (/ z /)ज़ालिमघोष वर्त्स्य संघर्षीVoiced alveolar fricative (/ dʒ /)
ड़ (/ ɽ /)पेड़अल्पप्राण मूर्धन्य उत्क्षिप्तUnaspirated retroflex flap-
ढ़ (/ ɽh /)पढ़नामहाप्राण मूर्धन्य उत्क्षिप्तAspirated retroflex flap-

हिन्दी में ड़ और ढ़ व्यंजन फ़ारसी या अरबी से नहीं लिये गये हैं, न ही ये संस्कृत में पाये जाये हैं । असल में ये संस्कृत के साधारण और के बदले हुए रूप हैं ।

हिन्दी की गिनती

हिन्दी की गिनती

व्याकरण

देखिये हिन्दी व्याकरण

हिन्दी में सिर्फ़ दो ही लिंग होते हैं : स्त्रीलिंग और पुल्लिंग । कोई वस्तु या जानवर या वनस्पती या भाववाचक संज्ञा स्त्रीलिंग है या पुल्लिंग, इसका भेद सिर्फ़ रिवाज़ से होता है, जिसे याद करना पड़ता है ( कभी-कभी संज्ञा के अन्त-स्वर से भी पता चल जाता है ) । संज्ञा में तीन शब्द-रूप हो सकते हैं -- प्रत्यक्ष रूप, अप्रत्यक्ष रूप और संबोधन रूप । सर्वनाम में कर्म रूप और सम्बन्ध रूप भी होते हैं, पर सम्बोधन रूप नहीं होता । संज्ञा और -कारन्त विशेषण में प्रत्यय द्वारा रूप बदला जाता है । सर्वनाम में लिंग-भेद नहीं होता । क्रिया के भी कई रूप होते हैं, जो प्रत्यय और सहायक क्रियाओं द्वारा बदले जाते हैं । क्रिया के रूप से उसके विषय संज्ञा या सर्वनाम के लिंग और वचन का भी पता चल जात है । हिन्दी में दो वचन होते हैं-- एकवचन और बहुवचन । किसी शब्द की वाक्य में जगह बताने के लिये कई कारक होते हैं, जो शब्द के बाद आते हैं (postpositions) । अगर संज्ञा को कारक के साथ ठीक से रखा जाये तो वाक्य में शब्द-क्रम काफ़ी मुक्त होता है ।

हिन्दी और कम्प्यूटर

कम्प्यूटर और इन्टरनेट ने पिछ्ले वर्षों मे विश्व मे सूचना क्रांति ला दी है । आज कोई भी भाषा कम्प्यूटर (तथा कम्प्यूटर सदृश अन्य उपकरणों) से दूर रहकर लोगों से जुड़ी नही रह सकती। कम्प्यूटर और के विकास के आरम्भिक काल में अंग्रेजी को छोडकर विश्व की अन्य भाषाओं के कम्प्यूतर पर प्रयोग की दिशा में बहुत कम ध्यान दिया गया जिससे कारण सामान्य लोगों में यह गलत धारणा फैल गयी कि कम्प्यूटर अंगरेजी के सिवा किसी दूसरी भाषा(लिपि) में काम ही नही कर सकता। किन्तु यूनिकोड(Unicode) के पदार्पण के बाद स्थिति बहुत तेजी से बदल गयी।
इस समय हिन्दी में सजाल (websites), चिट्ठे (Blogs), विपत्र (email), गपशप (chat), खोज (web-search), सरल मोबाइल सन्देश (SMS) तथा अन्य हिन्दी सामग्री उपलब्ध हैं। इस समय अन्तरजाल पर हिन्दी में संगणन के संसाधनों की भी भरमार है और नित नये कम्प्यूटिंग उपकरण आते जा रहे हैं। लोगों मे इनके बारे में जानकारी देकर जागरूकता पैदा करने की जरूरत है ताकि अधिकाधिक लोग कम्प्यूटर पर हिन्दी का प्रयोग करते हुए अपना, हिन्दी का और पूरे हिन्दी समाज का विकास करें।

हिन्दी फ़िल्म

मुख्य लेख: हिन्दी सिनेमा

हिन्दी सिनेमा का उल्लेख किये बग़ैर हिन्दी का कोई भी लेख अधूरा होगा । मुम्बई मे स्थित "बॉलिवुड" हिन्दी फ़िल्म उद्योग पर भारत के करोड़ो लोगों की धड़्कनें टिकी रहती हैं । हर फ़िल्म में कई संगीतमय गाने होते हैं । हिन्दी और उर्दू (खड़ीबोली) के साथ साथ अवधी, बम्बइया हिन्दी, भोजपुरी, राजस्थानी जैसी बोलियाँ भी संवाद और गानों मे उपयुक्त होते हैं । प्यार, देशभक्ति, परिवार, अपराध, भय, इत्यादि मुख्य विषय होते हैं । ज़्यादातर गाने उर्दू शायरी पर आधारित होते हैं । कुछ हिट फ़िल्मे हैं : महल (1949), श्री 420 (1955), मदर इंडिया (1957), मुग़ल-ए-आज़म (1960), गाइड (1965), पाकीज़ा (1972), बॉबी (1973), ज़ंजीर (1973), यादों की बारात (1973), दीवार (1975), शोले (1975), मिस्टर इंडिया (1987), क़यामत से क़यामत तक (1988), मैंने प्यार किया (1989), जो जीता वही सिकन्दर (1991), हम आपके हैं कौन (1994), दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे (1995), दिल तो पागल है (1997), कुछ कुछ होता है (1998), ताल (1999), कहो ना प्यार है (2000), लगान (2001), दिल चाहता है (2001), कभी ख़ुशी कभी ग़म (2001), देवदास (2002), साथिया (2002), मुन्ना भाई MBBS (2003), कल हो ना हो (2003), धूम (2004), वीर-ज़ारा (2004), स्वदेस (2004), सलाम नमस्ते (2005), रंग दे बसंती (2006) इत्यादि ।

यह भी देखिए

  • भारत की भाषाएँ
  • हिन्दी साहित्य
  • हिन्दी की लघु-पत्रिकायें
  • हिन्दी की साहित्यिक पत्रिकायें
  • हिन्दी विक्षनरी
  • हिन्दी (विक्षनरी)

बाहरी कड़ियाँ

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