कालाहारी मरुस्थल

कालाहारी विश्व का एक विशाल मरूस्‍थल है। कालाहारी मरुस्थल का क्षेत्र दक्षिणवर्ती अफ़्रीका के बोत्सवाना, नामीबिया तथा दक्षिण अफ़्रीका देशों की सीमा में लगभग 9 लाख वर्ग किलोमीटर में विस्तृत है। इसको आवृत करने वाली कालाहारी घाटी 25 लाख वर्ग किलोमीटर में फैली है। मरुस्थल में सालाना 8-19 सेमी वर्षा होती है। इसके कुछ हिस्सों में साल में तीन महीने वर्षा होती है जिसकी वजह से यहाँ पशुओं की आबादी भी देखने को मिलती है। यहाँ रहने वाली जनजातियों को बुशमैन कहा जाता है। 1980 के दशक में यहाँ के वन्य जीव संरक्षण के कई उपाय हुए। यह एक उष्ण कटिबंधीय मरुस्थल है। इसके पश्चिम में नामीब मरुस्थल है। कालाहारी में दो बड़े नमक के मैदान भी है। इसके उत्तर पश्चिम में ओकावंगो नदी डेल्टा बनाती है जो वन्यजीवन से भरपूर है।इस रेगिस्तान में पाई जाने वाली रेत भी भिन्न-भिन्न स्थानों पर भिन्न- भिन्न रंग की होती है। कुछ लोगकालाहारी को रेगिस्तान नहीं मानते, क्योंकि यहाँ पर वर्षा का स्तर काफ़ी अच्छा है। जाड़े के दिनों में यहाँ का तापमान जमाव बिन्दु से नीचे चला जाता है। इस रेगिस्तान में जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की विभिन्न प्रजातियाँ पाई जाती हैं।यह रेगिस्तान अपने खनिजों के लिए बहुत प्रसिद्ध है, यहाँ हीरा ,निकल तथा यूरेनियम आदि के पर्याप्त भण्डार मौजूद हैं।यह रेगिस्तान दक्षिण में 'ओरेंज नदी तथा उत्तर में जाम्बेजी नदी के बीच स्थित है।'कालाहारी' शब्द संभवतः 'कीर' से बना है, जिसका अर्थ होता है-'बेहद प्यास'। यह भी कहा जाता है कि कालाहारी एक विशेष जनजातीय शब्द है,जो 'कालागारी'अथवा 'कालागारे' से उत्पन्न हुआहै, जिसका अर्थ होता है-'जलविहीन स्थान'। अन्य रेगिस्तानों की भांति इस स्थानपर भी रेत के टीले व बजरी के समतल क्षेत्र हैं। यहाँ के टीले लगभग स्थिर रहते हैं। कालाहारी रेगिस्तान में अधिकतर रेत बहुत महीनतथा कहीं-कहीं पर लाल रंग तो कहीं पर स्लेटी रंग की होती है। यह विवाद का विषय हैकि क्या कालाहारी वास्तविकरूप में एक रेगिस्तान हैं? कुछ लोगों का यह मानना है कि कालाहारी को रेगिस्तानकी श्रेणी में नहीं रखा जा सकता।इसका कारण यह है,क्योंकि यहाँ पर वर्षा का स्तर250 से.मी. से अधिक रहता है। इस रेगिस्तान का अधिकांश क्षेत्र जीवाश्म-रेगिस्तानमाना गया है। रेगिस्तान का दक्षिण-पश्चिमी भागअति शुष्क है। यहाँ ग्रीष्म ऋतु में तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से 40 डिग्री सेल्सियस के मध्यरहता है। जबकि शीतकाल में यहाँ का तापमान जमाव बिंदु से भी नीचे चला जाता है। कालाहारी रेगिस्तान में शेर ,लकड़बघ्घा, हिरन तथा अनेक प्रकार के सरीसृप और पक्षी पाएजाते हैं। कालाहारी रेगिस्तान में 400 से अधिक वनस्पतियाँ पाई जाती हैं। लेकिन बबूल की झाडियाँ तथा अन्य घास यहाँ बड़ी मात्रा मेंपैदा होती हैं। कालाहारी रेगिस्तान में निवासकरने वाले लोगों में अधिकतरखानाबदोश यानी 'यायावर'लोग ही हैं, जो प्राय:अपना स्थान बदलते रहते हैं। यहाँ केस्थाई निवासियों को बुशमैनकहा जाता है। यह लोग अनेकजनजातीय लोगों का मिला-जुला नाम है। बुशमैन जाति केलोग कालाहारी केरेगिस्तानी क्षेत्र में पिछले बीसहज़ार वर्षों से निवास कर रहे हैं। वे धनुष और जहर वाले तीर के साथ जंगली जानवरों का शिकार करते है।ये लोग रेगिस्तानी जमीन के नीचे उगने वाले पौधों के जड़ों और खरबूजों से आवश्यक जल प्राप्त कर लेते है।शुतुरमुर्ग के अंडे में जल संचित कर लेते है। ये लोग लम्बी घास और शाखाओं से बनी झोपड़ी में रहते है।इस मरुभूमि में समुचित मात्रा मेंकोयला , हीरा , ताँबा , निकलतथा यूरेनियम के भंडार उपस्थितहैं। विश्व में हीरों की प्रमुखखदानों में पूर्वोत्तरकालाहारी के आरोपा

कालाहारी मरुस्थल तथा इसको आवृत करने वाली कालाहारी घाटी का क्षेत्र

है।

सन्दर्भ

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