गुयुक ख़ान
गुयुक ख़ान या गोयोक ख़ान (मंगोल: Гүюг хаан, फ़ारसी: گویوک خان, अंग्रेजी: Güyük Khan;; १२०६ ई - १२४८ ई अनुमानित जीवनकाल) मंगोल साम्राज्य का तीसरा ख़ागान (सर्वोच्च ख़ान) था। वह चंगेज़ ख़ान का पोता और ओगताई ख़ान का सबसे बड़ा पुत्र था। सन् १२४८ में सफ़र करते हुए अज्ञात कारणों से उसकी मृत्यु हो जाने के बाद उसके चाचा तोलुइ ख़ान का पुत्र मोंगके ख़ान ख़ागान बना।[1]
पोप के साथ पत्र-व्यवहार
पश्चिमी इतिहासकारों ने गुयुक ख़ान के उस समय के पोप इनोसेंट (Pope Innocent) के साथ हुए पत्र-व्यवहार को काफ़ी महत्व देते हैं। पोप ने गुयुक से शिकायत की थी की उसने पोप की धार्मिक व्यवस्था के अधीन के कुछ कैथोलिक देशों पर हिंसात्मक आक्रमण किया था। गुयुक ने जवाब दिया कि मंगोलों का ध्येय विश्व पर राज करना है। उसने कहा के कि यह वही देश थे जहाँ मंगोलों द्वारा भेजे गए दूतों को मार डाला गया था और अब उन्हें सज़ा दी जा रही थी। उसने पोप से पत्र में साफ़ कहा कि 'या तो अपने सारे राजाओं को लेकर हमारे अधीन हो जाओ और हमारे आदेशों का पालन करो, वरना हम तुम्हे शत्रु मानेंगे'।[2]