चोर के घर चोर (१९७८ फ़िल्म)

हिन्दी भाषा में प्रदर्शित चलवित्र

चोर के घर चोर १९७८ की एक हिन्दी एक्शन कॉमेडी फिल्म है।[3][4][5] विजय सदानाह द्वारा निर्देशित इस फिल्म की कहानी ज्वालामुखी ने लिखी है, तथा डायलाग एहसान रिजवी ने लिखे हैं। अशोक कुमार, प्राण, जीनत अमान तथा रणधीर कपूर फिल्म में मुख्य भूमिकाओं में हैं। फिल्म की कहानी एक देवी की प्रतिमा के इर्द गिर्द घूमती है, जिसे हर कोई प्राप्त करना चाहता है।

चोर के घर चोर
निर्देशक विजय सदानाह[1]
अभिनेता अशोक कुमार
प्राण
जीनत अमान
रणधीर कपूर
संगीतकार कल्याणजी आनंदजी[2]
प्रदर्शन तिथि
१९७८
देश भारत
भाषा हिन्दी

कथानक

राजकुमारी ओफेलिया, देवी मां की प्रतिमा प्राप्त करना चाहती हैं, जो प्रतापगढ़ में स्थित है। इस काम को पूरा करने के लिए वह शेर सिंह को नियुक्त करती हैं, और उसके सफल हो जाने पर उससे शादी करने की बात कहती हैं। शेर सिंह प्रतिमा लेने के लिए निकल पड़ता है, लेकिन उसके वहां पहुँचने से पहले ही, ठाकुर वह प्रतिमा ले जा चुका होता है।

प्रतिमा विस्थापित होने के कारण ठाकुर पर देवी माँ का क्रोध टूट पड़ता है, और उसके बेटे की मृत्यु हो जाती है। कुम्भ मेले के दिन उसके परिवार के बाकी सदस्यों की भी मृत्यु न हो जाए, इस आशंका के कारण वह अपने भाई, रणजीत को यह सुनिश्चित करने के लिए कहता है कि प्रतिमा को मंदिर में वापस रख दिया जाए, लेकिन रणजीत ऐसा करने में असफल हो जाता है, और इस कारण वह अपनी बेटी, मीना से अलग हो जाता है, और पागल हो जाता है। रामलाल, जिसके पास वह प्रतिमा होती है, गायब हो जाता है; और उसकी पत्नी अपने बेटे, बिरजू से अलग हो जाती है, और उसका बहनोई, मंगल, राणा की हत्या के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया जाता है। मंगल को जेल में कैद कर दिए जाता है। इस सब के बाद उसकी पत्नी मंगल के बेटे शेखर के साथ बंबई में रहने के लिए चली जाती है।

वर्षों बाद, रामलाल का पुत्र बिरजू बड़ा हो चूका होता है और आजीविका के लिए छोटी मूर्तियां बनाता है; मीना सड़कों पर नृत्य का करती है, और उसकी सहयोगी उसकी एक गाय है; मंगल एक गैंगस्टर है; शेर सिंह अभी भी प्रतिमा की तलाश में लगा है; और रंजीत अभी भी पागल है। शेखर नाटकीय रूप से उस प्रतिमा को खोज निकालता है, और एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए इसे सुरक्षा के तहत रखता है। परन्तु वह प्रतिमा फिर चोरी हो जाती है, और इस बार उसके बारे में किसी को भी पता नहीं होता।

पात्र

संगीत

चोर के घर चोर
फ़िल्म एल्बम कल्याणजी आनंदजी द्वारा
जारी १९७८
संगीत शैली फ़िल्म संगीत
लंबाई १३:०४
लेबल यूनिवर्सल

सभी गीत वर्मा मलिक द्वारा लिखित; सारा संगीत कल्याणजी आनंदजी द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."चोर के घर चोर"महेंद्र कपूर, मन्ना डे३:१९
2."हो सके तो करलो मुझसे प्यार"अमित कुमार, कंचन३:१५
3."नथनिया कागा लेकर भागा"आशा भोंसले३:०९
4."गली गली में घुसकर"महेंद्र कपूर, मन्ना डे३:२१
कुल अवधि:१३:०४

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

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