टी. एस. त्रिमूर्ति
टी एस त्रिमूर्ति (अंग्रेज़ी: T. S. Tirumurti) न्यूयार्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त हैं।[1] वे भारतीय विदेश सेवा के वर्ष 1985 बैच के अधिकारी हैं तथा उन्होने इस पद पर सैयद अकबरुद्दीन का स्थान लिया है।[2] इससे पूर्व वे भारतीय विदेश मंत्रालय में सचिव के पद पर नियुक्त थे।
टी एस त्रिमूर्ति | |
---|---|
जन्म | टी एस त्रिमूर्ति |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
नागरिकता | भारतीय |
प्रारंभिक जीवन
तिरुमूर्ति का जन्म 7 मार्च 1962 चेन्नई में हुआ था।[3] वह वाणिज्य और कानून में स्नातक की डिग्री रखते हैं। उनका विवाह गौरी तिरुमूर्ति से हुआ और उनके दो बच्चे हैं, बेटी भवानी और बेटा विश्वजीत।[4]
कैरियर
तिरुमूर्ति ने जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र में स्थायी मिशन में काम किया और गाजा पट्टी में फिलिस्तीनी प्राधिकरण के लिए भारत के पहले प्रतिनिधि थे। उन्होंने वाशिंगटन, डीसी, दूतावास में काउंसलर के रूप में कार्य किया; जकार्ता, इंडोनेशिया में दूतावास में मिशन के उप प्रमुख के रूप में; और कुआलालंपुर, मलेशिया में उच्चायुक्त के रूप में कार्य किया। [5] नई दिल्ली में भारत सरकार में अवर सचिव (भूटान), निदेशक (विदेश सचिव कार्यालय), संयुक्त सचिव (बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार और मालदीव) के साथ-साथ संयुक्त सचिव (संयुक्त राष्ट्र) की जिम्मेदारी भी संभाली।[3]
पुस्तकों के लेखक
तिरुमूर्ति ने निम्नलिखित पुस्तकें लिखी हैं:[4]
- किसिंग द हेवन - कैलाश मानसरोवर यात्रा (1999)
- क्लाइव एवेन्यू (2002)
- चेन्नईवासी (2012)