डल झील
डल झील श्रीनगर, कश्मीर की एक प्रसिद्ध झील है। १८ किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई यह झील तीन दिशाओं से पहाड़ियों से घिरी हुई है। यह जम्मू-कश्मीर की दूसरी सबसे बड़ी झील है। इसमें सोतों से तो जल आता है साथ ही कश्मीर घाटी की अनेक झीलें आकर इसमें मिलती हैं। इसके चार प्रमुख जलाशय हैं गगरीबल, लोकुट डल, बोड डल तथा नागिन। लोकुट डल के मध्य में रूपलंक द्वीप स्थित है तथा बोड डल जलधारा के मध्य में सोनालंक द्वीप स्थित है। भारत की सबसे सुंदर झीलों में इसका नाम लिया जाता है। पास ही स्थित मुगल वाटिका से डल झील का सौंदर्य अप्रतिम नज़र आता है। पर्यटक जम्मू-कश्मीर आएँ और डल झील देखने न जाएँ ऐसा हो ही नहीं सकता।[2]
डल झील | |
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स्थान | श्रीनगर, जम्मू एवं कश्मीर, भारत |
निर्देशांक | 34°07′N 74°52′E / 34.117°N 74.867°E 74°52′E / 34.117°N 74.867°E |
जलसम्भर | ३१६,०००,००० मी.²[1] |
द्रोणी देश | भारत |
सतही क्षेत्रफल | २१, २००,००० मी.² |
अधिकतम गहराई | ६ मी. |
जल आयतन | ९,८३०,००० मी³ |
तट लम्बाई1 | १५,५०० मी. |
हिमीकरण | जनवरी |
बस्तियाँ | श्रीनगर |
1 तट लम्बाई का मापन सटीक नहीं होता है |
डल झील के मुख्य आकर्षण का केन्द्र है यहाँ के शिकारे या हाउसबोट। सैलानी इन हाउसबोटों में रहकर झील का आनंद उठा सकते हैं। नेहरू पार्क, कानुटुर खाना, चारचीनारी आदि द्वीपों तथा हज़रत बल की सैर भी इन शिकारों में की जा सकती है। इसके अतिरिक्त दुकानें भी शिकारों पर ही लगी होती हैं और शिकारे पर सवार होकर विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ भी खरीदी जा सकती हैं।[3] तरह तरह की वनस्पति झील की सुंदरता को और निखार देती है। कमल के फूल, पानी में बहती कुमुदनी, झील की सुंदरता में चार चाँद लगा देती है। सैलानियों के लिए विभिन्न प्रकार के मनोरंजन के साधन जैसे कायाकिंग (एक प्रकार का नौका विहार), केनोइंग (डोंगी), पानी पर सर्फिंग करना तथा ऐंगलिंग (मछली पकड़ना) यहाँ पर उपलब्ध कराए गए हैं। डल झील में पर्यटन के अतिरिक्त मुख्य रूप से मछली पकड़ने का काम होता है।[4]
आवागमन
वायुमार्ग
श्रीनगर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा है। जम्मू, दिल्ली तथा मुंबई से यहां के लिए नियमित उड़ानें हैं।
रेल व सड़क मार्ग
नजदीकी रेल सेवा जम्मू में स्थित है तथा वहाँ का नेशनल हाईवे एनएच1ए कश्मीर घाटी को देश के अन्य भागों से जोड़ता है। इन पहाड़ी स्थलों तक पहुँचने में दस से बारह घंटे लगते हैं। इस यात्रा के दौरान पर्यटक यहाँ की प्रसिद्ध जवाहर सुरंग को निहार सकते हैं। श्रीनगर रेल मार्ग द्वारा अनंतनाग, क़ाज़ीगुंड तक जुड़ा है। जून २०१६ में क़ाज़ीगुंड से बनिहाल तक, भारत की सबसे बड़ी सुरंग के रास्ते, रेल सेवा शुरु कर दी गयी है।[5]
डल झील दुनिया की पहली झील है जहाँ बेतार इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध हैं।[6][7]
स्रोत:[1] | जन | फ़र | मा | अप्रै | मई | जून | जुल | अग | सितं | अक्तू | नवं | दिसं | वार्षिक |
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औसत तापमान (°से.) | ० | ३ | ९ | १४ | १८ | २२ | २४ | २३ | २० | १४ | ३ | ५ | - |
वर्षा (मि.मी.) | ७० | ७५ | ९२ | ९० | ६० | ३६ | ५५ | ६२ | ४० | ३६ | ११ | ३८ | ६५५ |
उपयोग और आकर्षण
झील आगंतुक आकर्षण और ग्रीष्मकालीन रिसॉर्ट के रूप में लोकप्रिय है। दाल पर मत्स्य पालन और भोजन और चारे के पौधों की कटाई भी महत्वपूर्ण है।[8] झील से खरपतवार निकाले जाते हैं और बगीचों के लिए खाद में बदल दिए जाते हैं। यह झेलम नदी के बाढ़ फेफड़े के रूप में भी कार्य करता है।[9] तैरना, नौका विहार, स्नो स्कीइंग (विशेष रूप से जब झील गंभीर सर्दियों के दौरान जम जाती है), और कैनोइंग झील पर अभ्यास की जाने वाली कुछ जल क्रीड़ा गतिविधियों में से एक हैं।
शंकराचार्य मंदिर
शंकराचार्य मंदिर को ज्येष्ठेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर, भारत में ज़बरवान रेंज पर शंकराचार्य पहाड़ी के शीर्ष पर है। यह भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर घाटी तल से 1,000 फीट (300 मीटर) की ऊंचाई पर है और श्रीनगर शहर को देखता है।
हाउसबोट और शिकारा
हाउसबोट्स और डल व्यापक रूप से श्रीनगर से जुड़े हुए हैं और ब्रिटिश रीति-रिवाजों के अनुसार बनाए गए "फ्लोटिंग पैलेस" के उपनाम हैं। हाउसबोट आम तौर पर स्थानीय देवदार की लकड़ी से बने होते हैं और लंबाई में 24-38 मीटर (79-125 फीट) और चौड़ाई में 3-6 मीटर (9.8-19.7 फीट) मापते हैं और स्तर के अनुसार होटलों के समान श्रेणीबद्ध होते हैं। आराम। उनमें से कई में शानदार ढंग से सजाए गए कमरे हैं, जिनमें बरामदा और सन-डेक के रूप में या शाम के कॉकटेल परोसने के लिए एक छत है। वे मुख्य रूप से झील के पश्चिमी परिधि के साथ, डल गेट के आसपास के क्षेत्र में झील के किनारे के बुलेवार्ड के करीब और झील में छोटे द्वीपों पर स्थित हैं। वे एक नाव से दूसरी नाव तक पहुंच प्रदान करने वाले इंटरकनेक्टिंग पुलों के साथ व्यक्तिगत रूप से लंगर डाले हुए हैं। किचन-बोट को मुख्य हाउसबोट से जोड़ा जाता है, जो नाव चलाने वाले और उनके परिवार के निवास के रूप में भी काम करता है।
प्रत्येक हाउसबोट में मेहमानों को किनारे तक लाने ले जाने के लिए एक विशेष शिकारा होता है।[10] एक शिकारा एक छोटी पैडल वाली टैक्सी नाव होती है, जो अक्सर लगभग 15 फीट (4.6 मीटर) लंबी होती है और एक चंदवा और कुदाल के आकार के तल के साथ लकड़ी से बनी होती है। यह कश्मीर घाटी का एक सांस्कृतिक प्रतीक है, जिसका उपयोग न केवल आगंतुकों को लाने-ले जाने के लिए किया जाता है, बल्कि फलों, सब्जियों और फूलों को बेचने के लिए भी किया जाता है; मछली पकड़ने और जलीय वनस्पति की कटाई के लिए।[10]
फ्लोटिंग पोस्ट ऑफिस
जम्मू और कश्मीर राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा 2011 में डल झील पर फ्लोटिंग डाकघर सह संग्रहालय का उद्घाटन किया गया था।[11][12] यह डल झील के पश्चिमी किनारे पर स्थित है।[13][14] 2011 से पहले इसे नेहरू पार्क डाकघर कहा जाता था। इस स्थान पर एक डाक टिकट संग्रहालय भी होगा।[15] पोस्टकार्ड घाट नंबर -1, बुडियार चौक से खरीदे जा सकते हैं और फ्लोटिंग पोस्ट ऑफिस इस पर एक डाक टिकट लगाता है।
- Floating Post Office - Dal Lake - Srinagar- Jammu and Kashmir
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- Floating Post Office, Dal Lake