ढाल ज्वालामुखी

बेसाल्ट प्रवाह को छोड़कर पृथ्वी पर पाये जाने वाले सभी ज्वालामुखीयों मे शील्ड ज्वालामुखी सबसे विशाल है। ढाल ज्वालामुखी जिसे शील्ड ज्वालामुखी, भी कहा जाता है, ज्वालामुखियों का एक प्रकार है। इन ज्वालामुखियों का निर्माण आमतौर पर लगभग पूरी तरह से तरल लावा प्रवाह के द्वारा होता है। इन ज्वालामुखियों का यह विशिष्ट नाम इसलिए पड़ा है क्योंकि, देखने में यह किसी योद्धा की ढाल के समान प्रतीत होते हैं, यानि एक ढाल के समान इनका आकार बड़ा और पार्श्व ऊँचाई कम होती है। इन ज्वालामुखियों के द्वारा उद्गारित अत्यधिक तरल लावा, जो कि अन्य अधिक विस्फोटक ज्वालामुखियों से निकले लावे की तुलना में अधिक दूर तक बहता है और लावे की एक व्यापक चादर का निर्माण कर, किसी ढाल ज्वालामुखी को इसका यह विशिष्ट रूप का प्रदान करता है।[1] हवाई ज्वालामुखी भी इसका उदाहरण है।

एक परिपक्व ढाल ज्वालामुखी में लावा प्रवाह की कई परतों को दिखाता, ढाल ज्वालामुखी का एक आरेख।

सन्दर्भ

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