दस धर्मादेश

दस धर्मादेश या दस फ़रमान,यहूदी धर्म और ईसाई धर्म के वह दस नियम हैं जिनके बारे में उन धार्मिक परम्पराओं में यह माना जाता है कि वे धार्मिक नेता मूसा को ईश्वर ने स्वयं दिए थे। इन धर्मों के अनुयायिओं की मान्यता है कि यह मूसा को सीनाई पर्वत के ऊपर दिए गए थे।[1] पश्चिमी संस्कृति में अक्सर इन दस धर्मादेशों का ज़िक्र किया जाता है या इनके सन्दर्भ में बात की जाती है।[2]

दस फ़रमानों के साथ मूसा - सन् १६५९ में रेमब्रांट द्वारा बनाई गई तस्वीर

दस धर्मादेश

ईसाई धर्मपुस्तक बाइबिल और इस्लाम की धर्मपुस्तक कुरान के अनुसार यह दस आदेश इस प्रकार थे:[3]

अंग्रेज़ीहिन्दी अनुवाद

1. Thou shalt have no other Gods before me
2. Thou shalt not make unto thee any graven image
3. Thou shalt not take the name of the Lord thy God in vain
4. Remember the Sabbath day, to keep it holy
5. Honor thy father and thy mother
6. Thou shalt not kill
7. Thou shalt not commit adultery
8. Thou shalt not steal
9. Thou shalt not bear false witness
10. Thou shalt not covet

१. तुम मेरे अलावा किसी अन्य देवता को नहीं मानोगे
२. तुम मेरी किसी तस्वीर या मूर्ती को नहीं पूजोगे
३. तुम प्रभु, अपने ईश्वर का नाम अकारण नहीं लोगे
४. सैबथ का दिन याद रखना, उसे पवित्र रखना
५. अपने माता और पिता का आदर करो
६. तुम हत्या नहीं करोगे
७. तुम किसी से नाजायज़ शारीरिक सम्बन्ध नहीं रखोगे
८. तुम चोरी नहीं करोगे
९. तुम झूठी गवाही नहीं दोगे
१०. तुम दूसरे की चीज़ें ईर्ष्या से नहीं देखोगे

टिपण्णी १ - हफ़्ते के सातवे दिन को सैबथ कहा जाता था जो यहूदी मान्यता में आधुनिक सप्ताह का शनिवार का दिन है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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