फ्लॉपी डिस्क
एक फ्लॉपी डिस्क या फ्लॉपी डिस्केट (कभी-कभी इसे फ़्लॉपी या डिस्केट के रूप में संदर्भित किया जाता है) एक प्रकार का डिस्क स्टोरेज होता है जो प्लास्टिक के बाड़े में एक चुंबकीय भंडारण माध्यम की पतली और लचीली डिस्क से बना होता है।[1]
Secondary memory को एक्सटर्नल मेमोरी या नॉन वोलेटाइल मेमोरी के रूप में भी जाना जाता है यह मुख्य मेमोरी की तुलना में धीमी होती है इसका प्रयोग स्थाई रूप से डाटा और इंफॉर्मेशन के भंडार के लिए किया जाता है सीपीयू सीधे इन मेमोरी का उपयोग नहीं करता बल्कि वह इनपुट आउटपुट routines द्वारा मेमोरी को एक्सेस करता है सेकेंडरी मेमोरी के कंटेंट पहले मुख्य मेमोरी में स्थानांतरित होता है और बाद में सीपीयू उसका उपयोग करता है
सेकेंडरी मेमोरी की विशेषता :
1 यह ऑप्टिकल और मैग्नेटिक मेमोरी होती है (बैकअप मेमोरी के रूप में प्रयोग होता है)
2 बिजली बंद (power off) होने के बाद भी डाटा स्थाई रूप से संग्रहित रहता है(नॉन-वोलेटाइल मेमोरी)
3 प्राइमरी मेमोरी की तुलना में धीमी होती है
4 बड़े और भारी-भरकम डाटा (large and voluminous data) लागत में संग्रहित किए जा सकते है [2]