बांग्लादेश की संसद

राष्ट्रीय संसद या जातीय संसद(बांग्ला: জাতীয় সংসদ, जातीय़ संसद ) , है जनप्रजातंत्र बांग्लादेश की सर्वोच्च विधाई सदन। इस एकसदनीय विधायिका के सदस्यों की कुल संख्या है 350। जिनमें 300 आसन जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित सांसदों के लिए होते हैं एवं अवशिष्ट 50 आसन महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। आरक्षित आसनो के नारी सदस्यगण, पूर्वकथित 300 निर्वाचित सांसदों के मतों द्वारा परोक्ष निर्वाचन पद्धति से निर्वाचित होते हैं। निर्वाचित होती संसद की कार्यअवधि 5 वर्ष है।

राष्ट्रीय संसद
জাতীয় সংসদ जातीय़ संसद
জাতীয় সংসদ
प्रकार
सदन प्रकार एकसदनीय
नेतृत्व
सभाध्यक्ष शिरिन शर्मीन चौधरी[1]
उपसभाध्यक्ष फजले रब्बी मियाँ
नेता सत्तापक्ष शेख हसीना
नेता विपक्ष बेगम रौशन इर्शाद
संरचना
सीटें 350 (50 आसन महिलाओं के लिए आरक्षित)
Jatiyo Sangshad - 2012 Distribution.png
राजनीतिक समूह


     महागठबंधन (263)


विरोधी दल

National Assembly of Bangladesh (07).jpg
चुनाव
पिछला चुनाव 5 जनवरी 2014
सभा सत्र भवन
Sangshad 2.jpg
जातीय संसद भवन,
शेर-ए बांग्ला नगर, ढाका,
 बांग्लादेश
वेबसाइट
http://www.parliament.gov.bd/

संसद भवन

बांग्लादेशी संसद स्थाई रूप से जातीय संसद भवन में बैठती है। यह भवन, विधायिका की दुनिया में एक शानदार संसदीय निर्माण का नमूना है। यह भवन, 215 एकड़ विस्तार की भूमी पार, राजधानी ढाका के, शेर-ए-बांग्ला क्षेत्र में स्थित है। इसके परिसर में, मुख्य भवन के अतिरिक्त, खुले हरी रिक्त स्थान, जल निकायों और सांसदों के भव्य कार्यालय भी स्थित है। इस इमारत का निर्माण 1961 में शुरू हुआ था। अनेक उतार चढ़ावों के बाद अंत्यतः 8 जनवरी 1972 को इस भवन का उद्घाटन किया गया। इस शानदार भवन की रचना को प्रसिद्ध अमेरिकी वास्तुकार लुइस आई क्हान ने तैयार किया था। संसद भवन क्षेत्र को मुख्य भवन, दक्षिण प्लाज़ा और राष्ट्रपति प्लाज़ा, इन तीन भागों में बांटा गया है।[2][3]

सदस्यता

संविधान के अनुच्छेद ६६ के अनुसार, सांसद के रूप में निर्वाचित होने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए एक बंगलादेश का नागरिक होने के अतिरिक्त, २५ वर्ष की आयु से अधिक वयस्क होना आवश्यक है। साथ ही, मानसिक अक्षमता, दिवालियापन, व द्वैत-नागरिकता, प्रत्याशी की उम्मीदवारी के ख़ारिज होने का कारण हो सकते हैं।

प्रत्यक्ष चुनाव के माध्यम से अपने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में बहुमत(अर्थात अधिकतम मत) प्राप्त करने वाले सदस्य चुने जाते हैं। बांग्लादेश सदस्यों को ५ साल की अवधि के लिए चुना जाता है। वे स्वतंत्र या किसी राजनीतिक दल के संबंधन में, चुनाव में भाग ले सकते हैं।।[4]


कार्य व शक्तियाँ

यह संसद, बहग्लादेश की सर्वोच्च विधायी संसथान व सर्वोच्च विधी नियामक निकाय है। देश की सर्वोच्च विधायी सदन होने के नाते यह बांग्लादेश के जनगण का प्रतिनिधित्व करती है, एवं इस्सी राजनैतिक निकाय के समक्ष, कई मापदंडों के अनुसार, बांग्लादेश की राजनीतिक व्यवस्था व लोक्तंतांत्रिक व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण कुछ सबसे अहम शक्तियाँ व कार्य निहित हैं।

सर्कार का गठन

प्रत्येक चुनाव के पश्चात् इस सभा में बहुमत प्राप्त करने वाली दल ही अगले पाँच वर्षों तक बांग्लादेश की सत्ता पर विराजमान रहती है। बांग्लादेश के राष्ट्रपति, संसद के सफसयों में से ही, कैबिनेट मंत्रियों व प्रधानमंत्री को नियुक्त करते हैं। संवैधानिक नियमों के अनुसार, प्रधानमंत्री एवं ९०% मंत्रिमंडलीय सदस्यों का सांसद होना अनिवार्य है। राष्ट्रपति द्वारा उसी व्यक्ति को प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाता है, जिसके पास सदन का विश्वास हो। संपूर्ण मंत्रिमंडल एवं मंत्रिमंडल के तमाम सदस्य, सदा सर्वदा संसद के प्रति उत्तरदेह होते हैं। एवं सदन के किस्सी भी सदस्य द्वारा सरकार के कार्यों के सम्बन्ध में किस्सी भी प्रश्न के पूछे जाने पर सरकार के मंत्री उत्तर देने के लिए बाध्य हैं।

राष्ट्रपति का चुनाव व महाभियोगण

बांग्लादेश की राष्ट्रीय संसद के सदस्य, बांग्लादेश के राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं, राष्ट्रपतितविय निर्वाचन, खुले मतदान शैली द्वारा होती है। इस्सी कारणवश विपक्षी दाल शायद ही कभी अपने प्रत्याशी को चुनाव में नामांकित करतें हैं। अतः साधारणतः सत्तापक्षीय प्रत्याशी निर्विरोध ही विजयी घोषित होता है। इसके अलावा संसद के पास, राष्ट्रपति के महाभियोगण की भी शक्तियाँ है। इस सन्दर्भ में महाभियोग प्रस्ताव का सदन के दो तियाही बहुमत की स्वीकृति होनी चाहिए, अर्थात् सदन के तो तियाही सदस्य इसके पक्ष में होने चाहिए।

संसदीय स्थायी समितियों का गठन

संसद, आवश्यकतानुसार, संसदीय स्थायी समिति का भी गठन कर सकती है। ऐसी समितियाँ, बिलों की जाँच व कानून प्रवर्तन की की समीक्षा व जनहित हेतु अन्य महत्वपुर्ण कार्यों के लिए गठित कीं जातीं हैं। हालाँकि इन समितियों की वस्तासिक शक्तियाँ केवल नाममात्र की ही होती हैं। इसके अलावा इन समितियों के पास कोई विशेष कथासपक शतकियां भी नहीं होतीं है, खास कर तब से जब बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्णय पारित किया था की वह स्थायी समितियों की तलब के प्रति जवाबदेह नहीं है।

प्रतिरक्षा व क्षतिपूर्ति प्रदान करना

संविधान का अनुच्छेद ७८ सदस्यों को सांसदीय सत्रों के दौरान किये गए, मतदान, अभिभाषण व कार्यों के प्रति प्रतिरक्षा प्रदान करती है और सांसदों को ऐसी किस्सी भी हरकत के लिए कोर्ट के प्रति जवाबदेह नहीं मानती। बल्कि, संसद सवयं ही, अनुच्छेद ४६ के तहत राष्ट्र की सेवा में किसी भी व्यक्ति को क्षतिपूर्ति व प्रतिरक्षा प्रदान करने के लिए निहित है। इस्सी ताकत ने द्वितीय सिसद को क्षतिपूर्ति अध्यादेश की पुष्टि द्वारा शेख मुजीबुर्रहमान के हत्यारों को क्षतिपूर्ति प्रदान करने की अनुमति निहित की थी।

नेतृत्व

सभापति

बांग्लादेश की राष्ट्रीय संसद के अध्यक्ष, संसदीय सभा के सभापति एवं अधिष्ठाता है। संसद के अधिष्ठान के अलावा, अध्यक्ष, राष्ट्रपति के उप कार्यवाहक भी हैं, अर्थात्‌, राष्ट्रपति के अभाव में वे राष्ट्रपतित्व का निर्वाह के लिये भी जिम्मेदार हैं। इसके अलावा, कुछ अवसरों पर वे विदेशों में भी सदन व देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने संसद के सदस्यों द्वारा निर्वाचित किया जाता है। वे तटस्थ होता हैं एवं संसद को भंग किए जाने के बाद भी अगले अध्यक्ष के चयन तक अध्यक्षता की जिम्मेदारियां निभाने है।

उपसभापति

स्पीकर के अतिरिक्त, सदन, उनके उपाधिकरी के रूप में एक (या उससे अधिक भी) उपाध्यक्ष का भी चुनाव करती है, जिनका कार्य, सभापति की अनुपस्थिती में अध्यक्षता का निर्वाह करना होता है।

नेता सत्तापक्ष

संसद में प्रधानमंत्री, सत्तापक्ष एवं सरकार के नेता होते हैं, एवं वे संसद में बहुमत रखने वाले दल के प्रतिनिधी होते हैं। इसके अलावा वे सरकार व मंत्रीमंडल के भी प्रमुख होते हैं। उनका आधिकारिक निवास, भाका का गणभवन है।

नेता विपक्ष

विपक्ष के नेता का पद आमतौर पर बृहदतम् विरोधी दल के नेता को दिया जाता है। वे संसद की आधिकारिक विपक्ष के आधिकारिक नेतृत्वकर्ता एवं नेता होते हैं। बांग्लादेश की राजनैतिक ढांचे में, नेता विपक्ष को किसी कैबिनेट मंत्री के बराबर का दर्जा दिया गया है और उन्हें विपक्ष के संदर्भ में प्रधानमंत्री के समकक्ष देखा जाता है जोकि सदन एवं शासक दल के नेता होते हैं।

संसद की व्याप्ति

संसद के पांच साल के कार्यकाल के। लेकिन देश में कानून संविधान को बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है बदला जा सकता है।[5]

संसदसमाप्तिबहुमत दलदल अध्यक्षविपक्ष दलविपक्षी दल अध्यक्षबैठकों के दिनअधिनियमों की संख्याटिप्पणियाँ
प्रथम राष्ट्रीय संसद७ अप्रैल १९७३ - ६ नवम्बर १९७५बांग्लादेश आवामी लीगशेख मुजीबुर्रहमानअमान्यअमान्य१३४१५४অন্য কোন রাজনৈতিক দল ১টির বেশি আসন লাভ করেনি
द्वितीय राष्ट्रीय संसदअप्रैल, 1979- 4 मार्च, 198बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी)जियाउर रहमानबांग्लादेश अवामी लीगलागू नहीं0665 विपक्ष के नेता का चयन करने के लिए टूट गया है
तृतीय राष्ट्रीय संसद10 जुलाई 1986-6 दिसंबर 1987 केनेशनल पार्टीएचएम इरशादबांग्लादेश अवामी लीगप्रधानमंत्री7539
चतुर्थ संसद15 अप्रैल, 1988 6 दिसं, 1990 केनेशनल पार्टीएचएम इरशादविपक्षी गठबंधनपेज। आओ। एम अब्दुर रोब16814 विपक्ष के बारे में उनकी नियुक्त नेता की आवाज थी
पंचम संसद५अप्रैल, १९९१- १४ नवंबर, १९९५बीएनपीखालिदा ज़ियाबांग्लादेश आवामी लीगशेख हसीना४००१७३
षष्ठम् संसद5 अप्रैल 1991 4 नवंबर, 1995 केनेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी)खालिदाबांग्लादेश अवामी लीगप्रधानमंत्री400173
सप्तम् राष्ट्रीय संसद14 जुलाई, 1996- 13 जुलाई, 001बांग्लादेश अवामी लीगप्रधानमंत्रीबांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी)खालिदा जिया38191
अष्ठम् संसद8 अक्टूबर, अक्तूबर 2001 7, 006बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी)खालिदा जियाबांग्लादेश अवामी लीगप्रधानमंत्री373185
नवम् संसद5 जनवरी 2009बांग्लादेश अवामी लीगप्रधानमंत्रीबांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी)खालिदा जिया418271
दशम् संसद9 जनवरी, 014-वर्तमानबांग्लादेश अवामी लीगप्रधानमंत्रीबांग्लादेश नेशनल पार्टीरौशन इरशाद

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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