भारतीय सशस्त्र सेनाएँ
भारतीय सशस्त्र बल भारत गणराज्य के सैन्यदल हैं। इसमें तीन पेशेवर वर्दीधारी सेवाएँ अन्तर्गत हैं: भारतीय स्थल सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना।[9] इसके अतिरिक्त, भारतीय सशस्त्र बलों को केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल,[10] असम राइफल्स, भारतीय तटरक्षक बल और विशेष सीमा बल और विभिन्न अन्तर-सेवा आदेशों और संस्थानों जैसे सामरिक बल आदेश, अन्दमान और निकोबार आदेश और एकीकृत रक्षा कर्मचारी द्वारा समर्थित किया जाता है। भारत के राष्ट्रपति भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च सेनाध्यक्ष हैं लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कार्यकारी अधिकार और उत्तरदायित्व भारत का प्रधानमन्त्री और उनके चुने हुए मंत्रीमण्डलीय मंत्रियों में निहित है। भारतीय सशस्त्र बल भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के प्रबन्धन के अधीन हैं। 14 लाख से अधिक सक्रिय कर्मियों की शक्ति के साथ, यह विश्व की द्वितीय सबसे बड़ी सैन्य शक्ति है और सबसे बड़ी स्वयंसेवी सेना है।[11][12] यह विश्व का तृतीय सबसे बड़ा रक्षा बजट भी है। वैश्विक अग्निशक्ति अनुक्रमणिका रिपोर्ट इसे चौथी सबसे शक्तिशाली सेना के रूप में सूचीबद्ध करती है।[13]
भारतीय सशस्त्र बल कई प्रमुख सैन्य अभियानों में लगे हुए हैं, जिनमें शामिल हैं: 1947, 1965 और 1971 का भारत-पाक युद्ध, पुर्तुगाली-भारतीय युद्ध, भारत-चीन युद्ध, 1967 नाथू ला और चो ला संघर्ष, 1987 भारत-चीन संघर्ष, कार्गिल युद्ध और सियाचिन विवाद दूसरों के बीच। भारत प्रतिवर्ष सशस्त्र सेना झंडा दिवस, 7 दिसम्बर को अपने सशस्त्र बलों और सैन्य कर्मियों का सम्मान करता है। परमाणु त्रय[14] से, भारतीय सशस्त्र बल भविष्यवादी सैनिक प्रणालियों और क्षेपक रक्षा प्रणालियों जैसे क्षेत्रों में निवेश के साथ लगातार आधुनिकीकरण के दौर से गुज़र रहे हैं।[15][16]
रक्षा मंत्रालय का रक्षा उत्पादन विभाग भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा उपयोग किए जाने वाले उपकरणों के स्वदेशी उत्पादन के लिए जिम्मेदार है। इसमें 16 रक्षा पीएसयू शामिल हैं: हिन्दुस्तान वैमानिकी लिमिटेड, भारत वैद्युतिकी लिमिटेड, भारत भूचालक लिमिटेड।, भारत गतिकी लिमिटेड, माझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, जीआरएसई, और मिधानि। रूस, इस्राएल, फ़्रान्स और संयुक्त राज्य अमेरिका के सैन्य उपकरणों के शीर्ष विदेशी आपूर्तिकर्ताओं के साथ भारत रक्षा उपकरणों के सबसे बड़े आयातकों में से एक बना हुआ है।[17] भारत सरकार, मेक इन इण्डिया पहल के भाग के रूप में, स्वदेशी विनिर्माण और रक्षा के लिए आयात पर नैर्भर्य को कम करना चाहती है।[18]
इतिहास
प्राचीनकालीन भारत
भारत का सैन्य इतिहास कई हज़ार वर्ष पुराना है। भारतीय सेना के सब से पहले उल्लेख वेद, रमायण और महाभारत में मिलते हैं। यजुर्वेद का धनुर्वेद धनुर्विद्या या सैन्य विज्ञान का प्रथम ग्रंथ माना जाता है, जिस के अंतर्गत धनुष चलाने की विद्या का वर्णन दिया गया।
मध्यकालीन भारत
मध्य कालीन भारत मे मुख्यत इस्लामिक शासन काल में भारत विभिन्न राज्य घरानों के अधीन रहा जिनमें दसवीं सदी से अठारहवीं सदी तक जिनमें। जिनमें भारत सारी दुनिया में समृद्ध और शक्तिशाली राज्य था आखरी मुगल रूलर औरंगजेब आलमगीर के समय भारत अपने स्वर्ण दौर के पीक पर था उस समय पुरे विश्व की 25% जीडीपी यहीं से उत्पन्न होती थी और भारत विश्व भर में सबसे ज़्यादा शक्तिशाली और धनी देश था
ब्रिटिश राज
भारतीय अधिराज्य
भारतीय गणराज्य
परमाणु सिद्धांत
भारतीय सिद्धान्तो(2003) के अनुसार - भारत किसी भी देश पर पहले परमाणु हमला नहीं करेगा परन्तु भारत इसके लिए प्रतिबद्ध नही है।
रक्षा सिद्धांत
भारतीय सशष्त्र सेना की विन्गें स्वयं की खुफ़िया विभागों से सुसज्जित है। जो अपने मे ही दुनिया की उम्दा खुफिया एजंसियों मे से एक हैं।
सैन्य सिद्धांत
सेना का व्यय
वित्त वर्ष 2014-15 के केन्द्रीय अंतरिम बजट में रक्षा आवंटन में 10 प्रतिशत बढ़ोत्तरी करते हुए 224,000 करोड़ रूपए आवंटित किए गए। 2013-14 के बजट में यह राशि 203,672 करोड़ रूपए थी।[19] 2012-13 में रक्षा सेवाओं के लिए 1,93,407 करोड़ रुपए[20] का प्रावधान किया गया था, जबकि 2011-2012 में यह राशि 1,64,415 करोइ़[21] थी।
वित्त वर्ष | 2008-2009 | 2009-2010 | 2011-2012 | 2012-2013 | 2013-2014 | 2014-2015 | 2015-2016 | 2016-2017 | 2017-2018 |
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बजट (करोड़ रूपए) | 1,05,600[21] | 1,41,703[21] | 1,64,415[21] | 1,93,407[20] | 2,03,672[19] | 2,24,000[19] | 2,46,727 [1] | 2,58,000 [2] | 2,47,114 [3] |
रक्षा उत्पादन के आधुनिकीकरण में 2007-2008 में 944.95 करोड़ खर्च किया गया जो कि बढ़ कर 2008-2009 में 1370.99 तथा 2009-2010 में 1243.47 करोड़ हो गया।[21]
भारतीय सेना की शाखाएँ
- रक्षा प्रमुख (भारत)
- भारतीय थलसेना
- भारतीय वायुसेना
- भारतीय जलसेना
- नाभिकीय कमान प्राधिकरण (भारत) (Nuclear Command Authority)
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- भारत की सेनाओ के मुख्यालय
- भारतीय सैन्य शक्ति (गूगल पुस्तक ; लेखक- दिनकर कुमार, जनरल वी. पी. मलिक]
- भारतीय सेना का गौरवशाली इतिहास (By Ian Cardozo)
- भारतरक्षक - भारतीय सेना के सभी अंगो के आधिकारिक जालों का मुखपृष्ठ