लामा (पशु)

लामा (Lama glama), एक कैमिलिड पशु है जो दक्षिण अमेरिका में पाया जाता है। इसे एक पालतू पशु के रूप में एंडियन लोगों द्वारा प्रागैतिहासिक काल से भी पहले से पाला जाता है और यह उनकी बोझा ढोने, ऊन और मांस की आवश्यकताओं को पूरा करता है।

लामा
एक बैठा हुआ लामा।
Domesticated
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत:जंतु
संघ:रज्जुकी
वर्ग:स्तनधारी
गण:आर्टिओडैक्टाइला
कुल:कैमेलिडी
वंश:लामा
जाति:L. glama
द्विपद नाम
Lama glama
(लीनियस, 1758)

पूर्ण विकसित लामा की ऊँचाई 1.7 मीटर (5.5 फुट) से 1.8 मीटर (6 फुट) तक होती है। इनका वजन 130 किग्रा (280 पाउंड) and 200 किग्रा (450 पाउंड) के बीच होता है। जन्म के समय एक लामा छौने, जिसे क्रिआ कहते हैं का वजन 9.1 किग्रा (20 पाउंड) and 14 किग्रा (30 पाउंड) के बीच हो सकता है। लामा एक सामाजिक पशु है और यह दूसरे लामाओं के साथ झुंड में रहना पसन्द करते हैं। इनसे प्राप्त ऊन अत्यन्त मुलायम और लैनोलिन (अंग्रेजी: Lanolin; ऊन का मोम) से मुक्त होता है। लामा एक बुद्धिमान प्राणी है जो किसी सरल काम को कुछ प्रयासों के बाद करना सीख सकता है। यदि किसी लाम को बोझा ढोने के काम में लगाया जाये तो यह अपने वजन का 25% से 30% तक वजन कुछ मीलों तक ढो सकते हैं।[1]

लामाओं का प्रादुर्भाव उत्तरी अमेरिका के मैदानों में लगभग ४ करोड़ वर्ष पहले हुआ था। जहां से प्रवास कर दक्षिण अमेरिका में आये। पिछले हिमयुग के अंत में (10,000–12,000 वर्ष पहले) उत्तरी अमेरिका से कैमेलिड विलुप्त हो गये।[1] 2007 तक दक्षिण अमेरिका में लगभग 70 लाख लामा और अलपाका थे और 20 वीं सदी के अंत में आयात होने के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में इनकी संख्या क्रमश: 158000 और 100000 के करीब है।[2]

सन्दर्भ

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