वेब डिजाइन

वेब डिजाईन विभिन्न प्रकार के कौशलों तथा क्षेत्रों का पारिणामिक रूप होती है जिनकी आवश्यकता वेब साइट्स के निर्माण एवं उनके रख रखाव में पड़ती है। वेब डिजाईन के विभिन्न क्षेत्रों में ग्राफ़िक निर्माण, इंटरफ़ेस डिजाईन, उपभोक्ता अनुभव के अनुसार निर्माणन तथा सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन आदि आते हैं। हालाँकि कई बार ऐसा होता है कि विभिन्न व्यक्ति इन सभी कार्यों को अलग अलग संपन्न करते हैं पर कई निर्माता इन सभी कार्यों को अकेले ही पूर्ण करने की क्षमता रखते हैं।[1] वेब डिज़ाइनरों से अपेक्षा की जाती है कि वे बाजार में चल रही तकनीकों तथा उनकी उपयोगिता से अद्यतन रहें ताकि उसका भरपूर फायदा लोगों को मिलता रहे।

सामान्य जानकारी

हालाँकि वेब डिजाइनिंग का इतिहास अभी हाल का ही है पर इसे अन्य क्षेत्रों जैसे कि ग्राफ़िक डिजाईन आदि के साथ जोड़ा जा सकता है। वैसे वेब डिजाईन को इस क्षेत्र में एक तकनीकी लब्ध विन्दु की तरह से भी देखा जाता है। अगर आज की जीवनशैली को देखा जाए तो यह लोगों की जिंदगी का एक बहुत ही जरुरी हिसा बन चुकी है और बिना एनिमेटेड ग्राफ़िक्स, विभिन्न शैलियों, बैकग्राउंड तथा संगीत के बिना इन्टरनेट की कल्पना करना बड़ा ही कठिन है।

इतिहास

सन 1989 में सी-ई-आर-एन में काम करने के दौरान टिम बर्नर ली नें एक वैश्विक हाइपर टेक्स्ट परियोजना का प्रस्ताव रखा जो कि बाद में वर्ल्ड वाइड वेब बन गया। 1991-1993 तक वर्ल्ड वाइड वेब का जन्म हुआ। तब टेक्स्ट-मात्र पेजों को एक सिंपल लाइन मोड ब्राउज़र की मदद से देखा जा सकता था।[2] सन १९९३ में मार्क एंडरसन तथा एरिक बिना नें मोज़ेक ब्राउज़र का निर्माण किया। उस समय तक कई ब्राउज़र थे पर उनमें से अधिकांश यूनिक्स आधारित थे तथा सामान्य रूप से अधिक लोड लेते थे। उनमें ग्राफिक तत्वों जेसे की ध्वनि एवं चित्रों इत्यादि के लिए कोई जगह नहीं थी। मोज़ेक ब्राउज़र नें इस विचारधारा को तोड़ दिया।[3] अक्टूबर १९९४ को डब्ल्यू३सी के बाद से वर्ल्ड वाइड वेब का विकास अपनी पूरी क्षमता के उपयोग के लिए हो गया।

उपकरण एवं तकनीकी

उत्पादन के अलग अलग हिस्सों के अनुसार वेब डिजाइनिंग में अलग अलग प्रकार के उपकरणों एवं तकनीकी का प्रयोग होता है। इन उपकरणों को समय समय पर नए नए प्रतिमानों के अनुसार अद्यतन किया जाता है ताकि वे मापदंडों पर खरे उतर सकें; परन्तु उनके पीछे का मूलभूत सिद्धांत वही रहता है। उपयोग किये जाने बाले उपकरणों में वेब ग्राफ़िक डिजाईन उपकरण तथा सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन उपकरण आदि आते हैं। जहाँ वेब ग्राफ़िक डिजाईन उपकरणों के द्वारा ग्राफ़िक्स का निर्माण किया जाता है वहीँ सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन उपकरणों के द्वारा सर्च इंजन में वरीयता तथा तत्संबंधी सुझाव मिलते हैं।[4][5]

कौशल एवं तकनीकी

वेब डिजाइनिंग से सम्बंधित कौशलों में निम्न आते हैं-[6]

  • मार्केटिंग तथा संभाषण से सम्बंधित डिजाईन
  • उपभोक्ता अनुभव डिजाईन तथा इंटरैक्टिव डिजाईन
  • पेज लेआउट
  • टाइपोग्राफी
  • चलित चित्रण, तथा
  • कोड की गुणवत्ता

इन सभी कौशलों का अनुप्रयोग उत्पाद को और अधिक प्रासंगिक तथा सफल बनने के लिए होता है। इन सभी कौशलों के लिए अलग अलग विशेषज्ञों की सहायता ली जाती है।[1]

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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