सिंध

पाकिस्तान का प्रान्त
सिंध
سندھ
سنڌ
प्रान्त
From top, left to right: Jinnah Mausoleum/Mazar-e-Quaid, Lansdowne Bridge, Sindh Madressatul Islam University, Ranikot Fort, Nagan Chowrangi flyover, Faiz Mahal
सिंध का झंडा
ध्वज
सिंध का आधिकारिक सील
सील
उपनाम: सिन्धूदेश
सिंध is located in पृथ्वी
सिंध
सिंध
Location of Sindh in Pakistan
निर्देशांक: 26°21′N 68°51′E / 26.350°N 68.850°E / 26.350; 68.850 68°51′E / 26.350°N 68.850°E / 26.350; 68.850
देश Pakistan
स्थापना
  • 1 July 1970
राजधानीकराची
सबसे बड़ा नगरकराची
शासन
 • प्रणालीसंघीय सरकार के अधीन स्व-शासित प्रान्त
 • सभासिन्ध सरकार
 • राज्यपालइमरान इस्माइल
 • मुख्यमंत्रीसैयद मुराद अली शाह
 • मुख्य सचिवमुमताज़ अली शाह
 • LegislatureProvincial Assembly
 • उच्च न्यायालयसिन्ध उच्च न्यायालय
क्षेत्र140,914 किमी2 (54,407 वर्गमील)
क्षेत्र दर्जा3rd
जनसंख्या (2017)[1]
 • कुल47,886,051
 • दर्जा2nd
 • घनत्व340 किमी2 (880 वर्गमील)
वासीनामSindhi
समाज
 • भाषा/एँसिन्धी भाषा
समय मण्डलPST (यूटीसी+05:00)
आई॰एस॰ओ॰ ३१६६ कोडPK-SD
Notable sports teamsKarachi Kings
Karachi United
Hyderabad Hawks
Karachi Dolphins
Karachi Zebras
HDI (2018)0.533 कमी[2]
Low
Seats in National Assembly75
Seats in Provincial Assembly168[3]
Divisions6
Districts30
Tehsils138
Union Councils1108[4]
वेबसाइटsindh.gov.pk

अर्थव्यवस्था

A view of Karachi downtown, the capital of Sindh province
GDP by province
Qayoom Abad Bridge Karachi
Navalrai Market Clock Tower Hyderabad

धर्म

Religions in Sindh (1998)[5]██ इसलाम (incl.Ahmadiyya) (91.45%)██ हिंदू (incl. scheduled castes) (7.5%)██ ईसाई (0.97%)██ Others (0.08%)

Shrine of Lal Shahbaz Qalandar

प्रमुख शहर

List of major cities in Sindh
RankCityDistrict(s)PopulationImage
1Karachiarachi East
arachi West
Karachi South
karachi tral
alir
Korangi
14,910,352
2yderabadhyderabad]]1,732,693
3SukkurSukkur District499,900
4Larkanaarkana490,508
5NawabshahShaheed Benazirabad279,688
6KotriJamshoro259,358
7Mirpur KhasMirpur Khas233,916
Source: Pakistan Census 2017[6]
This is a list of city proper populations and does not indicate metro populations.

Government

Sindh province

Provincial symbols of Sindh[7][8][9]
Provincial animalSindh ibex
Provincial birdBlack partridge
Provincial treeNeem Tree

Prehistoric period

Extent and major sites of the Indus Valley Civilization in pre-modern Pakistan and India 3000 BC
The Priest-King from Mohenjo-daro, more than 4000 years old, in the National Museum of Pakistan, Larkana
Excavated ruins of Mohenjo-daro, Larkana

नाम

'सिन्ध' संस्कृत के शब्द 'सिन्धु' से बना है जिसका अर्थ है समुद्रसिंधु नाम से एक नदी भी है जो इस प्रदेश के लगभग बीचोंबीच बहती है। फ़ारसी "स" को "ह" की तरह उच्चारण करते थे। उदाहरणार्थ दस को दहा या सप्ताह को हफ़्ता (यहां कहने का अर्थ ये नहीं कि ये संस्कृत शब्दों के फ़ारसी रूप थे पर उनका मूल एक ही हुआ होगा)। अतः वे इसे हिंद कहते थे। असीरियाई स्रोतों में सातवीं सदी ईसा पूर्व में इसे सिंदा नाम से द्योतित किया गया है यहां ।

इतिहास

ईसा के 3300 साल पहसे से ईसापूर्व 1900 तक यहां सिंधु घाटी सभ्यता फली-फूली। सिंधु घाटी सभ्यता अपने समकालीन मिस्र और मेसोपोटामिया के साथ व्यापार करती थी। मिस्र में कपास के लिए 'सिन्ध' शब्द का प्रयोग होता था जिससे अनुमान लगता है कि वहां कपास यहीं से आयात किया जाता था। ईसा के 1900 साल पहसे सिंधु घाटी सभ्यता अनिर्णीत कारणों से समाप्त हो गई। इसकी लिपि को भी अब तक पढ़ा नहीं जा सका जिससे इसके मूल निवासियों के बारे में अधिक पता नहीं चल पाया है।

सिन्ध का नाम 'सप्त सैन्धव' था जहां सिन्धु सहित शतद्रु, विपाशा, चन्द्रभागा, वितस्ता, परुष्णी और सरस्वती बहती थीं। सिन्धु के तीन अर्थ हैं- सिन्धु नदी, समुद्र और सामान्य नदियां। ऋग्वेद कहता है मधुवाता ऋतायते मधु क्षरन्ति सिन्धवः। कालान्तर में इस भूभाग से सप्त सिन्धव लुप्त होकर सिन्ध रह गया है, जो खण्डित भारत यानी पाकिस्तान का सिन्ध प्रदेश है।

ईसा के 1500 साल पहले भारतीय (तथा ईरानी) क्षेत्रों में आर्यों का अगमन आरंभ हुआ। आर्य भारत के कई भागों में बस गए। ईरान में भी आर्यों की बस्तियां फैलने लगीं। भारतीय स्रोतों में सिन्ध का नाम सिंध, सिंधु, सिंधुदेश तथा सिंधुस्थान जैसे शब्दों के रूप में हुआ है।

700 ईस्वी में हिन्दू ब्रााहृण राजा दाहिर सैन सिन्ध के शासक थे। उनके स्वर्णयुग राजा दाहिर ने समुद्र से व्यापार करने वाले अरबियों को लूटा और सिन्ध में अन्य लोगों से लूट करते थे। खलीफा की ओर से मुहम्मद बिन कासिम के नेतृत्व में सिन्ध में अरबी सैनिकों ने आक्रमण किया और विजय प्राप्त की। उनसे युद्ध करते हुए राजा दाहिर को खत्म किया और अपने फंसे कैदियों को छुड़ाया । सिन्ध में अरब घुस आया। दाहिर की रानी वीर बाला ने अधूरे युद्ध को हवा दी। युद्ध छिड़ गया। रानी ने अरबों के खिलाफ प्रक्षेपास्त्र का प्रयोग किया। रानी जीत गई। इसके बाद सिन्ध में इस्लाम की घुसपैठ शुरू हो गई। अधिसंख्यक हिन्दू इस्लामी तौर तरीकों के चलते मुसलमान हुए। उस समय सिन्ध के दलित वर्ग के लोग छुआछूत, भेदभाव और सामाजिक अवमानना से खिन्न होकर इस्लाम में आ गए क्योंकि यहां के बड़े लोग अपने से कम वर्ग के लोगों से छुआछूत करते थे इसलिए इस्लामी तरीके को देखते देखते ब्राह्मण दाहिर के पुत्र जयसिंह भी मुसलमान हो गए। यदि हिन्दू राजाओं ने जयसिंह की सहायता की होती तो वे मतान्तरित न होते। भयाक्रांतता के चलते हिन्दू इस्लाम को मानने के बारे में जानकर हुए या कुछ लोग कहते हैं मजबूर हुए। राजनीतिक अलगाववादी नीति के चलते मतान्तरित मुसलमान मुख्यधारा से आज तक जुट न पाए। ब्राह्मणवाद इस्लामवाद हो गया। अरबी बहुत दिनों तक सिन्ध में रहे और अपने अलग रवैये और व्यवहार के जरिए हिन्दुओं को इस्लाम में लाते रहे। मतान्तरित मुसलमान नारियां भी हिन्दुओं के इस्लामीकरण का काम करने लगी थीं। सिन्ध से लेकर ब्लूचिस्तान तक जितने कबीले, जनजातियां, शोषित, पीड़ित और दलित वर्ग के लोग थे, उनके पुरखे हिन्दू थे। उनकी निर्धनता, अशिक्षा पिछड़ापन और मजबूरी को ध्यान में रखकर अरबों ने उन्हें लगा के मुसलमानो में बराबरी छुआ छूत कम है और वो मुसलमान बन गए। इस प्रकार सिन्ध के हिन्दुओं में फूट, आपसी कलह और भेदभाव के चलते अन्तत: वे मतान्तरित हुए। धीरे-धीरे सिन्ध में मुसलमान अधिसंख्यक हो गए और बचे खुचे हिन्दू अल्पसंख्यक हो गए। अब अल्पसंख्यक हिन्दू सिन्ध प्रान्त में इस्लाम की ओर झुक रहे हैं।

सिन्ध में अनेक गरीब जाट वर्ग के लोगों ने भी इस्लाम को मान लिया था। देश के हिन्दू राजाओं में आपसी मनमुटाव, प्रतिद्वन्द्विता और शत्रुत्रा थी। वे हिन्दुओं को क्या बचा पाते? आज भी देश में अधिसंख्यक हिन्दुओं में पारस्परिक एकता का अभाव है। देश में जात-पांत का बोलबाला है। अनेक जातिवादी घटक हैं। दलगत नीतियों का वर्चस्व है। ऐसी ही भयावह स्थिति 700 ईस्वी में सिन्ध में थी। देश की इन दुर्बलताओं से अरबी लुटेरों और आक्रान्ताओं ने लाभ उठाया। उन दिनों सिन्ध में इस्लामीकरण का अभियान था। "इस्लाम के तरीकों को देखकर हताश जनता ने इस्लाम ही कबूल लिया और उन्हें सहानुभूति मिली। ऐसा ही मुगलकाल में भी हुआ था।सिन्ध से हम हिन्दू हुए हैं। वरुण देवता झूलेलाल के अनुयायी हिन्दू अपने को सिन्धी कहते हैं। दाहिर सिन्धी थे। पाक अधिकृत सिन्ध प्रान्त के वर्तमान मुसलमानों के पुरखे हिन्दू थे, यानी सिन्धी।

सिन्ध की संस्कृति सिन्धु संस्कृति के नाम से जानी जाती है। सप्त सैन्धव संस्कृति आर्य संस्कृति है वह वैदिक ललित पुष्प है। उसकी गन्ध सनातन और शाश्वत है।

ईसा के 500 साल पहले यहां ईरान के हख़ामनी शासकों का अधिकार हो गया। यह घटना इस्लाम के आगमन से कोई 1000 साल पहले की है। फ़ारस, यानि आज का ईरान, पर यूनान के सिकंदर का अधिकार हो जान के बाद सन् 328 ईसापूर्व में यह यवनों के शासन में आया। ईसापूर्व 305 में मौर्य साम्राज्य के अंग बनने के बाद यह ईसापूर्व 185 से करीब सौ सालों तक ग्रेको-बैक्टि्रयन शासन में रहा। इसके बाद गुप्त और फिर अरबों के शासन में आ गया। मुगलों का अधिकार सोलहवीं सदी में हुआ। यह ब्रिटिश भारत का भी अंग था।

सिंध की संस्कृति

सिन्ध के जिले

कराँची -- जमशोरो -- थट्टा -- बादिन -- थारपारकर -- उमरकोट -- मीरपुर ख़ास -- टंडो अल्लहयार -- नौशहरो फ़िरोज़ -- टंडो मुहम्मद ख़ान -- हैदराबाद -- संगहार -- खैरपुर -- नवाबशाह -- दादु -- क़म्बर शहदाकोट -- लरकाना -- [[मटियारी== सिन्ध के जिले ==

कराँची -- जमशोरो -- थट्टा -- बादिन -- थारपारकर -- उमरकोट -- मीरपुर ख़ास -- टंडो अल्लहयार -- नौशहरो फ़िरोज़ -- टंडो मुहम्मद ख़ान -- हैदराबाद -- संगहार -- खैरपुर -- नवाबशाह -- दादु -- क़म्बर शहदाकोट -- लरकाना -- मटियारी -- घोटकी -- शिकारपुर -- जैकोबाबाद -- सुक्कुर -- काशमोरे

जिला|मटियारी]] -- घोटकी -- शिकारपुर -- जैकोबाबाद -- सुक्कुर -- काशमोरे

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