स्पेक्ट्रमी विभेदन

किसी वर्णलेखी (स्पेक्ट्रोग्राफ) का स्पेक्ट्रमी विभेदन (spectral resolution) उस वर्णलेखी द्वारा विद्युतचुम्बकीय स्पेक्ट्रम के गुणधर्मों को विभेदित करने क्षमता का परिचायक है। गणितीय दृष्टि से प्रायः को स्पेक्ट्रमी विभेदन कहा जाता है। स्पेक्ट्रमी विभेदन, वर्णलेखी के विभेदन क्षमता (resolving power) से सम्बन्धित है-

,

जहाँ तरंगदैर्घ्य का वह न्यूनतम अन्तर है जिसे तरंगदैर्घ्य पर विभेदित (distinguished) किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, स्पेस टेलिस्कोप इमेजिंग स्पेक्ट्रोग्राफ (STIS), 1000 नैनोमीटर के तरंगदैघ्य पर 0.17 नैनोमीटर तक के तरंगदैर्घीय गुणधर्मों में भेद कर सकता है; अतः इसका विभेदन 0.17 nm है तथा इसकी विभेदन क्षमता 5,900 होगी। उच्च विभेदन वाले वर्णलेखी का एक उदाहरण 'क्रायोजेनिक उच्च विभेदक इन्फ्रारेड इकेल स्पेक्ट्रोग्राफ' (Echelle Spectrograph) है जिसकी विभेदन क्षमता 100,000 है।[1]

सन्दर्भ

🔥 Top keywords: सट्टासुनील छेत्रीक्लियोपाट्रा ७मुखपृष्ठविशेष:खोजभारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेशपृथ्वीराज चौहानभारत के प्रधान मंत्रियों की सूचीस्वाति मालीवालभारतीय आम चुनाव, 2019ब्लू (2009 फ़िल्म)भारतीय आम चुनाव, 2024नरेन्द्र मोदीभारत का संविधानलोक सभारासायनिक तत्वों की सूचीहिन्दी की गिनतीलोकसभा सीटों के आधार पर भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की सूचीकबीरभीमराव आम्बेडकरहिन्दीभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसभारतमिस्रमहात्मा गांधीबिहार के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रखाटूश्यामजीमिया खलीफ़ाभारत का प्रधानमन्त्रीमाधवराव सिंधियासंज्ञा और उसके भेदराहुल गांधीप्रेमचंदभारत के राजनीतिक दलों की सूचीभारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्रियों की सूचीतुलसीदासश्रीमद्भगवद्गीताभारतीय जनता पार्टीबिहार के जिले