२४३ आई डी ए

क्षुद्रग्रह

२४३ आई डी ए क्षुद्रग्रह घेरा के कोरोनिस परिवार में एक क्षुद्रग्रह है। इसकी खोज 29 सितंबर 1884 को ऑस्ट्रियाई खगोलविद जोहान पालिसा ने वियना वेधशाला में की थी और इसका नाम ग्रीक पौराणिक कथाओं में एक अप्सरा के नाम पर रखा गया था। बाद में दूरदर्शी अवलोकनों ने इडा को एस-टाइप क्षुद्रग्रह के रूप में वर्गीकृत किया, जो आंतरिक क्षुद्रग्रह बेल्ट में सबसे अधिक है। 28 अगस्त 1993 को बृहस्पति की और जा रहे गैलीलियो अंतरिक्ष यान द्वारा इसका निरिक्षण किया गया। यह एक अंतरिक्ष यान द्वारा देखा गया दूसरा क्षुद्रग्रह था तथा यह पहला ऐसा क्षुद्रग्रह था जिसका एक प्राकृतिक उपग्रह पाया गया था।

243 Ida
Galileo image of 243 Ida. The dot to the right is its moon Dactyl.
खोज[1] and designation
खोज कर्ता जोहान पालिसा
खोज का स्थान वियना वेधशाला
खोज की तिथि 29 सितंबर 1984
उपनाम
क्षुद्र ग्रह श्रेणी मुख्य क्षुद्रग्रह घेरा (कोरोनिस परिवार )[2]
विशेषण Idean (Idæan) /ˈdən/[3]
युग 31 July 2016 (JD 2457600.5)
उपसौर2.979 खगोलीय इकाई (4.457×1011 मी॰)
अपसौर 2.743 खगोलीय इकाई (4.103×1011 मी॰)
अर्ध मुख्य अक्ष 2.861 खगोलीय इकाई (4.280×1011 मी॰)
विकेन्द्रता 0.0411
परिक्रमण काल 1,767.644 day (4.83955 a)
औसत परिक्रमण गति 0.2036°/d
औसत अनियमितता 38.707°
झुकाव 1.132°
आरोही ताख का रेखांश 324.016°
उपमन्द कोणांक 110.961°
उपग्रह Dactyl
परिमाण 59.8 × 25.4 × 18.6 km[5]
माध्य त्रिज्या 15.7 km[6]
द्रव्यमान 4.2 ± 0.6 ×1016 kg[6]
माध्य घनत्व 2.6 ± 0.5 g/cm3[7]
विषुवतीय सतह  गुरुत्वाकर्षण0.3–1.1 cm/s2[8]
घूर्णन 4.63 hour (0.193 d)[9]
उत्तरी ध्रुव दायां अधिरोहण 168.76°[10]
उत्तरी ध्रुवअवनमन −2.88°[10]
ज्यामितीय प्रकाशानुपात0.2383[4]
तापमान 200 के (−73 °से.)[2]
वर्णक्रम श्रेणीS[11]
निरपेक्ष कांतिमान (H) 9.94[4]

इडा की कक्षा सभी मुख्य-बेल्ट क्षुद्रग्रहों की तरह, ग्रहों मंगल और बृहस्पति के बीच स्थित है। इसकी कक्षीय अवधि 4.84 वर्ष है, और इसकी घूर्णन अवधि 4.63 घंटे है। इडा का औसत व्यास 31.4 किमी (19.5 मील) है। यह अनियमित आकार का लम्बा तथा दो पिंडों से मिल कर बना हुआ है। इसकी सतह पर सौरमंडल के सबसे बड़े गड्ढों वाली सतहों में से एक है जिसमे कई प्रकार और उम्र के गड्ढे हैं।

इडा के चंद्रमा Dactyl को गैलीलियो से प्राप्त चित्रों में मिशन के सदस्य एन हार्च द्वारा खोजा गया था। इसका नाम डैक्टिल्स के नाम पर रखा गया था, जो प्राणी ग्रीक पौराणिक कथाओं में माउंट इडा में निवास करते थे। Dactyl व्यास में केवल 1.4 किलोमीटर (0.87 मील) है, जो की इडा के आकार का २० वां भाग है। इडा के आसपास इसकी कक्षा को बहुत सटीकता के साथ निर्धारित नहीं किया जा सकता था, लेकिन संभव कक्षाओं की सीमितता से यह अनुमान लगाना आसान हो गया की इसका घनत्व धातुओं के घनत्व से कम है।

गैलिलियो से लौटे चित्रों और इडा के द्रव्यमान के बाद के माप ने एस-प्रकार के क्षुद्रग्रहों के भूविज्ञान में नई अंतर्दृष्टि प्रदान की। गैलीलियो फ्लाईबी से पहले, उनकी खनिज संरचना को समझाने के लिए कई अलग-अलग सिद्धांत प्रस्तावित किए गए थे। उनकी संरचना का निर्धारण पृथ्वी पर गिरने वाले उल्कापिंडों और क्षुद्रग्रह बेल्ट में उनकी उत्पत्ति के बीच एक संबंध है। फ्लाईबाई से लौटे डेटा ने एस-टाइप क्षुद्रग्रहों को साधारण चोंडराईट उल्कापिंडों के स्रोत के रूप में चिन्हित किया। यह पृथ्वी की सतह पर पाया जाने वाला उल्काओं का सबसे सामान्य प्रकार है।


खोज और अवलोकन

अन्वेषण

भौतिक विशेषताएं

सतह की विशेषताए

कक्षा और परिक्रमा

उत्पत्ति

Dactyl (उपग्रह)

इन्हे भी देखें

सन्दर्भ

🔥 Top keywords: जय श्री रामराम नवमीश्रीरामरक्षास्तोत्रम्रामक्लियोपाट्रा ७राम मंदिर, अयोध्याहनुमान चालीसानवदुर्गाअमर सिंह चमकीलामुखपृष्ठहिन्दीभीमराव आम्बेडकरविशेष:खोजबड़े मियाँ छोटे मियाँ (2024 फ़िल्म)भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेशभारतीय आम चुनाव, 2024इंडियन प्रीमियर लीगसिद्धिदात्रीमिया खलीफ़ाखाटूश्यामजीभारत का संविधानजय सिया रामसुनील नारायणलोक सभाहनुमान जयंतीनरेन्द्र मोदीलोकसभा सीटों के आधार पर भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की सूचीभारत के प्रधान मंत्रियों की सूचीगायत्री मन्त्ररामायणअशोकप्रेमानंद महाराजभारतीय आम चुनाव, 2019हिन्दी की गिनतीसट्टारामायण आरतीदिल्ली कैपिटल्सभारतश्रीमद्भगवद्गीता