टैक्सोन
टैक्सोन (taxon) या वर्गक जीववैज्ञानिक वर्गीकरण के क्षेत्र में जीवों की जातियों के ऐसे समूह को कहा जाता है जो किसी वर्गकर्ता के मत में एक ईकाई है, यानि जिसकी सदस्य जातियाँ एक-दूसरे से कोई मेल या सम्बन्ध रखती हैं जिस वजह से उनके एक श्रेणी में डाला जा रहा है। अलग-अलग जीववैज्ञानिक अपने विवेकानुसार यह टैक्सोन परिभाषित कर सकते हैं इसलिए उनमें आपसी मतभेद भी आम होता रहता है।[1]
जीववैज्ञानिकों के नज़रिए में ऐसा टैक्सोन जो वास्तविक प्राकृतिक श्रेणियाँ दिखाए वह 'अच्छा' होता है और ऐसा टैक्सोन जो कृत्रिम रूप से ज़बरदस्ती ऐसी जातियों को एक श्रेणी में डाल दे जिनका आपस में प्राकृतिक सम्बन्ध नहीं है वह 'बुरा' या 'ग़लत' होता है। आधुनिक काल में अधिकतर जीववैज्ञानिक क्रम विकास (एवोल्यूशन) पर आधारित टैक्सोनों को अच्छा मानते हैं, यानि ऐसे टैक्सोन पसंद करते हैं जो क्लेडों पर आधारित हों (ऐसे समूह जिसमें कोई जाति और उस से क्रम विकास में उत्पन्न हर जाति शामिल हो)। इसके बावजूद सरीसृप (रेपटिलिया) जैसे कुछ ऐसे टैक्सोन हैं जो क्लेड नहीं हैं लेकिन जिन्हें काफ़ी समर्थन मिलता है।[2]
जीववैज्ञानिक वर्गीकरण में टैक्सोन का स्थान
आधुनिक जीववैज्ञानिक वर्गीकरण व्यवस्था में किसी टैक्सोन का ऊपरी या निचला स्थान हो सकता है। उदाहरण के लिए मानव जाति 'होमो' (Homo) नामक टैक्सोन में आती है जिसमें निअंडरथल मानव (विलुप्त) जैसी और भी अन्य जातियाँ आती हैं। इस टैक्सोन को वर्गीकरण में जीववैज्ञानिक वंश का दर्जा मिला है। यह टैक्सोन एक और भी विस्तृत टैक्सोन में शामिल है जिसमें होमो-वंश जातियों के अलावा चिम्पान्ज़ी, गोरिल्ला और ओरन्गउटान जैसे सभी बड़े अकार वाले वानर वंश आते हैं - इस टैक्सोन को मानवनुमा (अंग्रेज़ी में Hominidae या होमिनिडाए) कहा जा सकता है। जीववैज्ञानिक वर्गीकरण में 'मानवनुमा' (होमिनिडाए) को जीववैज्ञानिक कुल का दर्जा मिला है जिसमें कई वंश शामिल हैं।[1]
इन्हें भी देखें
- क्लेड
- क्रम-विकास (एवोल्यूशन)
- जाति (जीवविज्ञान)