नियर फील्ड कम्युनिकेशन

नियर फील्ड कम्युनिकेशन (एनएफसी) (अंग्रेज़ी:Near field communication; निकट क्षेत्र संचार) एक मानक है जिसकी मदद से स्मार्टफ़ोन तथा अन्य उपकरणों को एक दूसरे से स्पर्श करके, या करीब लाकर रेडियो संचार स्थापित किया जा सकता है।

एक एनएफसी-सक्षम मोबाइल फ़ोन एक "स्मार्ट" पोस्टर के साथ बातचीत करते हुए।
ऑस्ट्रिया फेडरल रेलवे की एक टिकट मुद्रांकन मशीन, जिससे मोबाइल टिकट ("हैंडी-टिकट") खरीदी जा सकती है।
सैन फ्रांसिस्को शहर में इस्तेमाल होने वाला एक एनएफसी-सक्षम पार्किंग मीटर जिससे भुगतान और शेष समय की जानकारी मिल सकती है।

एनएफसी के वर्तमान अनुप्रयोगों में संपर्क-रहित लेनदेन (मोबाइल पेमेंट), डेटा विनिमय[1] और वाई-फ़ाई जैसे जटिल संचार की स्थापन-प्रक्रिया को सरल बनाना शामिल हैं।

उपयोग

एनएफसी आरएफआईडी प्रणाली पर सुधार करते हुए दो छोरों के बीच दुतरफा संचार संभव बनाता है, जबकी संपर्क-रहित स्मार्ट कार्ड जैसी पूर्व प्रणालियों में केवल एकतरफा संचार ही संभव था। इसका प्रयोग गूगल नेक्सस श्रंखला के मोबाइल फ़ोनों में "एंड्रॉयड बीम" नामक सुविधा की मदद से किया जा सकता है। इस सुविधा को एंड्रॉयड के "आइसक्रीम सैंडविच" संस्करण में पहली बार पेश किया गया।

एंड्रॉयड बीम दोनों उपकरणों में ब्लूटूथ सक्षम कर, उन्हें तुरंत एक दुसरे से जोड़ देता है और डेटा साझा करने के बाद स्वयं ही से दोनों उपकरणों पर ब्लूटूथ असक्षम कर देता है। इसका इस्तेमाल सैमसंग गैलेक्सी एस III, सैमसंग गैलेक्सी एस 4 और सैमसंग गैलेक्सी नोट 3 में "एस-बीम" नमक सुविधा में भी हुआ है। यह एंड्रॉयड बीम का एक विस्तार है और फाइलें साझा करने के लिए ब्लूटूथ के बदले वाई-फाई डायरेक्ट का प्रयोग करता है। वाई-फाई डायरेक्ट का प्रयोग करने से, ब्लूटूथ के मुकाबले काफ़ी अधिक तेजी से 300 मेगाबिट/सेकंड की गति से बड़ी फ़ाइलें साझा की जा सकती हैं।[2]

खरीदारी

एनएफसी-सक्षम उपकरणों का प्रयोग क्रेडिट कार्ड और इलेक्ट्रॉनिक टिकट स्मार्टकार्ड के स्थान पर, या उनके साथ-साथ मोबाइल पेमेंट (मोबाइल भुगतान) करने के लिए किया जा सकता है।[3]

उदाहरण के लिए, "गूगल वॉलेट" के ज़रिये उपभोक्ता एक काल्पनिक बटुए (वर्चुअल वॉलेट) में क्रेडिट कार्ड और लॉयल्टी कार्ड सम्बंधित संग्रह कर सकते हैं और फिर मास्टर कार्ड पे-पास से लेनदेन स्वीकार करने वाले दुकानें में एक एनएफसी-सक्षम डिवाइस का उपयोग कर सकते हैं।[4]

जर्मनी,[5]ऑस्ट्रिया,[6]फ़िनलैंड,[7]न्यूजीलैंड,[8]इटली,[9]ईरान और तुर्की,[10] ने सार्वजनिक परिवहन के लिए एनएफसी टिकटिंग प्रणाली का परीक्षण कर चुके हैं। विल्नुस में 1 जुलाई 2013 से सार्वजनिक परिवहन में कागज़ी टिकटों की जगह अब पूरी तरह से आईएसओ/आईईसी 14443 संपर्क-रहित कार्ड का प्रयोग होता है।

भारत में यहाँ बॉक्स-ऑफिस टिकटों के लिए में एनएफसी आधारित भुगतान लागू किया जा रहा है। सरकार और अन्य महत्वपूर्ण वित्तीय निकायों द्वारा एनएफसी भुगतान और टिकटिंग के लिए उचित नियमावली बनाने की प्रकिर्या जारी है।[11]

ब्लूटूथ और वाई-फ़ाई कनेक्शन

एनएफसी अत्यंत साधारण स्थापन-प्रक्रिया के साथ-साथ एक कम गति का कनेक्शन प्रदान करता है, अतः इसे ब्लूटूथ और वाई-फ़ाई अधिक योग्य वायरलेस प्रणालियों को सक्षम करने के लिए इस्तेमाल किया जा।

नोकिया, सैमसंग, ब्लैकबेरी और सोनी[12] ने ब्लूटूथ हेडसेट, मीडिया प्लेयर और स्पीकरों को अपने एनएफसी-सक्षम उपकरणों के साथ "वैन टैप" द्वारा जोड़ने के लिए एनएफसी तकनीक का इस्तेमाल किया है। इसके अलावा एनएफसी की मदद से स्मार्टफ़ोन या किसी अन्य उपकरण से एनएफसी-सक्षम प्रिंटर को भी जोड़ा जा सकता है।[13]

ब्लूटूथ के साथ तुलना

पहलूएनएफसीब्लूटूथब्लूटूथ लो एनर्जी
आर॰एफ॰आई॰डी॰ समर्थितISO 18000-3सक्रियसक्रिय
मानकीकरण संस्थाISO/IECBluetooth SIGBluetooth SIG
नेटवर्क मानकISO 13157, आदि।IEEE 802.15.1IEEE 802.15.1
नेटवर्क प्रकारपॉइंट-टू-पॉइंटWPANWPAN
कूटलेखनआरएफआईडी के साथ अनुपलब्धउपलब्ध हैउपलब्ध है
सीमा< 0.2 मीटर~100 मीटर (वर्ग 1)~50 मीटर
आवृत्ति13.56 MHz2.4–2.5 GHz2.4–2.5 GHz
बिट दर424 किलोबिट/सेकंड2.1 मेगाबिट/सेकंड~1.0 मेगाबिट/सेकंड
निर्धारित समय< 0.1 सेकंड< 6 सेकंड< 0.006 सेकंड
बिजली की खपत< 15mA (रीड)वर्गानुसार अलग है< 15 mA (रीड और ट्रांसमिट)

इतिहास

एनएफसी का इतिहास रेडियो आवृत्ति पहचान, या आर॰एफ॰आई॰डी॰ से जुड़ा हुआ है। आरएफआईडी की मदद से एक निष्क्रिय इलेक्ट्रॉनिक टैग पर रेडियो तरंग भेजकर उसकी पहचान और प्रमाणीकरण किया जा सकता है।

  • 1983: चार्ल्स वाल्टन को आर॰एफ॰आई॰डी॰ से जुड़ा पहला पेटेंट मिला।[14]
  • 2002: सोनी और फिलिप्स नए तकनीक विनिर्देशों की स्थापना पर सहमत हुए और 25 मार्च 2002 को एक तकनीकी रूपरेखा तैयार की।[15]
  • 2004: नोकिया, फिलिप्स और सोनी ने नियर फील्ड कम्युनिकेशन (एनएफसी) फोरम की स्थापना की।[16]
  • 2006: एनएफसी टैग्स के लिए प्रारंभिक विनिर्देश जारी।[17]
  • 2006: नोकिया 6131 सबसे पहला एनएफसी फोन बना।[18]
  • 2010: सैमसंग नेक्सस एस पहला एंड्रॉयड एनएफसी फोन।[19]
  • 2011: टैप इट मीडिया की पहली विशेषीकृत एनएफसी विपणन कंपनी के रूप में सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में शुरूआत।
  • 2011: सिम्बियन एना संस्करण के रिलीज के साथ एनएफसी समर्थन सिम्बियन मोबाइल प्रचालन तंत्र का हिस्सा बना।[20]
  • 2011: रिसर्च इन मोशन अपने उपकरणों के लिए मास्टरकार्ड वर्ल्डवाइड द्वारा पे-पास की कार्यक्षमता के लिए प्रमाणित होने वाली पहली कंपनी बनी।[21]
  • 2012: सोनी बाज़ार में "स्मार्ट टैग" लाती है, जो एनएफसी तकनीक की मदद से सोनी के स्मार्टफ़ोन पर मोड और प्रोफाइल बदल सकते हैं।[22]
  • 2013 सैमसंग और वीज़ा ने मोबाइल भुगतान को विकसित करने के लिए बड़ी साझेदारी की घोषणा की। लेख पढ़ें

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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