पेप्सिको

अमेरिकी बहुराष्ट्रीय खाद्य और पेय निगम

पेप्सिको, इन्कोर्पोरेटेड (NYSEPEP) फॉर्च्यून 500 अमरीकी बहुराष्ट्रीय कम्पनी है जिसका मुख्यालय परचेस, न्यूयॉर्क में है और इसकी रूचि कई प्रकार के कार्बोनेटेड एवं गैर कार्बोनेटेड पेय, अनाज आधारित मीठे और नमकीन स्नैक्स और अन्य खाद्य पदार्थ के उत्पादन और विपणन में है। पेप्सी ब्रांड के अलावा यह कम्पनी क्वेकर ओट्स, गेटोरेड, फ्रिटो ले, सोबे, नेकेड, ट्रॉपिकाना, कोपेल्ला, माउंटेन ड्यू, मिरिंडा और 7 अप (अमरीका के बाहर) जैसे दूसरे ब्रांड की भी मालिक है।

पेप्सिको
प्रकार संयुक्त पूँजी कम्पनी[1] Edit this on Wikidata
व्यापार करती है न्यूयॉर्क शेयर बाज़ार, टोक्यो स्टॉक एक्स्चेंज Edit this on Wikidata
उद्योग तेज़ी से बिकने वाली उपभोक्ता वस्तुएँ, खाद्य उद्योग[1] Edit this on Wikidata
नियति सक्रिय
स्थापना 1961[2] Edit this on Wikidata
मुख्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका[3] Edit this on Wikidata
प्रमुख व्यक्ति इंद्रा नूई Edit this on Wikidata
उत्पाद पेप्सी,[4][1] सेवन अप,[1] मिरिंडा Edit this on Wikidata
राजस्व 86,392,000,000 अमेरिकी डॉलर[5] Edit this on Wikidata
प्रचालन आय 11,512,000,000 अमेरिकी डॉलर[5] Edit this on Wikidata
कुल संपत्ति 92,377,000,000 अमेरिकी डॉलर[6] Edit this on Wikidata
कुल इक्विटी 16,043,000,000 अमेरिकी डॉलर[6] Edit this on Wikidata
कर्मचारी 263,000,[7] 264,000, 309,000[6] Edit this on Wikidata
वेबसाइट https://pepsico.com Edit this on Wikidata

2006 से इंदिरा कृष्णामूर्ति नूयी पेप्सिको की मुख्य प्रबंधक हैं और इकाई के पेय पदार्थ वितरण और बॉटलिंग का उतरदायित्व सम्बंधित इकाई जैसे दी पेप्सी बॉटलिंग ग्रुप NYSEPBG और पेप्सी अमेरिकास NYSEPAS संभालती है। पेप्सिको एक एसआईसी 2080 (SIC 2080) पेय पदार्थ इकाई हैAJEET JOGI

इतिहास

पेप्सी का मुख्यालय परचेस, न्यू योर्क और वलहाला में विकास एवं अनुसंधान मुख्यालय स्थित है। 1898 में उद्योगपति और फार्मेसिस्ट कालेब ब्रधिम ने पेप्सी कोला कंपनी की स्थापना की और 1965 में फ्रिटो ले के साथ विलय के बाद इसे पेप्सिको के नाम से जाना जाने लगा. 1997 तक इसका स्वामित्व केएफसी, पिज्जा हट और टैको बेल पर भी था लेकिन यह सभी फास्ट फूड रेस्तरां ट्राईकौन ग्लोबल रेस्तरां, में विलयित हो गए जो अब जाना जाता है यम!ब्रांड आईऍनसी के नाम से, पेप्सिको ने 1998 में ट्रोपिकाना और 2001 में क्वेकर ओट्स को खरीदा. दिसंबर 2005 में जब से दोनों कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा शुरू हुई, पेप्सिको ने 112 सालों में कोका कोला से पहली बार, बाजार भाव में बढ़त हासिल की। [2]

कॉरपोरेट प्रशासन

पेप्सी-कोला वेनेजुएला

पेप्सिको के वर्त्तमान बोर्ड ऑफ डायरेक्टरके सदस्य हैं इंद्रा नूयी सीईओ, रॉबर्ट ई. एलन, डीना डुबलॉन, विक्टर जौ, रे ली हंट, अल्बर्टो ईबार्ज़ुएन, आर्थर मार्टिनेज, स्टीवेन रीनेमुंड, शेरोन रॉकफेलर, जेम्स शिरो, फ्रेंकलिन थॉमस, सिंथिया ट्रूडेल और रीवर किंग.

1 अक्टूबर 2006 को पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी और अध्यक्ष इंद्रा नूई ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में स्टीवेन रीनेमुंड को प्रतिस्थापित किया। मई 2007 में नूयी बोर्ड की अध्यक्ष बनी और निगम की अध्यक्ष बनी हुईं हैं।

पेप्सिको इंटरनेशनल डिवीजन के अध्यक्ष माइक व्हाइट हैं।

पेप्सिको में पूर्व आला अधिकारी

  • स्टीवेन रीनेमुंड
  • रोजर एनरिको
  • डी. वेन काल्लोवय
  • जॉन स्कली
  • माइकल एच जॉर्डन
  • डोनाल्ड एम. केंडल
  • क्रिस्टोफर ए सिंक्लैर
  • अल्फ्रेड स्टीली

पैरवी/पक्ष जुटाव

अमेरिका में, अपने प्रतिद्वंदी कोका कोला कम्पनी के साथ काम करते हुए पेप्सिको, पेय उद्योग के पक्ष में अनुकूल क़ानून बनाने में एक प्रमुख पैरवीकार रही है। पेप्सिको ने 2005 में 740,000 डॉलर, 2006 में 880318 डॉलर, 2007 में 1 मिलियन डॉलर और 2008 में 1,176,000 डॉलर पैरवी पर खर्च किए। 2009 में, पैरवी पर खर्च बढ़ कर 4.2 करोड़ डॉलर हो गया या यूं कहें कि इसमें 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पैरवी पर हो रहे खर्च में वृद्धि का कारण इस पेय उद्योग पर लगाये जाने वाले करों की वृद्धि के खिलाफ लड़ाई की वजह से है।[8]2009 में, पेप्सिको की ओर से 8 अलग अलग फर्मों से 31 पैरवीकार इसकी पैरवी कर रहें हैं।[9]

पेप्सी संगीत

  • पेप्सी म्यूजिक याहू पर नज़र आने वाला प्रमोश्नल म्यूजिक लेबल है। इसके कई वर्ग हैं जैसे पेप्सी माईक पास, जो ह्यूस्टन, टेक्सास में सबसे प्रसिद्ध है। यह कलाकारों को पेप्सी और पेप्सिको के अन्य उत्पादों के विज्ञापन के लिए भी अनुबंधित करता है।
  • पेप्सी म्युज़िका लैटिन चैनल मून2 पर प्रसारित होने वाला शो है।
  • ग्रीन लेबल साउंड माउंटेन ड्यू का रिकॉर्ड लेबल है जो मुफ्त डाउनलोड देता है और इस प्रकार नवोदित कलाकारों को बढ़ावा देता है।

पेप्सिको ब्रांड

पेप्सिको 5 अलग-अलग, अरब डॉलर के ब्रांडों का मालिक है। ये पेप्सी, ट्रॉपिकाना, फ्रिटो ले, क्वेकर और गेटोरेड हैं। कंपनी कई अन्य ब्रांड की भी मालिक है।

  • पेप्सी, कैफीन मुक्त पेप्सी, डाइट पेप्सी/पेप्सी लाइट, कैफीन मुक्त डाइट पेप्सी, कैफीन मुक्त पेप्सी लाइट, वाइल्ड चेरी पेप्सी, पेप्सी लाइम, पेप्सी मैक्स, पेप्सी ट्विस्ट और पेप्सी वन.
  • अन्य अमेरिकी कार्बोनेटेड शीतल पेयों में माउंटेन ड्यू, क्रश, मग रूट बियर, सिएरा मिस्ट, ट्रॉपिकाना ट्विस्टर सोडा और फ्र्वाग शामिल हैं।
  • 7 अप (अमरीका के बाहर, पूरे विश्व में)
  • अन्य अमेरिकी पेय जिसमे में शामिल हैं एक्वाफिना (फ्लेवर स्प्लैश, अलाईव और ट्विस्ट/बर्स्ट), टावा, डोले, गेटोरेड, इज्ज़ी, एएमपी एनर्जी, प्रोपेल फिटनेस वाटर, सोबे, क्वेकर मिल्क चिलर्स और ट्रोपिकाना.
  • अमेरिका के बाहर विपणन होने वाले पेय: अल्वाले, कंकोर्डिया, कोपेल्ला, एवेर्वेस, फिएस्टा, फ्रु'विटा, फ्रुको, H2OH!, इवी, जुन्कानो, कैस, लूज़ा, मन्ज़ना कोरोना, मैन्ज़निटा सॉल, मिरिंडा, पासो दे लोस तोरोस (पेय), रैडिकल फ्रूट, सैन कार्लोस, श्वीप श्वप, शानी, टीम, ट्रिपल कोला और येडिगन.
  • फ्रिटो ले ब्रांड्स: बेकन-इट्स, बार्सेल, बोकबिट्स, चीज ट्रिस, चीटोस, चेस्टर्स, चिज़ीटोस, चुर्रुमैस, क्रैकर जैक, क्रुजितोस, डोरीटोस, फैन्दैन्गोस, फ्रिटोस, फन्यंस, गैमेसा, गो स्नैक्स, जेम्स ग्रैंडमा कुकीस, हम्कास, लेज़, मिस विकिस, मंचिस, मुन्चोस, निक नैक्स, ओल्लिएस मीट स्नैक्स, क्वावर्स, रोल्ड गोल्ड, रुफ्फल्स, रस्टलर्स मीट स्टिक्स, सब्रीतास, सब्रितोनेस, सैन्डोरा, सैन्तितास, स्मार्टफ़ूड, दी स्मिथ्स स्नैकफ़ूड कंपनी, सौनरिक्स, स्टेसी पिट्टा चिप्स, सन चिप्स, टौर टीज़, कुरकुरे, टॉसटीटॉस, वाकर्स और वोटसीट्स.
  • क्वेकर ओट्स ब्रांड: आंटी जेमिमा, कैप एन क्रंच, चेवी ग्रानोला बार्स, कोक्वीरो, क्रिस्पम्स, कृएस्ली, फ्रेस्कावीना, किंग विएतनाम, लाइफ, ओअत्सो सिंपल, क्वेक, क्विस्प, राईस ए रोनी और स्पड्ज़.
  • 2005 में पेप्सिको ने वियतनाम[10] में स्टिंग एनर्जी ड्रिंक (कार्बोनेटेड) की शुरूआत की। 2010 में पाकिस्तान, फिलीपींस और मलेशिया सहित कुछ एशियाई देशों में भी शुरू किया।
  • 2007 में, नूयी ने 1.3 बिलियन डॉलर स्वास्थ्यवर्द्धक वैकल्पिक ब्रांडों पर खर्च किया जैसे कैलिफोर्निया के सोय ड्रिंक और ऑर्गेनिक जूस निर्माता नेकेड जूस.

हाल ही में पेप्सिको ने अमेरिका स्थित साबरा डिप्पिंग कंपनी[11] में 50% की हिस्सेदारी हासिल की है।

साझेदारी

कई ऐसे ब्रांड जिनका पेप्सिको मालिक नहीं है उनके साथ इसने साझेदारी का गठन किया है ताकि अपने ब्रांड के साथ इन्हें भी बाज़ार में ला सके या विपणन कर सके।

  • फ्राप्पुच्सिनो
  • स्टारबक्स डबल शॉट
  • स्टारबक्स आइस्ड कॉफी
  • मैंडरिन (लाइसेंस)
  • डी एंड जी (लाइसेंस)
  • लिप्टन ब्रिस्क
  • लिप्टन ओरिजिनल आइस्ड टी
  • लिप्टन आइस्ड टी
  • बेन एंड जैरी मिल्क शेक
  • डोल के रस और जूस ड्रिंक्स (लाइसेंस)
  • सनी डिलाईट (सनी डिलाईट बेवरेज के लिए पेप्सिको द्वारा उत्पादित)
  • FRS[12]

बंद हुए ब्रांड्स

  • पेप्सिको के 7 अप को खरीद लेने के बाद स्प्राइट और 7 अप को पेप्सी का जवाब टीम, बंद कर दिया गया।
  • ऑल स्पोर्ट्स, खेल सम्बन्धी पेय की एक श्रंखला. ऑल स्पोर्ट्स हल्का कार्बोनेटेड था इसके विपरीत प्रतिद्वंद्वियों का गेटोरेड और कोक के स्वामित्व वाला पावारेड गैर कार्बोनेटेड था। 2001 में क्वैकर ओट्स के खरीदने पर (वास्तव में यह गैटोरेड को अधिगृहीत करना था) ऑल स्पोर्ट्स का मतलब नहीं रह गया और इसे दूसरी कंपनी को बेच दिया गया।
  • ऐस्पन सोडा, सेव के स्वाद युक्त एक शीतल पेय (1970 के दशक के उत्तरार्द्ध एवं 80 के दशक के पूर्वार्द्ध में)
  • क्रिस्टल पेप्सी, पेप्सी कोला का एक स्पष्ट संस्करण.
  • फ्रूट वर्क्स: जायके थे स्ट्राबेरी मेलन, पीच पपाया, खट्टे कीनू, एप्पल रास्पबेरी और गुलाबी लेमोनेड. दो अन्य स्वाद थे, पैशन ऑरेंज और गुआवा बेरी, यह केवल हवाई में उपलब्ध थे।
  • जोस्ता: 1995 में गुआराना के साथ शुरू हुआ, यह पहला उर्जा देने वाला पेय था जो अमेरिका के किसी बड़ी सॉफ्ट ड्रिंक बनाने वाले कंपनी ने शुरू किया था।
  • मतिका: अगस्त 2001 में शुरू किया गया, यह चाय या जूस के लिए वैकल्पिक पेय था, जिसे शक्कर से मीठा किया जाता था और इसमें जिन्सेंग था। ड्रैगन फ्रूट पोशन, मैजिक मोमबिन, मिथिकल मैंगो, राईसिंग स्टार फ्रूट, स्काई हाई बेरी.
  • माज़ाग्रैन/माज़ाग्रन: 1995 में शुभारंभ
  • मिस्टर ग्रीन (सोबे)
  • पाशियो (सोडा): स्वाद वाले पेय की श्रंखला (1960- '70 के दशक के उत्तरार्द्ध में)
  • पेप्सी एज, पेप्सी कोला का एक मध्य- कैलोरी संस्करण.
  • पेप्सी ब्लू, पेप्सी कोला का नीला संस्करण जो बेरी के स्वाद का था।
  • पेप्सी कोना: पेप्सी कोला का कॉफी़ के स्वाद युक्त संस्करण, इसका शुभारम्भ 1997 में हुआ।
  • स्मूद मूस: शुभारम्भ 1995, यह एक दुग्ध आधारित पेय था।
  • स्टॉर्म: मार्च 15, 1998 में शुरूआत, यह सिएरा मिस्ट द्वारा प्रतिस्थापित हुआ।
  • मिरिंडा लाईम: 1990 के दशक के दूसरे चरण में (भारत में) शुरू किया गया पर असफल रहा।

पूर्ववर्ती ब्रांड

पेप्सिको इस कारोबार में रहने तक यानि कि 1997 तक कई रेस्तरां श्रंखला का मालिक था, इसके बाद उसने कुछ को बेच दिया और कुछ को मिला कर नयी कंपनी ट्राईकौन ग्लोबल रेस्तरां बनाया जो अब जाना जाता है नए नाम से, यम!ब्रांड, आईएनसी. पेप्सिको पहले भी कई अन्य ब्रांडों का मालिक था जिन्हें इसने बाद में बेंच दिया।

  • कैलिफोर्निया पिज्ज़ा किचेन (1992 में खरीद कर, 1997 में मूल संस्थापकों को वापस बेंच दिया)
  • शेविस फ्रेश मेक्स (अगस्त 1993 में खरीद कर मई 1997 में जे. डब्लू. चाईल्ड एक्विटी पार्टनर्स को बेंचा)
  • डी 'एंजेलो सैंडविच की दुकानें (1997 में पापा गिनो को बेंचा)
  • ईस्ट साइड मारियोज (संयुक्त राज्य अमेरिका फ्रेंचाइजी - दिसंबर 1993 में खरीदा, 1997 के प्रारंभ में बेंच दिया)।
  • हॉट एन नाउ (1990 में खरीदा, 1997 में बेंचा)
  • जौलीबी (1994 में खरीदा, 1997 में बेंचा)
  • केएफसी (KFC) (अक्टूबर 1997 में आरजेआर (RJR) नाबिस्को से खरीदा और अक्टूबर 1997 में ट्राईकॉन, बाद में यम!ब्रांड्स के साथ मिला दिया गया।)
  • उत्तर अमेरिकी वान लाइंस
  • पिज्जा (हट) 1977 में खरीदा गया था, अक्टूबर 1997 में ट्राईकॉन के साथ मिला दिया गया बाद में यह यम!ब्रांड्स के नाम से जाना गया।
  • स्तोलिच्नाया
  • टैको बेल 1978 में खरीदा था, अक्टूबर 1997 में ट्राईकॉन के साथ मिला दिया जो अब नए नाम यम!ब्रांड्स से जाना जाता है।
  • विल्सन स्पोर्ट सामग्री

विविधता

एलजीबीटी- एडवोकेट द्वारा जारीकृत कॉर्पोरेट समानता सूचकांक में पेप्सिको को 2004 से आरम्भ समूह मानव अधिकार अभियान के तहत, तीसरे साल के रिपोर्ट में पूरे 100 प्रतिशत की रेटिंग मिली[13].

विकृत छवि

1993 की गर्मियों के दौरान, पेप्सिको ने कथित उत्पाद छेड़छाड़ के धोखाधड़ी से सम्बंधित आरोप को बहुत सहजता से स्पष्ट किया। यह दावा किया गया कि डायट पेप्सी के कैन में सीरिंज मिली है- पहले सिएटल में फिर अगले कुछ दिनों में पूरे अमेरिका में ऐसी अफवाह फ़ैली. कई धोखेबाज़ दावेदारों की गिरफ्तारी के साथ अधोत्वक सुईयां मिलने की खबर बंद हो गयी। 15 जून 1993 तक उपभोक्ताओं ने अपने डायट पेप्सी में गोली, पिन और पेंच पाने की सूचना दी। पेप्सिको ने प्रेस विज्ञप्ति एवं वीएनआर द्वारा सतर्क शब्दों के माध्यम से इन अफवाहों का खंडन कर स्थिति से निपटारा किया, यह उदहारण अक्सर पाठ्यपुस्तक में उद्धृत किया जाता है कि किस प्रकार झूठी अफवाहों को संभाला जाना चाहिए[14].

आलोचनाएं

भारत में पेप्सिको

1988 में भारत में प्रविष्ट होने के लिए पेप्सिको ने पंजाब सरकार के अधीन पंजाब कृषि औद्योगिक निगम (PAIC) और वोल्टास लिमिटेड के साथ संयुक्त उद्यम किया। इस संयुक्त उद्यम के तहत 1991 तक बाज़ार में लहर पेप्सी का विपणन एवं बिक्री सतत चलता रहा, इस समय विदेशी ब्रांड के उपयोग की अनुमति थी; पेप्सिको ने 1994 में अपने साझेदारों को खरीद कर इस संयुक्त उद्यम का अंत कर दिया। [15] दूसरों का यह दावा है कि पहले 1970 में पेप्सी पर भारत में आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था क्योंकि इसने अपनी सामग्री की सूची जारी करने से इनकार कर दिया था, 1993 में यह प्रतिबन्ध हटा लिया गया और शीघ्र ही पेप्सी बाज़ार में आ गया। इन विवादों से यह स्मरण होता है कि "इन विशाल बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ भारत के संबंध कभी उग्र रहे थे।" बेशक कुछ लोग यह तर्क प्रस्तुत करते हैं कि पेप्सी और कोका कोला कंपनी" इस हिस्से में मुख्य लक्ष्य रहें हैं क्योंकि वास्तव में यह प्रसिद्ध विदेशी कम्पनियां हैं जो अपनी तरफ ध्यान आकर्षित करती हैं"[16].

2003 में पर्यावरण और विज्ञान केन्द्र नई दिल्ली स्थित एक गैर सरकारी संगठन ने खुलासा किया कि भारत में पेप्सिको और कोका कोला जैसी बहुराष्ट्रीय कम्पनी द्वारा उत्पादित वातित पानी में ज़हरीले तत्त्व जैसे लिंडेन, डीडीटी, मेलाथियान और क्लोर्प्य्रिफोस मौजूद हैं - यह कीटनाशक कैंसर, प्रतिरक्षा प्रणाली का ह्रास और जन्म के समय विकृति पैदा कर सकते हैं। परीक्षित उत्पादों में कोक, पेप्सी, 7 अप, मिरिंडा, फैंटा, थम्स अप, लिम्का और स्प्राईट शामिल थे। सीएसई (CSE) ने पाया कि भारतीय उत्पादित पेप्सी शीतल पेय उत्पादों में यूरोपीय संघ के नियम के विरुद्ध 36 गुना अधिक कीटनाशक अवशेष और कोका कोला में 30 गुना अधिक अवशेष पाए गए।[17] सीएसई (CSE) ने कहा कि इसने अमेरिका में इन्हीं उत्पाद का परीक्षण किया था और ऐसा कोई अवशेष नहीं मिला था। बहरहाल, यह मानक यूरोपीय पानी के लिए था न कि अन्य पेयों के लिए। भारत में कोई कानून नहीं है जो पेय में कीटनाशकों की मौजूदगी पर प्रतिबन्ध लगाता हो।

कोका कोला कंपनी और पेप्सिको ने इस आरोप का शक्तिशाली ढंग से खंडन किया कि भारत में निर्मित उनके उत्पादों में ज़हरीले तत्त्व का स्तर विकसित देशों के मानदंड से अधिक है। सीएसई के निष्कर्षों के आधार पर एक भारतीय संसदीय समिति और सरकार की ओर से नियुक्त समिति का 2004 में गठन हुआ जो जो शीतल पेय में कीटनाशकों के लिए विश्व के पहले मानकों का विकास करने का प्रयास कर रही है। कोक और पेप्सी ने इस कदम का विरोध करते हुए कहा कि, प्रयोगशाला परीक्षण जटिल पेयों में कीटनाशकों के सूक्ष्म अंश का पता लगाने में विश्वसनीय नहीं हैं।

2005 तक, कोका कोला कंपनी और पेप्सिको का भारतीय बाज़ार में शीतल पेय की 95% का हिस्सेदारी थी[18]. केरल के पलक्कड़ जिले की पुठुस्सेरी पंचायत ने पेप्सिको पर यह आरोप लगाया है कि पेप्सिको पानी की चोरी में संलग्न है क्योंकि जब यह भूतल जल संसाधनों का दोहन करता है तो परिणामस्वरूप पंचायत के निवासियों के लिए पानी की कमी होती है अतएव पंचायत इस गांव में पेप्सिको की इकाई को बंद करने करने के लिए सरकार पर दबाव डाल रही है।[19]

2006 में, सीएसई ने फिर से पाया कि पेप्सी और कोका कोला दोनों के सोडा पेय में कीटनाशकों की मात्रा के उच्च स्तर पर थी।पेप्सिको और कोका कोला कंपनी दोनों का कहना है कि उनके पेय पीने के लिए सुरक्षित हैं और उन्होंने समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित किये कि उनके उत्पादों में कीटनाशक की मात्रा दूसरे उत्पाद जैसे चाय, फल और दुग्ध उत्पाद से कम है।[20] भारतीय राज्य केरल में राज्य सरकार ने 2006[21] में पेप्सी कोला और दूसरे शीतल पेय के उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबन्ध लगा दिया था पर महज एक महीने बाद ही केरल उच्च न्यायालय ने इसको बदल दिया। [22] पांच अन्य भारतीय राज्यों ने कॉलेजों, स्कूलों और अस्पतालों में इस पेय पर आंशिक तौर पर प्रतिबन्ध लगाया गया है।[23]

भारत में शीतल पेय बाजार

सॉफ्ट ड्रिंक्स बाजार के विकास के मामले में भारत शीर्ष पांच बाजारों में से एक है। 2003 में देश में शीतल पेय की प्रति व्यक्ति, प्रतिवर्ष खपत लगभग 6 बोतल होने का अनुमान है। अमेरिका के मुकाबले यह आंकडा बहुत कम है (600+ बोतल प्रतिवर्ष)। लेकिन तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक और विशुद्ध परिमाण में भारत शीतल पेय के लिए एक आशाजनक बाजार है।

शेष विश्व की ही तरह भारत में शीतल पेय बाजार में प्रमुख खिलाड़ी पेप्सिको और कोका कोला कंपनी हैं। कोका कोला ने जब दूसरी बार भारतीय बाजार में प्रवेश किया तो उसने कई स्थानीय ब्रांड हासिल किये जैसे लिम्का, गोल्ड स्पॉट और थम्स अप. पेप्सी के शीतल पेय पोर्टफोलियो में पेप्सी के साथ मिरांडा और 7अप भी शामिल हैं। बाजार में प्रत्येक कंपनी की हिस्सेदारी लगभग बराबर ही है, यद्यपि अलग-अलग स्रोतों द्वारा उद्धृत अनुमान में भिन्नता है।[24]

एक शीतल पेय में प्रमुख घटक पानी है। यह शीतल पेय सामग्री का करीब 90% घटक है। इस के साथ इसमें मिठास, कार्बन डाइऑक्साइड, साइट्रिक एसिड/मेलिक एसिड, रंग, संरक्षक, एंटी ऑक्सीडेंट्स और अन्य पायसीकारी तत्त्व आदि होते हैं।[24]

भारत में खपत का स्वरुप

श्रेणी 1, 2 और 3 भारतीय शहरों में, भारतीय उपभोक्ताओं के 29% का कहना है कि वह कार्बोनेटेड शीतल पेय पूरे दिन में किसी ख़ास समय पर लेते हैं जो यह इंगित करता है कि शीतल पेय पीना उनके जीवन का हिस्सा बन गया है, अधिकांश खपत दोपहर से लेकर शाम के दौरान होती है। आश्चर्य नहीं कि प्रथम श्रेणी के शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और बंगलौर में सर्वाधिक खपत है। यह देखा गया है कि बढ़ते घरेलू आय के साथ खपत का स्तर भी बढ़ता है (अधिकतम आय स्तर अपवाद है) हालांकि उम्र बढ़ने पर खपत में कमी आती है।[25]

भारतीय सॉफ्ट ड्रिंक्स बाजार किसी भी विनियमन के अधीन नहीं है। शीतल पेय खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम 1954 में शामिल नहीं है। अगस्त 2003 से पूर्व किसी भी बीआईएस मानक में शीतल पेयों में पाए जाने वाले कीटनाशकों के अवशेषों के स्तर के लिए दिशा या निर्देश अथवा मापदंड तय किया गया था। लेकिन अलग अलग एजेंसियों ने कीटनाशकों के अवशेषों के स्तर के लिए मानक निर्धारित किया है। यूरोपीय आर्थिक समुदाय (EEC) ने पीने के पानी और संबंधित उत्पादों में विभिन्न कीटनाशकों की अधिकतम स्वीकार्य सीमा 0.1 भाग प्रति बिलियन निर्धारित की है जिससे यह मनुष्य के पीने के लिए सुरक्षित हो। कुछ एक कीटनाशक जैसे एल्ड्रिन (Aldrin), डाएलडीन (dieldin) और हेप्टाक्लोर एपोक्सईड (heptachlor epoxide) के लिए अधिकतम स्वीकार्य सीमा और भी कठोर, 0.03 भाग प्रति बिलियन निर्धारित की गयी है।[24]

बर्मा में पेप्सिको

1991 से 1997 तक, पेप्सिको बर्मा में व्यापार करने के वाले कंपनियों में उल्लेखनीय थी। पेप्सिको का व्यापार भागीदार थेइन तुन, सत्तारूढ़ बर्मी सैनिक जुंटा का विख्यात व्यापार भागीदार था उस पर आरोप लगाया गया था कि वह विश्व के सबसे बुरे मानव अधिकार उल्लंघन के लिए जिम्मेदार था।

पेप्सिको की भागीदारी ने इतिहास के सबसे बड़े बर्मा विरुद्ध बहिष्कार को प्रोत्साहित किया। उसी समय चल रहे टेक्सको और उनोकल के विरुद्ध अभियान में यह बराबर पर था और अभी यह टोटल आयल के विरुद्ध है।

नवम्बर 1991 में पेप्सिको ने उस समय की राजधानी रंगून में बॉटलिंग कि आंग सान सू की और नेशनल लीग ने कंपनियों से आह्वान किया था कि वह बर्मा में लोकतंत्र कायम होने के पहले व्यापार शुरू न करें। पेप्सी के खिलाफ अभियान एशियाई आधारित एक्शन फॉर बर्मा अधिकार आंदोलन द्वारा शुरू किया गया था। आगे चल कर पश्चिम में अभियान ने शक्ति प्राप्त की जब मानव अधिकार गुटों ने बर्मा में कंपनियों के खिलाफ अभियान पर ध्यान केन्द्रित किया जिसमें विशाल तेल कम्पनियां टेक्साको, उनोकल, अमोको और पेट्रो कनाडा शामिल थे।[26]

जब पेट्रो कनाडा ने बर्मा छोड़ दिया तब कनाडा और अमेरिका स्थित बर्मी लोकतंत्र समूहों ने अपना ध्यान पेप्सिको पर और पैना किया। 1996 में जब स्वतंत्र बर्मा गठबंधन ने आगे बढ़ कर एक बड़े पैमाने पर पेप्सिको को अमेरिकी विश्वविद्यालयों से बाहर निकलने पर मजबूर किया तब अभियान को बढ़ावा मिला। इस में हार्वर्ड से एक बहु-मिलियन डॉलर के समझौते का अंत शामिल था।

यह अभियान फ़ैल कर यूरोप भी पहुंचा जहां ब्रिटेन स्थित संगठन थर्ड वर्ल्ड फर्स्ट ने बहिष्कार को अपनाया. इसकी प्रतिक्रिया में, 1996 में, पेप्सिको ने सुर्ख़ियों से बाहर आने के लिए बर्मी संयुक्त उद्यम की हिस्सेदारी अपने बर्मी सांझेदारी को बेच दिया पर वहां का फ्रैंचाइज समझौता अपने पास रखा। आंग सान सू ची ने कहा, 'जहां तक हमारा संबंध है, पेप्सिको ने बर्मा को निवेश से वंचित नहीं किया है" और मानव अधिकार तथा पर्यावरण समूहों ने दोनों पेप्सी पर दबाव जारी रखा। आखिरकार, बर्मी सत्ता के हिंसक लोकतंत्र विरोधी रैलियों और पूरे विश्व के बढ़ते दबाव से पेप्सिको ने जनवरी 1997 में घोषणा की कि वह बर्मा के साथ सारे संबंधों में कटौती करेगा। हालांकि, आज तक, पेप्सिको ने स्वीकार नहीं किया कि वह बर्मा में निवेश के लिए नैतिक रूप से गलत था जैसा कुछ अन्य कंपनियों द्वारा देश छोड़ने समय स्वीकार किया था।

इसराइल में पेप्सिको

1991 तक पेप्सिको इसराइल में नहीं बेचा जाता था इसके लिए अमेरिका में उसकी काफी आलोचना हुई, ऐसा माना जा रहा था कि इस तरह से पेप्सिको इसराइल के अरब बहिष्कार का समर्थन कर रहा था। पेप्सिको ने इस आरोप से इनकार करते हुए हमेशा कहा कि इसराइल फ्रैंचाइज का समर्थन करने के लिए एक बहुत छोटा देश है। परिणाम स्वरुप, इजरायल बाजार पर पेप्सिको के प्रतिद्वंदी कोला कोला ने कब्ज़ा कर लिया और वर्तमान समय तक पेप्सी के पास बाज़ार में बहुत कम भागीदारी है।[27][28]

पेप्सी बौटलर्स

चित्र:Pepsi Beverages Company.png
पेप्सी बेवरेजेस कंपनी लोगो.

4 अगस्त 2009 को, पेप्सिको ने घोषणा की कि वह अपने दो सबसे बड़े बौट्लर्स द पेप्सी बौट्लिंग ग्रुप आईएनसी और पेप्सी अमेरिकास आईएनसी जो दोनों ही 1990 के दशक में बंद कर दिए गए थे, के साथ एक अंतिम विलय समझौते पर पहुंच गया है। लेनदेन की कुल लागत 7.8 बिलियन डॉलर होने का अनुमान लगाया गया है।[29]

17 फ़रवरी 2010 में दोनों बॉटलिंग कंपनियों के शेयरधारकों ने इस विलय का अनुमोदन किया और 26 फ़रवरी को पेप्सिको नॉर्थ अमेरिकेन बेवेरेज यूनिट के पूर्ण स्वामित्व वाला डिवीजन पेप्सी बेवेरेज कम्पनी (पीबीसी) अस्तित्व में आया। इस विलय में डॉ॰ पेपर स्नैपल ग्रुप के साथ एक नए समझौते में यह भी शामिल था कि बहुत ही जल्द पीबीसी डॉ पेप्पर, श्वाप और क्रश ब्रांडों के बॉटलिंग और वितरण का अधिग्रहण कर लेगा जहां पहले यह कार्य पीबीजी और पीएएस द्वारा 20 वर्षीया लाइसेंस समझौते के तहत वितरित होता था (पीबीसी के पूर्ववर्तियों द्वारा फरवरी 2009 से क्रश का वितरण और बॉटलिंग किया जा रहा था)। वर्तमान में यह अज्ञात है कि पीबीसी अपने इलाके के बाकी हिस्सों में डॉ॰पेपर और श्वप का वितरण भी करेगा या नहीं (क्योंकि शिकागो बाजार के रूप में उन बाज़ारों में डीपीएस के स्वामित्व वाले बौट्लार्स हैं जो उन क्षेत्रों में सेवा प्रदान कर रहें हैं)। इसके अतिरिक्त, अमेरिका के वह क्षेत्र जहां पीबीसी और डीपीएस द्वारा कार्य किया जा रहा है वहां का बॉटलिंग अधिकार कुछ दूसरे डीपीएस स्वामित्व ब्रांड जैसे वेर्नर और हवाईन पंच को हस्तांतरित किया जाएगा. दोनों पूर्व बाटलर्स का अंतरराष्ट्रीय परिचालन पूरी तरह से पेप्सिको इंटरनेशनल इकाई को हस्तांतरित किया गया है।

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नोट्स और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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