पंजाब (भारत)
पंजाब (पंजाबी: ਪੰਜਾਬ) उत्तर-पश्चिम भारत का एक राज्य है जो वृहद्तर पंजाब क्षेत्र का एक भाग है। इसका दूसरा भाग पाकिस्तान में है। पंजाब क्षेत्र के अन्य भाग (भारत के) हरियाणा और हिमाचल प्रदेश राज्यों में हैं। इसके पश्चिम में पाकिस्तानी पंजाब, उत्तर में जम्मू और कश्मीर, उत्तर-पूर्व में हिमाचल प्रदेश, दक्षिण और दक्षिण-पूर्व में हरियाणा, दक्षिण-पूर्व में केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और दक्षिण-पश्चिम में राजस्थान राज्य हैं। राज्य की कुल जनसंख्या 2,77,43,336 है और कुल क्षेत्रफल 50,362 वर्ग किलोमीटर है। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है पंजाब के प्रमुख नगरों में अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, पटियाला और बठिंडा हैं।
पंजाब | |
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राज्य | |
ऊपर से दक्षिणावर्त: स्वर्ण मंदिर, फतेह बुर्ज, गोबिंदगढ़ किला, किला मुबारक, पटियाला, सराय नूरमहल, पंजाबी लोक नृत्य - भांगड़ा, जलियांवाला बाग स्मारक, विभाजन संग्रहालय | |
नाम व्युत्पत्ति: पंज (अर्थात् पांच) और आब (अर्थात् जल) | |
निर्देशांक (चण्डीगढ़): 30°47′N 75°50′E / 30.79°N 75.84°E 75°50′E / 30.79°N 75.84°E | |
देश | भारत |
गठन | 1 नवम्बर 1966 |
राजधानी | चण्डीगढ़† |
सबसे बड़ा शहर | लुधियाना |
जिले | : 23 |
शासन | |
• सभा | पंजाब सरकार |
• राज्यपाल | बनवारीलाल पुरोहित |
• मुख्यमन्त्री | भगवंत मान (AAP) |
• विधानमण्डल | एकसदनीय पंजाब विधान सभा (117 सीटें) |
• संसदीय क्षेत्र | लोक सभा (13 सीटें) राज्य सभा (7 सीटें) |
• उच्च न्यायालय | पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय†† |
क्षेत्र | 50362 किमी2 (19,445 वर्गमील) |
क्षेत्र दर्जा | 19वाँ |
अधिकतम उच्चता | 551 मी (1,808 फीट) |
निम्नतम उच्चता | 150 मी (490 फीट) |
जनसंख्या (2011)[1] | |
• कुल | 2,77,43,338 |
• दर्जा | 16वाँ |
• घनत्व | 550 किमी2 (1,400 वर्गमील) |
GDP (2020–21)[2] | |
• कुल | ₹५४.२ खरब |
• प्रति व्यक्ति | ₹1,51,367 (US$2,209.96) |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+05:30) |
आई॰एस॰ओ॰ ३१६६ कोड | IN-PB |
मानव विकास सूचकांक (2019) | 0.724 (High)[3] · ९वाँ |
साक्षरता (2011) | 76.68% |
राजभाषा | पंजाबी[4] |
वेबसाइट | punjab |
^† हरियाणा के साथ संयुक्त राजधानी। ††पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के लिए समान राजधानी। |
1947 भारत का विभाजन के उपरान्त बर्तानवी भारत के पंजाब प्रान्त को भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजन दिया गया था। फिर पाकिस्तान वाले भाग में बहाावलपुर राज्य जोड़़ा गया और भारतीय पंजाब में पेप्सू राज्यों को, जिससे एक भारतीय पंजाब विशाल क्षेत्र बना। 1966 में भारतीय पंजाब का विभाजन फिर से हो गया और परिणाम के रूप में हरियाणा और विशाल हिमाचल प्रदेश जन्में और पंजाब का वर्तमान राज बना। यह भारत का अकेला प्रान्त है जहाँ सिख बहुमत में हैं।
युनानी लोग पंजाब के आस पास क्षेत्र को पैंटापोटाम्या नाम के साथ जानते थे जो कि पाँच इकट्ठा होते नदियोँ का अंदरूनी डेल्टा है। पारसियों के पवित्र ग्रंथ अवैस्टा में उत्तर पश्चिम भारत क्षेत्र को पुरातन हपता हेंदू व सप्त-सिंधु (सात नदियोँ की धरती) के साथ जोड़ा जाता है। पर पंजाब नामकरण अकबर के शासनकाल में हुआ और इसमें सतलुज से दक्षिण कोई भी भाग पंजाब में सम्मिलित नहीं था। बर्तानवी लोग इस को "हमारा प्रशिया" कह कर बुलाते थे। ऐतिहासिक रूप से पंजाब युनानियों, मध्य एशियाईओं, अफ़ग़ानियों और ईरानियों के लिए भारतीय उपमहाद्वीप का प्रवेश-द्वार रहा है।
कृषि पंजाब का सब से बड़ा उद्योग है। यहाँ के प्रमुख उद्योग हैं: वैज्ञानिक साज़ों सामान, कृषि, खेल और बिजली सम्बन्धित माल, सिलाई मशीनें, मशीन यंत्रों, स्टार्च, साइकिलों, खादों आदि का निर्माण, वित्तीय आजीविका, सैर-सपाटा और देवदार के तेल और खंड का उत्पादन। पंजाब में भारत में से सब से अधिक इस्पात के लुढ़का हुआ मीलों के उद्योग-स्थल हैं जो कि फ़तहगढ़ साहब की इस्पात नगरी मंडी गोबिन्दगढ़ में हैं। इस पवित्र धरती नै महाराजा रणजीत सिंह अकाली फूला सिंह और सरदार हरि सिंह नलवा जैसे योद्धाओं जन्म दिया और पंजाब के लोगों ने हिंदुस्तान को आजाद कराने के लिए 80% जाने दी
नामोत्पत्ति
'पंजाब' शब्द, फ़ारसी के शब्दों 'पंज' (پنج) पांच और 'आब' (آب) पानी के मेल से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ 'पांच नदियों का क्षेत्र' है। यह फ़ारसी शब्द संस्कृत के 'पञ्चनाद' के आधार पर हुआ था जिसका अर्थ वही 'पांच नदियों का क्षेत्र' है।[5][6] ये पांच नदियां हैं: सतलुज, व्यास, रावी, चिनाब और झेलम। धार्मिक आधार पर सन् १९४७ में हुए भारत और पाकिस्तान के विभाजन के दौरान चिनाब और झेलम ये दो नदियां पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में चली गईं।
इतिहास
पंजाब 1900 में
पंजाब अखण्ड भारत का हिस्सा रहा है। यहां मौर्य, बैक्ट्रियन, यूनानी, शक, कुषाण, गुप्त जैसी अनेक शक्तियों का उत्थान और पतन हुआ। मध्यकाल में पंजाब मुसलमानों के अधीन रहा। सबसे पहले गज़नवी, ग़ोरी, गुलाम वंश, खिलजी वंश, तुग़लक़, लोधी और मुगल वंशो का पंजाब पर अधिकार रहा। पंद्रहवीं और सोलहवीं शताब्दी में पंजाब के इतिहास ने नया मोड़ लिया। गुरु नानक देव की शिक्षाओं से यहां भक्ति आंदोलन ने ज़ोर पकड़ा। सिख पंथ ने एक धार्मिक और सामाजिक आंदोलन को जन्म दिया, जिसका मुख्य उद्देश्य धर्म और समाज में फैली कुरीतियों को दूर करना था। दसवें गुरु गोबिंद सिंह ने सिखों को खालसा पंथ के रूप में संगठित किया तथा एकजुट किया। उन्होंने देशभक्ति, धर्मनिरपेक्षता और मानवीय मूल्यों पर आधारित पंजाबी राज की स्थापना की। एक फारसी लेख के शब्दों में महाराजा रणजीत सिंह ने पंजाब को सिख साम्राज्य में बदल दिया। किंतु उनके देहांत के बाद अंदरूनी साजिशों और अंग्रेजों की चालों के कारण पूरा साम्राज्य छिन्न-भिन्न हो गया। अंग्रेजों और सिखों के बीच दो निष्फल युद्धों के बाद 1849 में पंजाब ब्रिटिश शासन के अधीन हो गया।
स्वतंत्रता आंदोलन में गांधीजी के आगमन से बहुत पहले ही पंजाब में ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष आरंभ हो चुका था। अंग्रेजों के खिलाफ यह संघर्ष सुधारवादी आंदोलनों के रूप में प्रकट हो रहा था। सबसे पहले आत्म अनुशासन और स्वशासन में विश्वास करने वाले नामधारी संप्रदाय ने संघर्ष का बिगुल बजाया। बाद में लाला लाजपतराय ने स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाई। चाहे देश में हो या विदेश में, पंजाब स्वतंत्रता संग्राम में हर मोर्चे पर आगे रहा। देश की आज़ादी के बाद पंजाब को विभाजन की विभीषिका का सामना करना पड़ा जिसमें बड़े पैमाने पर रक्तपात तथा विस्थापन हुआ। विस्थापित लोगों के पुनर्वास के साथ-साथ राज्य को नए सिरे से संगठित करने की भी चुनौती थी।
पूर्वी पंजाब की आठ रियासतों को मिलाकर नए राज्य 'पेप्सू' तथा पूर्वी पंजाब राज्य सघ-पटियाला का निर्माण किया गया। पटियाला को इसकी राजधानी बनाया गया। सन 1956 में पेप्सू को पंजाब में मिला दिया गया। बाद में पंजाबी सूबा आंदोलन के कारण 1966 में पंजाब से कुछ हिस्से निकालकर हरियाणा बनाया गया।
पंजाब देश के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है। इसके पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर में जम्मू और कश्मीर, उत्तर-पूर्व में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में हरियाणा तथा राजस्थान है।
जनसांख्यिकी
धर्म
धर्म | धर्मानुसार लोगों की संख्या | कुल % |
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कुल जनसंख्या | २,४३,५८,९९९[7] | 100% |
सिख | १,४९,९२,८०० | 58.08% |
हिन्दू | ८७,९८,९४२ | 37.92% |
मुस्लिम | ३,८२,०४५ | 1.93 % |
ईसाई | २,९२,८०० | 1.26 % |
बौद्ध | ४१,४८७ | 0.12 % |
जैन | ३९,२७६ | 0.16% |
अन्य | ८,५९४ | 0.04 %2 |
सिख धर्म पंजाब का मुख्य धर्म है। राज्य के लगभग 60 प्रतिशत नागरिक सिख धर्म के अनुयायी हैं। पंजाब भारत के उन छ: राज्यों में से है जहां हिन्दुओं का बहुमत नहीं है। सिखों का प्रमुख धार्मिक स्थल, हरमन्दिर साहिब, पंजाब के अमृतसर नगर में है, जोकि सिक्खों का पवित्रतम नगर है। अमृतसर जैन धर्म के अनुयायियों के लिए भी विशेष महत्त्व रखता है।
भाषा
86% पंजाबी
9% हिंदी
2% भोजपुरी
1.60% उर्दू
1.40 अन्य भाषाएं
अंतरराष्ट्रीय सीमा के दोनों ओर के पंजाबों की भाषा पंजाबी है, परंतु लिपि भिन्न है। भारतीय पंजाब में जहां गुरुमुखी का प्रयोग होता है वहीं पाकिस्तानी पंजाब में शाहमुखी लिपि का प्रयोग होता है। भारतीय पंजाब की लगभग 9 % जनता हिन्दी बोलती है, विशेष तौर पर हरियाणा और राजस्थान से सटे इलाकों में। हिन्दी को लगभग पूरी जनसंख्या द्वारा समझा जाता है जबकि शहरों में रहने वाले लोक हिंदी और अन्य भाषाएं भी बोलते हैं।
पंजाब के दूसरे राज्यों से सठे इलाकों में पंजाबी से मिलती जुलती कुछ भाषाएं भी बोली जाती है, जैसे के पठानकोट में डोगरी और फाजिल्का में बागड़ी। कई लोक इनको पंजाबी की बोलियाँ मानते हैं, तो कई लोग इन्हे हिंदी की बोलियाँ और कई लोग इन्हे अपने आप में स्वतंत्र, अलग भाषाएंँ मानते है।
जिले
पंजाब राज्य 22 जिलों में बंटा हुआ है। ये जिले है:
23वां जिला- मलेरकोटला है।
अर्थव्यवस्था
पंजाब का सन २००४ का अनुमानित कुल सकल घरेलू उत्पाद २७ अरब डॉलर है। यह एक विकसित राज्य है।
कृषि
पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है। यहां गेंहू की सबसे अधिक बिजाई की जाती है। अन्य मुख्य फसलों में चावल, कपास, गन्ना, बाजरा, मक्का, चना और फल शामिल हैं। प्रमुख उद्योगों में कपड़ा और आटा शामिल है।
पंजाब पृथ्वी का सर्वाधिक उपजाऊ क्षेत्र रहा है। यह गेहूं उत्पादन के लिए आदर्श क्षेत्र है। चावल, गन्ना, सब्जियों एंव फलों भी यहां अच्छा उत्पादन होता है। भारतीय पंजाब को भारत का "अन्न-भण्डार" कहा जाता है। यहां भारत के कुल गेहूं उत्पादन का 60% और चावल का 40% उत्पादन होता है। विश्व के परिदृश्य में इन फसलों का विश्व के कुल उत्पादन का 1/30 वां अथवा 3% का योगदान करता है।
भारतीय पंजाब का आधारभूत ढांचा पूरे भारत में सर्वाधिक बेहतर में से है। यहां के निवासी औसत के आधार पर भारत के सर्वाधिक धनी लोग हैं।