बेथलहम

बैतलहम (अरबी: بَيْتِ لَحْمٍ‎, Bayt Laḥm सहायता·सूचना, यानी “माँस का घर"; इब्रानी: בֵּית לֶחֶם‎, बेत लेख़ेम (Beit Lehem), यानी "खाने या रोटी का घर" यूनानी : Βηθλεέμ बैथलेएम (Bethleém)) मध्य वेस्ट-बैंक में, येरुशलम से लगभग 10 किलोमीटर (6 मील) दक्षिण में स्थित एक फ़िलस्तीनी शहर है, जिसकी जनसंख्या लगभग 30,000 है।[4][5] यह फ़िलस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण (Palestinian National Authority) के बैतलहम शासकीय-क्षेत्र (Bethlehem Governorate) की राजधानी और फ़िलस्तीनी संस्कृति व पर्यटन का केंद्र है।[6][7] हिब्रू बाइबिल में बीट लेहम (Beit Lehem) की पहचान डेविड के शहर के रूप में और स्थान के रूप में की गई है, जहां इस्राइल के राजा के रूप में उसका राज्याभिषेक किया गया था। मैथ्यू (Matthew) व ल्यूक (Luke) द्वारा नए करार पर दिये गये धर्मोपदेशों में बैतलहम को नासिरे के ईसा (Jesus of Nazareth) का जन्मस्थान बताया गया है। विश्व के सबसे प्राचीन ईसाई समुदायों में से एक इस शहर में निवास करता है, हालांकि उत्प्रवास के कारण इस समुदाय का आकार सिकुड़ गया है।

बैतलहम
अन्य transcription(s)
 • अरेबिकبيت لحم
 • औरBeit Lahm[1] (आधिकारिक)
Bayt Lahm (अनाधिकारिक)
बैतलहम is located in फ़िलिस्तीनी राज्यक्षेत्र
बैतलहम
बैतलहम
क्षेत्र बैतलहम फिलिस्तीनी अधिकारक्षेत्र भितर
प्रशासनिकबेथलहम
शासन
 • प्रणालीशहर (१९९५ से)
 • नगर प्रमुखVictor Batarseh[2]
जनसंख्या (२००७)
 • न्याय व्यवस्था25,266[3]
नामका अर्थhouse of meat (Arabic); house of bread (Hebrew)
वेबसाइटwww.bethlehem-city.org

सन 529 ईस्वी में समारियाई लोगों द्वारा, उनके विद्रोह के दौरान, इस शहर में लूट-पाट की गई थी, लेकिन यूनानी शासक जस्टिनियन प्रथम द्वारा इसका पुनर्निर्माण करवाया गया। सन 637 ईस्वी में ‘उमर इब्न-अल-खताब की अरब खलीफाई ने बेथलहम पर विजय प्राप्त की और उसने इस शहर के धार्मिक तीर्थ-स्थलों की सुरक्षा का आश्वासन दिया. सन 1099 में, धर्म-योद्धाओं ने बेथलहम पर कब्ज़ा करके इसकी किले-बंदी कर दी और इसके ग्रीक ऑर्थोडॉक्स पादरी के स्थान पर एक लैटिन पादरी नियुक्त कर दिया. मिस्रसीरिया के सुल्तान सलादिन द्वारा इस शहर पर कब्ज़ा किये जाने पर इन लैटिन पादरियों को निष्कासित कर दिया गया। सन 1250 ईस्वी में मामलुकों के आगमन के साथ ही इस शहर की दीवारें ढहा दीं गईं और बाद में ऑटोमन राजवंश के शासन के दौरान उन्हें फिर से बनाया गया।[8]

प्रथम विश्व-युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना ने उस्मानियों से इस शहर का नियंत्रण छीन लिया और 1947 में फिलीस्तीन के लिये बनी संयुक्त राष्ट्र संघ की विभाजन योजना (संयुक्त राष्ट्र Partition Plan for Palestine) के तहत इसे एक अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में शामिल किया जाना था। सन 1948 के अरब-इसराइल युद्ध में उर्दुन ने इस शहर पर अधिकार कर लिया। सन 1967 के छः दिवसीय युद्ध में इसराइल ने इस पर क़ब्जा कर लिया। सन 1995 से, बैतलहम पर फ़िलस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण (Palestinian National Authority) का नियंत्रण है।[8]

बैतलहम में मुस्लिम बहुमत है, लेकिन यह सबसे बड़े फिलिस्तीनी ईसाई समुदायों में से एक का घर भी है। बेथलहम संकुलन में बीट जाला (Beit Jala) और बीट सहौर (Beit Sahour) व साथ ही 'ऐदा ('Aida) एवं अज़्ज़ा (Azza) के शरणार्थी शिविर भी शामिल हैं। बेथलहम का मुख्य आर्थिक भाग पर्यटन है, जो क्रिसमस के मौसम में अपने शिखर पर होता है, जब ईसा के जन्मस्थान के चर्च (Church of the Nativity) में ईसाई तीर्थयात्रियों की भीड़ लग जाती है। बेथलहम में तीस से अधिक होटल व तीन सौ हस्तकला के कारखाने हैं।[9] रैशेल की समाधि, एक महत्वपूर्ण यहूदी पवित्र स्थल, बेथलहम के प्रवेश द्वार पर स्थित है।

इतिहास

इस शहर का पहला ऐतिहासिक उल्लेख आमर्ना पत्रों (Amarna Letters) (सी. 1400 ईसा पूर्व) में मिलता है, जब अपिरु (Apiru) द्वारा उत्पन्न व्यवधानों को देखते हुए येरुशलम का राजा अपने प्रभु, मिस्र के राजा, से “बित-लाहमी (Bit-Lahmi) ” को पुनः प्राप्त करने के लिये सहायता प्रदान करने की अपील करता है।[10] चूंकि उस समय तक यहूदी व अरब लोगों का आगमन इस क्षेत्र में नहीं हुआ था, अतः ऐसा माना जाता है कि इसके आधुनिक रूपों के साथ इस नाम की समानता यह सूचित करती है कि यह कैनेनाइट (Canaanites) लोगों का एक उपनिवेश रहा होगा, जो बाद में आने वाले समुदायों के साथ एक सामी सांस्कृतिक और भाषाई परंपरा को साझा करते हैं।[11]

बाइबिल का युग

संभव है कि जुडाह के “पहाड़ी देश” में स्थित बेथलहम, बाइबिल में लिखित एफ्राथ (Ephrath),[12] जिसका अर्थ है “उपजाऊ”, ही हो क्योंकि मिकाह की पुस्तक (Book of Micah) में इसका एक उल्लेख बेथलहम एफ्राथ के रूप में भी मिलता है।[13] इसे बेथ-लेहम जुडाह[14] और “डेविड का एक शहर” के रूप में भी जाना जाता है।[15] इसका पहला उल्लेख तनाख और बाइबिल में ऐसे स्थान के रूप में हुआ है, जहां अब्राहमिक कुलमाता रैशेल की मृत्यु हुई और उन्हें “सड़क के किनारे” दफनाया गया (जेन. 48:7). रैशेल की समाधि, पारंपरिक कब्रिस्तान, बेथलहम के प्रवेश-द्वार पर स्थित है। रुथ की पुस्तक (Book of Ruth) के अनुसार, पूर्व दिशा में स्थित घाटी में ही मोआब के रुथ (Ruth of Moab) ने खेतों को बीना था और नाओमी के साथ वे इस शहर में लौटे थे। बेथलहम डेविड, इसरायल के द्वितीय राजा, का पारंपरिक जन्मस्थान और वह स्थान है, जहां सैम्युअल द्वारा उनका राजतिलक किया गया था।[16] जब वे अदुलाम की गुफा में छिपे हुए थे, तब बेथलहम की दीवार से ही इन तीन योद्धाओं ने उन्हें जल लाकर दिया था।[17]

रोमन और यूनानी काल

1833 में ईसाइयों के चर्च का दृश्य, एम.एन.वोरोबीव द्वारा चित्रकला

बार कोखबा विद्रोह में इस पर कब्जा करने के बाद 132–135 ईस्वी के दौरान रोमन लोग इस शहर में बस गए। हैड्रियन के सैन्य आदेशों द्वारा इसके यहूदी निवासियों को निष्कासित कर दिया गया।[18] बेथलहम पर शासन करने के दौरान रोमन लोगों ने ईसा के जन्मस्थान पर पौराणिक ग्रीक संप्रदाय के व्यक्तित्व एडोनिस के एक तीर्थस्थल का निर्माण किया। सन 326 ईस्वी में जब प्रथम यूनानी शासक कॉन्स्टन्टाइन की मां हेलेना ने बेथलहम की यात्रा की, तो एक चर्च का निर्माण किया गया।[8]

सन 529 ईस्वी के समारियाई विद्रोह के दौरान, बेथलहम में लूट-पाट की गई और इसकी दीवारों तथा ईसा के जन्मस्थान के चर्च (Church of the Nativity) को नष्ट कर दिया गया, लेकिन राजा जस्टिनियन प्रथम के आदेश पर जल्द ही इसका पुनर्निर्माण हुआ। सन 614 ईस्वी में, फारसी सैसेनिड राज्य ने फिलिस्तीन पर आक्रमण किया और बेथलहम पर कब्ज़ा कर लिया। बाद के स्रोतों में वर्णित एक कथा के अनुसार एक पच्चीकारी में फारसी वस्रों में चित्रित एक जादूगर को देखकर उन्होंने इस चर्च को नहीं तोड़ा.[8]

ईसा का जन्मस्थान

ईसाई परंपरा के अनुसार यीशु का जहां जन्म हुआ था वहां चांदी का अंकन सितारा

नया करार (New Testament) में दो स्थानों पर इस बाद का वर्णन है कि ईसा का जन्म बेथलहम में हुआ था। ल्युक के धर्मोपदेश (Gospel of Luke) के अनुसार,[15] ईसा के माता-पिता नाज़ारेथ में निवास करते थे, लेकिन वे 6 ईस्वी की जनगणना के लिये बेथलहम आए थे और उनके परिवार के नाज़ारेथ लौटने से पूर्व वहीं ईसा का जन्म हुआ था।

मैथ्यू के धर्मोपदेश (Gospel of Matthew) में दिये गये वर्णन के अनुसार जब ईसा का जन्म हुआ, तो यह परिवार पहले से ही बेथलहम में रह रहा था और बाद में वे लोग नाज़ारेथ चले गए।[19][20] मैथ्यू के अनुसार, हेरोड महान (Herod the Great) ने बताया कि बेथलहम में ‘यहूदियों के एक राजा’ का जन्म हो चुका था और उसने उस नगर में और उसके आस-पास के स्थानों में रहने वाले दो वर्ष और उससे कम आयु के सभी बच्चों को मार डालने की आज्ञा दी. ईसा के लौकिक पिता जोसेफ को एक स्वप्न में इस बात की चेतावनी दी गई और उनका परिवार इस दुर्भाग्य से बचने के लिये मिस्र की ओर पलायन कर गया तथा वे लोग हेरोड की मृत्यु के बात ही वापस लौटे. परंतु, एक अन्य स्वप्न में जुडिया न लौटने की चेतावनी दिये जाने के कारण जोसेफ अपने परिवार को गैलिली में ही छोड़ देते हैं और नाज़ारेथ जाकर रहने लगते हैं।

प्रारंभिक ईसाइयों ने मिकाह की पुस्तक (Book of Micah)[21] में लिखी एक पंक्ति की व्याख्या बेथलहम में एक मसीहा के जन्म की भविष्यवाणी के रूप में की.[22] अनेक आधुनिक विद्वान इस बात पर प्रश्न उठाते हैं कि क्या सचमुच ईसा का जन्म बेथलहम में हुआ था और उनका सुझाव है कि ईसा के जन्म को प्रस्तुत करने के लिये धर्मोपदेशों में विभिन्न उल्लेखों का आविष्कार भविष्यवाणी को सच साबित करने और राजा डेविड की वंशावली से उनका संबंध सूचित करने के लिये किया गया।[23][24][25][26] मार्क के धर्मोपदेश (Gospel of Mark) और जॉन के धर्मोपदेश (Gospel of John) में ईसा के जन्म का वर्णन या इस बात का कोई संकेत भी शामिल नहीं है कि ईसा का जन्म बेथलहम में हुआ था और वे उनका उल्लेख केवल नाज़ारेथ निवासी के रूप में ही करते हैं।[27] आर्किओलॉजी (Archaeology) पत्रिका में 2005 में प्रकाशित एक लेख में पुरातत्वविद् अविराम ओशरी (Aviram Oshri) ने इस ओर सूचित किया कि जिस काल में ईसा का जन्म हुआ, उस अवधि में उस क्षेत्र में कोई बस्ती होने के प्रमाण उपस्थित नहीं हैं और उनका दृढ़ मत है कि ईसा का जन्म गैलिली के बेथलहम (Bethlehem of Galilee) में हुआ था।[28] उनका विरोध करते हुए, जेरोम मर्फी-ओ’कॉनर (Jerome Murphy-O’Connor) पारंपरिक विचार का ही समर्थन करते हैं।[29]

बेथलहम में ईसा के जन्म के काल से जुड़ी प्राचीन परंपरागत मान्यता को ईसाई धर्ममण्डक जस्टिन मार्टर (Justin Martyr) द्वारा अनुप्रमाणित किया गया है, जिन्होंने ट्राइफो (Trypho) के साथ हुई एक चर्चा (सी. 155–161) में कहा कि इस पवित्र परिवार ने इस नगर के बाहर स्थित एक गुफा में शरण ली हुई थी।[30] अलेक्ज़ेन्ड्रिया के ओरिजेन (Origen of Alexandria) ने वर्ष 247 के आस-पास किये गए अपने लेखन में बेथलहम शहर में स्थित एक गुफा का उल्लेख किया है, जिसे स्थानीय लोग ईसा का जन्मस्थान मानते थे।[31] यह गुफा संभवतः वही थी, जो पहले तामुज़ (Tammuz) के संप्रदाय का स्थान रह चुकी थी।[32]

इस्लामी शासन और धर्म-युद्ध

ओमर (उमर) की मस्जिद वर्ष 1860 में बनाया गया जहां मुसलमानों के द्वारा कब्ज़ा किए खालिफ उमर'स की यात्रा के लिए मनाया.यह बेथलहम का एक ही मस्जिद है।

सन 637 ईस्वी में, मुस्लिम सेनाओं, उमर इब्न अल-खताब ('Umar ibn al-Khattāb) द्वारा येरुशलम पर कब्ज़ा कर लिये जाने के कुछ ही समय बाद, दूसरे खलीफा बेथलहम आए और यह वचन दिया कि ईसा के जन्मस्थान पर बने चर्च को ईसाइयों के प्रयोग के लिये सुरक्षित रखा जाएगा.[8] उमर ने शहर में चर्च के पास जिस स्थान पर प्रार्थना की थी, वहां उन्हें समर्पित एक मस्जिद का निर्माण किया गया।[33] इसके बाद बेथलहम आठवीं सदी में उम्मायदों (Ummayads) की इस्लामिक खलीफाई व नवीं सदी में अब्बासिदों (Abbasids) के नियंत्रण से गुज़रा. फारसी भूगोलवेत्ता ने नवीं सदी के मध्य में यह दर्ज किया है कि शहर में एक सुसंरक्षित तथा अत्यधिक सम्मानित चर्च मौजूद था। सन 985 में, अरब के भूगोलवेत्ता अल-मकदेसी (al-Muqaddasi) ने बेथलहम की यात्रा की और इसके चर्चा का उल्लेख “कॉन्स्टन्टाइन का बैसिलिका (Basilica of Constantine), जिसके समान कुछ भी पूरे देश में कहीं नहीं है” कहकर किया।[34] सन 1009 में, छठे फातिमिद खलीफा अल-हकीम बि-अम्र अल्लाह के शासनकाल के दौरान ईसा के जन्मस्थान पर बने इस चर्च (Church of the Nativity) को गिराने का आदेश दिया गया, लेकिन स्थानीय मुस्लिमों ने इसे छोड़ दिया क्योंकि उन्हें इस ढांचे के दक्षिणी अनुप्रस्थ भाग में प्रार्थना करने की अनुमति दे दी गई थी।[35]

सन 1099 में, धर्मयोद्धाओं ने बेथलहम पर कब्जा कर लिया, इसकी सुरक्षा को मज़बूत बनाया और ईसा के जन्मस्थान पर बने चर्च (Church of the Nativity) के उत्तरी भाग में एक नए मठ तथा विहार का निर्माण किया। ग्रीक ऑर्थोडॉक्स पादरियों को उनके स्थान से हटा दिया गया और लैटिन पादरियों की नियुक्ति की गई। इस समय तक, इस क्षेत्र में ग्रीक ऑर्थोडॉक्स लोगों की आधिकारिक ईसाई उपस्थिति थी। सन 1100 में क्रिसमस के दिन, बाल्डविन प्रथम (Baldwin I), येरुशलम के फ्रैंकिश शासन के राजा, का राज्याभिषेक बेथलहम में हुआ था और उसी वर्ष इस नगर में एक लैटिन धर्माध्यक्ष-वर्ग (episcopate) की स्थापना भी की गई।[8]

बेथलहम का एक चित्र, 1882

सन 1187 में, सलादिन, मिस्रसीरिया का वह सुल्तान, जिसने मुस्लिम अय्युबिदों (Ayyubids) का नेतृत्व किया, ने धर्मयोद्धाओं से बेथलहम को छीन लिया। लैटिन पादरियों को शहर छोड़ने पर मजबूर किया गया और ग्रीक ऑर्थोडॉक्स पादरियों को वापस लौटने का मौका मिला. सन 1192 में सलादीन ने दो लैटिन पुरोहितों और दो उपयाजकों की वापसी पर सहमति जताई. हालांकि, बेथलहम को तीर्थयात्रियों से होने वाले व्यापार की हानि उठानी पड़ी क्योंकि यूरोपीय तीर्थयात्रियों की संख्या में बहुत अधिक गिरावट आई थी।[8]

विलियम चतुर्थ (William IV), नेवर्स के काउंट (Count of Nevers) ने बेथलहम के ईसाई बिशप-समूह को यह वचन दिया था कि यदि बेथलहम मुस्लिम नियंत्रण के अधीन आ गया, तो वे छोटे से नगर क्लैमेसी में उनका स्वागत करेंगे, जो कि वर्तमान में फ्रांस के बरगंडी में है। इसी के अनुसार, सन 1223 में बेथलहम के बिशप ने पैंथेनॉर, क्लैमेसी के अस्पताल में निवास करना प्रारंभ किया। सन 1789 में फ्रांसीसी क्रांति से पूर्व तक, क्लैमेसी लगभग 600 वर्षों तक लगातार ‘गैर-विश्वासकर्ताओं के क्षेत्र में (in partibus infidelium)’ बेथलहम के धर्म-प्रांत (Bishopric) की धर्म-पीठ बना रहा.[36]

अय्युबिदों और धर्मयोद्धाओं के बीच हुए दस वर्षों के युद्ध-विराम के बदले सन 1229 में पवित्र रोमन सम्राट फ्रेडरिक द्वितीय (Frederick II) और अय्युबिद सुल्तान अल-कामिल (al-Kamil) के बीच हुई एक संधि के द्वारा बेथलहम—येरुशलम, नाज़ारेथ और सिडॉन के साथ—को संक्षिप्त रूप से येरुशलम के धर्मयोद्धा शासन को हस्तांतरित कर दिया गया। सन 1239 में यह संधि समाप्त हो गई और सन 1244 में मुस्लिमों ने पुनः बेथलहम पर कब्ज़ा कर लिया।[37]

सन 1250 में, रुक्न अल-दिन बैबर्स (Rukn al-Din Baibars) के अंतर्गत मामुलकों (Mamluks) की शक्ति के अधीन हो जाने पर, ईसाइयत की सहनशीलता में कमी आ गई; पादरियों ने शहर छोड़ दिया और सन 1263 में शहर की दीवारें ढहा दीं गईं. अगली सदी में लैटिन पादरी बेथलहम लौट आए और उन्होंने ईसा के जन्मस्थान के बैसिलिका (Basilica of the Nativity) के पास स्थित मठ में स्वयं को स्थापित किया। ग्रीक ऑर्थोडॉक्स समुदाय को बैसिलिका का नियंत्रण सौंपा गया और उन्होंने लैटिन व अर्मेनियाई लोगों के साथ मिल्क ग्रोटो (Milk Grotto) का साझा-नियंत्रण किया।[8]

ऑटोमन और मिस्र का युग

बेथलहम में एक गली, 1880
बेथलहम का एक दृश्य, 1898

सन 1517 से, ऑटोमन नियंत्रण के दौरान, बैसिलिका के नियंत्रण को लेकर कैथलिक व ग्रीक ऑर्थोडॉक्स चर्चों के बीच विवाद चलता रहा.[8] सोलहवीं सदी के अंत तक, बेथलहम येरुशलम जिले के सबसे बड़े गांवों में से एक बन चुका था और उसे सात भागों में उप-विभाजित किया गया था।[38] इस अवधि में अन्य नेताओं के अतिरिक्त बास्बस परिवार (Basbus family) ने बेथलहम के प्रमुखों के रूप में अपनी सेवा दी.[39]

बेथलहम गेहूं, जौ और अंगूर पर कर चुकाता था। मुस्लिम और ईसाई पृथक समुदायों के रूप में व्यवस्थित थे, जिनमें से प्रत्येक का अपना एक नेता था; सोलहवीं सदी के मध्य-काल में पांच नेता इस गांव का प्रतिनिधित्व करते थे, जिनमें से तीन मुस्लिम थे। ऑटोमन के कर-रिकॉर्ड बताते हैं कि ईसाई आबादी थोड़ी अधिक समृद्ध थी या अंगूर के बजाय अनाज अधिक उगाया करती थी, जो कि एक अधिक मूल्यवान पदार्थ था।[40]

सन 1831 से 1841 तक, फिलिस्तीन मिस्र के मुहम्मद अली राजवंश के अधीन था। इस अवधि के दौरान, यह शहर एक भूकंप तथा साथ ही सन 1834 में मिस्र की सैन्य-टुकड़ियों द्वारा एक मुस्लिम भाग के विनाश, जो संभवतः इब्राहिम पाशा के एक कृपापात्र वफादार की हत्या के बदले के रूप में किया गया था, की घटनाओं से प्रभावित हुआ।[41] सन 1841 में, बेथलहम पुनः एक बार ऑटोमन शासन के अधीन आ गया और प्रथम विश्व युद्ध के अंत तक इसी के अधीन बना रहा. ऑटोमन शासकों के अधीन, बेथलहम के निवासियों ने बेरोज़गारी, अनिवार्य सैन्य सेवा और अत्यधिक करों का सामना किया, जिसका परिणाम सामूहिक उत्प्रवास, विशिष्टतः दक्षिणी अमरीका की ओर, के रूप में मिला.[8] 1850 के दशक के एक अमरीकी मिशनरी ने 4,000 से कम आबादी की जानकारी दी है, ‘जिनमें से लगभग सभी ग्रीक चर्च से संबंधित थे’. उन्होंने यह टिप्पणी भी की है कि ‘जल की जानलेवा कमी है’ और इसलिये यह कभी भी एक बड़ा नगर नहीं बन सका.[42]

बीसवीं सदी

सन 1920 से लेकर 1948 तक बेथलहम का प्रशासन ब्रिटिश अधिदेश के द्वारा किया जाता था।[43] संयुक्त राष्ट्र संघ की सामान्य सभा (संयुक्त राष्ट्र General Assembly) के 1947 के फिलिस्तीन के विभाजन के प्रस्ताव में बेथलहम को येरुशलम की विशेष अंतर्राष्ट्रीय परिवृत्ति में शामिल किया गया, जिसका प्रशासन संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा किया जाना था।[44]

सन 1948 के अरब-इसराइली युद्ध के दौरान जॉर्डन के इस शहर पर कब्ज़ा कर लिया।[45] सन 1947-48 में इसराइली सेनाओं के कब्ज़े में चले गए क्षेत्रों से अनेक शरणार्थी भागकर बेथलहम क्षेत्र में पहुंचे और मुख्य रूप से उन स्थानों में बस गए, जो बाद में आधिकारिक रूप से उत्तर में ‘अज़्ज़ा ('Azza) (बीट जिब्रिन) (Beit Jibrin) एवं ‘ऐदा ('Aida) के तथा दक्षिण में दीशेह (Dheisheh) के शरणार्थी शिविर बन गए।[46] शरणार्थियों की इस घुसपैठ ने बेथलहम के ईसाई बहुमत को एक मुस्लिम बहुमत में रूपांतरित कर दिया है।[47]

बेथलहम में इजरायली सैनिक, 1978.

सन 1967 में छः-दिवसीय युद्ध के दौरान इसराइल द्वारा शेष वेस्ट-बैंक के साथ ही बेथलहम पर भी कब्ज़ा कर लिये जाने तक जॉर्डन ने इस शहर पर अपना नियंत्रण बनाए रखा. सन 1995 में वेस्ट-बैंक और गाज़ा-पट्टी पर हुए एक अंतरिम समझौते के अनुरूप 21 दिसम्बर 1995 को इसराइली टुकड़ियां बेथलहम से हटा लीं गईं[48] और इसके तीन दिनों बाद यह शहर फिलिस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण (Palestinian National Authority) के पूर्ण प्रशासनिक व सैन्य नियंत्रण के अधीन आ गया।[49]

दूसरा इन्तिफादा

बेथलहम कैथोलिक चर्च

दूसरे फिलिस्तीनी इन्तिफादा (Palestinian Intifada), जो सन 2000-01 में शुरु हुआ था, के दौरान बेथलहम की अधोसंरचना व पर्यटन उद्योग को बहुत अधिक हानि उठानी पड़ी.[50][51] सन 2002 में, यह ऑपरेशन डिफेंसिव शील्ड (Operation Defensive Shield), इसराइली सैन्य शक्तियों (Israeli Defense Forces) (आईडीएफ) (IDF) द्वारा किये गए एक बड़े सैन्य आक्रमण, में एक मुख्य युद्ध क्षेत्र था।[52]

इस ऑपरेशन के दौरान आईडीएफ (IDF) ईसा के जन्मस्थान पर बने चर्च (Church of the Nativity) को घेर लिया, जहां लगभग 200 फिलिस्तीनी आतंकियों ने चर्च को बंधक बना लिया था। यह घेराबंदी 39 दिनों तक जारी रही और इस दौरान नौ आतंकियों व चर्च के घण्टा-वादक (bellringer) को मार डाला गया। इसकी समाप्ति 13 वांछित आतंकियों को विभिन्न यूरोपीय राष्ट्रों व मॉरिटानिया (Mauritania) में निर्वासित कर दिये जाने के एक समझौते के साथ हुई.

भूगोल

एक बेथलहम स्थान का संकेत नक्षा

बेथलहम 31°43′0″N 35°12′0″E / 31.71667°N 35.20000°E / 31.71667; 35.20000 पर स्थित हैबेथलहम की समुद्र की सतह से उंचाई लगभग 775 मीटर (2,543 फी॰) है, जो कि समीपस्थ येरुशलम से 30 मीटर (98 फी॰) उच्च है।[53] बेथलहम यहूदिया पर्वत (Judean Mountains) के दक्षिणी भाग पर स्थित है।

यह शहर गाज़ा (Gaza) और भूमध्य सागर के 73 किलोमीटर (45 मील) उत्तर-पूर्व में, अम्मान, जॉर्डन के 75 किलोमीटर (47 मील) पश्चिम में, तेल अविव, इसराइल के 59 किलोमीटर (37 मील) दक्षिण-पूर्व में और येरुशलम के 10 किलोमीटर (6 मील) दक्षिण में स्थित है।[54] इसके समीपस्थ बसे शहरों में उत्तर में बीट सफाफा (Beit Safafa) और येरुशलम, उत्तर-पश्चिम में बीट जाला (Beit Jala), पश्चिम में हुसान (Husan), दक्षिण-पश्चिम में अल-खद्र (al-Khadr) व अर्तास (Artas), तथा पूर्व में बीट सहौर (Beit Sahour) शामिल हैं। बीट जाला (Beit Jala) और बाद वाले मिलकर बेथलहम के साथ एक संकुलन बनाते हैं और ऐदा तथा अज़्ज़ा शरणार्थी शिविर शहर की सीमाओं के भीतर स्थित हैं।[55]

प्राचीन शहर

बेथलहम के केंद्र में इसका प्राचीन शहर है। यह प्राचीन शहर आठ भागों से मिलकर बना है, जो मैंगर चौक (Manger Square) के आस-पास के क्षेत्र का निर्माण करते हैं। इन भागों में ईसाई अल-नजाज्रेह (al-Najajreh), अल-फ़राहियेह (al-Farahiyeh), अल-अनात्रेह (al-Anatreh), अल-तराजमेह (al-Tarajmeh), अल-क़वाव्सा (al-Qawawsa) और ह्रीज़त (Hreizat) भाग तथा अल-फ़वाघरेह (al-Fawaghreh)—एकमात्र मुस्लिम भाग— शामिल हैं।[56] अधिकांश ईसाई भागों के नाम उन अरब घैसनिद (Ghassanid) संप्रदायों के नाम पर रखे गए हैं, जो वहां बस गए।[57] अल-क़वाव्सा (Al-Qawawsa) भाग का निर्माण अठारहवीं सदी में समीपस्थ नगर तुक़ु’ (Tuqu') से आए अरब ईसाई उत्प्रवासियों द्वारा किया गया था।[58] पुराने शहर के भीतर एक सीरियाई भाग भी है,[56] जिसके नागरिक तुर्की में मिदयात (Midyat) और मा’असार्ते (Ma'asarte) से आए हैं।[59] इस प्राचीन शहर की कुल जनसंख्या लगभग 5,000 है।[56]

जलवायु

गर्म व सूखी गर्मियों और ठंडी शीत-ॠतु के साथ बेथलहम में भूमध्यसागरीय जलवायु है। शीत-ॠतु (मध्य-दिसंबर से मध्य-मार्च) का तापमान ठंडा और बरसाती हो सकता है। जनवरी सबसे ठंडा माह है, जिसमें तापमान 1 से 13 अंश सेल्सियस (33–55 अंश फारेनहाइट (°F)) के बीच हो सकता है। मई से सितंबर तक, मौसम गर्म और धूप से भरा होता है। 27 अंश सेल्सियस (81 अंश फारेनहाइट (°F)) के उच्च तापमान के साथ अगस्त सबसे गर्म माह है। बेथलहम में प्रतिवर्ष औसतन 700 millimeters (27.6 in) वर्षा होती है, जिसमें से 70% नवंबर से जनवरी के बीच होती है।[60]

बेथलहम की औसत वार्षिक सापेक्ष आर्द्रता 60% है और जनवरी व फरवरी के बीच यह अपनी उच्चतम दरों पर पहुंच जाती है। मई में आर्द्रता के स्तर न्यूनतम होते हैं। प्रतिवर्ष 180 दिनों तक रात में ओस पड़ सकती है। इस शहर पर भूमध्यसागर से आने वाली हवाओं का प्रभाव पड़ता है, जो कि दिन के मध्य में उत्पन्न होती हैं। हालांकि बेथलहम अप्रैल, मई और मध्य-जून के दौरान अरब के रेगिस्तान से आने वाली गर्म, सूखी, रेत-भरी और धूल-भरी खमासीन (Khamaseen) हवाओं से भी प्रभावित होता है।[60]

जनसांख्यिकी

जनसंख्या

वर्षजनसंख्या
18673,000-4,000[61]
19458,820[62]
196122,450
198316300[63]
199721,930[64]
2004 (अनुमानित)28,010[1]
2006 (अनुमानित)29,930[1]
200725,266[64]

पीसीबीएस (PCBS) की 1997 की जनगणना के अनुसार, इस शहर की जनसंख्या 21,670 थी, जिसमें कुल 6,570 शरणार्थी शामिल हैं, जिनकी संख्या शहर की जनसंख्या का 30.3% है।[64][65] सन 1997 में, बेथलहम के निवासियों के आयु-वितरण के अनुसार 27.4% निवासियों की आयु 10 वर्ष से कम थी, 20% लोग 10 से 19 वर्ष की आयु के थे, 17.3% निवासियों की आयु 20-29 वर्ष थी, 17.7% लोग 30 से 44 वर्ष के बीच थे, 12.1% की आयु 45-64 थी तथा 5.3% लोग 65 वर्ष की आयु को पार कर चुके थे। पुरुषों की संख्या 11,079 तथा महिलाओं की 10,594 थी।[64]

पीसीबीएस (PCBS) के एक आकलन के अनुसार, मध्य-2006 में बेथलहम की जनसंख्या 29,930 थी।[1] हालांकि, पीसीबीएस (PCBS) की वर्ष 2007 की जनगणना में यह पाया गया कि जनसंख्या 25,266 थी, जिसमें 12,753 पुरुष और 12,513 महिलाएं थीं। निवासी ईकाइयों की संख्या 6,709 थी, जिनमें 5,211 परिवार थे। परिवारों में सदस्यों की औसत संख्या 4.8 थी।[3]

ऑटोमन कर रिकार्ड के अनुसार 16वीं सदी के प्रारंभ में ईसाइयों की संख्या कुल जनसंख्या के लगभग 60% थी, जबकि 16वीं सदी के मध्य-काल तक ईसाई और मुस्लिम जनसंख्या लगभग समान हो चुकी थी। इस सदी के अंत तक कोई भी मुस्लिम निवासी नहीं बचा था और वयस्क पुरुष कर-दाताओं की संख्या 287 थी। पूरे ऑटोमन साम्राज्य के सभी गैर-मुस्लिमों की तरह, ईसाईयों को भी जिज़या-कर (jizya tax) देना पड़ता था।[38] सन 1867 में एक अमरीकी यात्री ने वर्णन किया कि शहर की जनसंख्या 3,000 से 4,000 के बीच थी; जिनमें लगभग 100 प्रोटेस्टेंट (Protestants), 300 मुस्लिम और "शेष लैटिन व ग्रीक चर्चों के सदस्य तथा कुछ अर्मेनियाई (Armenians) थे ".[61]

सन 1948 में, शहर की धार्मिक रचना में 85% ईसाई, अधिकांश ग्रीक ऑर्थोडॉक्स (Greek Orthodox) व रोमन कैथलिक (Roman Catholic) पंथों के अनुयायी,[66] तथा 13% सुन्नी मुस्लिम थे। सन 2005 तक, ईसाई निवासियों की संख्या नाटकीय रूप से घटकर लगभग 20% रह गई।[67] प्राचीन शहर में स्थित एकमात्र मस्जिद ओमर की मस्जिद (Mosque of Omar) है, जो कि मैंगर चौक (Manger Square) पर स्थित है।[33]

ईसाई जनसंख्या

चार बेथलहम ईसाई महिलाएं, 1911

बेथलहम के ईसाई निवासियों में से अधिकांश लोग अरब के प्रायद्वीप के अरब ईसाई पंथ के वंशज होने का दावा करते हैं, जिनमें शहर के दो सबसे बड़े-अल फ़राहिया (al-Farahiyya) और अन-नजाज्रेह (an-Najajreh) शामिल हैं। इनमें से पहले समूह का दावा है कि वे उन घासनिदों (Ghassanids) के वंशज हैं जिन्होंने यमन से वर्तमान जॉर्डन के वादी मुसा (Wadi Musa) की ओर देशांतरण किया था और अन-नजाज्रेह (an-Najajreh) के लोग दक्षिणी हेजाज़ (Hejaz) में नाजरान (Najran) के अरबों के वंशज हैं। बेथलहम का एक अन्य पंथ, अल-अनांत्रेह (al-Anantreh), भी अपनी वंशावली को अरब प्रायद्वीप से जोड़ता है।[68]

बेथलहम में ईसाइयों का प्रतिशत निरंतर गिर रहा है, जिसका मुख्य कारण लगातार हो रहा उत्प्रवास है। मुस्लिम समुदाय की तुलना में ईसाइयों की निम्न जन्म-दर भी इस गिरावट का एक कारण है। सन 1947 में, ईसाई कुल जनसंख्या के 75% थे, लेकिन 1998 तक यह प्रतिशत गिर कर 23% पर आ गया।[66] बेथलहम के वर्तमान महापौर, विक्टर बातारेश (Victor Batarseh) ने वॉइस ऑफ अमेरिका (Voice of America) को बताया कि, "तनाव, शारीरिक या मनोवैज्ञानिक, तथा बुरी आर्थिक स्थितियों के कारण, कई लोग, चाहे वे ईसाई हों या मुस्लिम, उत्प्रवास कर रहे हैं, लेकिन यह ईसाइयों में अधिक दिखाई देता है क्योंकि वे अल्पसंख्यक हैं।"[69]

अंतरिम समझौते का पालन करने वाला फिलिस्तीनी प्राधिकरण (Palestinian Authority) आधिकारिक रूप से बेथलहम क्षेत्र के ईसाइयों की समानता के लिये प्रतिबद्ध है, हालांकि प्रिवेंटिव सेक्युरिटी सर्विस (Preventive Security Service) एवं आतंकी गुटों की ओर से उनके खिलाफ हिंसा की भी कुछ घटनाएं होती रहीं हैं।[70]

द्वितीय इंतिफादा (Second Intifada) की शुरुआत और इसके परिणामस्वरूप पर्यटन में आई कमी ने भी ईसाई अल्पसंख्यकों को प्रभावित किया है और इनमें से अनेक लोगों को आर्थिक रूप से झटका लगा है क्योंकि वे बेथलहम के अनेक होटलों और सेवाओं के मालिक हैं, जो विदेशी पर्यटकों की आवश्यकताओं का ध्यान रखती हैं।[71] ईसाइयों द्वारा इस क्षेत्र को छोड़ने के कारणों पर किये गये एक सांख्यिकीय विश्लेषण ने इसके लिये आर्थिक और शैक्षणिक अवसरों की कमी, विशेषतः ईसाइयों की मध्यम-वर्गीय अवस्था और उच्च शिक्षा के कारण, को दोषी ठहराया.[72] द्वितीय इंतिफादा (Second Intifada) के बाद से, 10% ईसाई जनसंख्या ने यह शहर छोड़ दिया है।[69]

वर्ष 2006 में फिलिस्तीनी सेंटर फॉर रिसर्च एंड डायलॉग (Palestinian Centre for Research and Cultural Dialogue) द्वारा किये गये बेथलहम के ईसाइयों के एक मतदान में यह पाया गया कि उनमें से 90% ने बताया कि उनके मुस्लिम मित्र हैं, 73.3% ने माना कि फिलिस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण (Palestinian National Authority) शहर में स्थित ईसाई धरोहर के साथ सम्मानजनक व्यवहार करता है और 78% ने इस क्षेत्र में इसराइली यात्रा प्रतिबंधों को ईसाइयों के निष्क्रमण का कारण माना.[73]

हमास सरकार की आधिकारिक स्थिति शहर की ईसाई जनसंख्या का समर्थन करने की रही है, हालांकि शहर में इस्लामिक उपस्थिति को बढ़ाने, उदाहरणार्थ ईसाई पड़ोस में पहले प्रयोग न की जा रही किसी मस्जिद में आकर प्रार्थना करने की अपील करके, के कारण समय-समय पर कुछ अनाम निवासियों द्वारा इस पार्टी की आलोचना भी की जाती रही है। जेरुसलम पोस्ट (Jerusalem Post) के अनुसार, हमास के अंतर्गत, ईसाई जनसंख्या को कानून और व्यवस्था की कमी का सामना करना पड़ता है, जिसने इन्हें स्थानीय माफिया द्वारा ज़मीन हथिया लिये जाने के प्रति ग्रहणीय छोड़ दिया है, जो अप्रभावी अदालतों का और इस अनुभव का लाभ उठाते हैं कि ईसाई जनसंख्या द्वारा स्वयं के समर्थन में खड़े होने की संभावना कम है।[74][75][76]

अर्थव्यवस्था

केंद्रीय बेथलहम

खरीदारी और उद्योग

खरीदारी बेथलहम का एक प्रमुख क्षेत्र है, विशेषकर क्रिसमस के मौसम में. शहर की मुख्य सड़क और पुराने बाज़ार में हस्तशिल्प, मध्य-पूर्व के मसाले, आभूषण और पूर्वी मिठाइयां, जैसे बकलावा (baklawa), बेचने वाली दुकानों की कतार है।[77]

इस शहर में हस्तशिल्प की वस्तुएं बनाने का इतिहास इसकी स्थापना जितना ही प्राचीन है। बेथलहम में अनेक दुकानों में स्थानीय जैतून के झुरमुट से बनी जैतून की लकड़ी की नक्काशी — जिसके लिये यह शहर प्रसिद्ध है — बेची जाती है।[78] नक्काशी की हुई ये वस्तुएं बेथलहम आने वाले पर्यटकों द्वारा खरीदा जाने वाला प्रमुख उत्पाद है।[79] धार्मिक हस्तशिल्प भी बेथलहम में एक प्रमुख उद्योग है और कुछ उत्पादों में हाथों से बनाए गए मदर-ऑफ-पर्ल (mother-of-pearl) से बने आभूषण, व साथ ही जैतून की लकड़ी से बनी मूर्तियां, डिब्बे एवं क्रॉस शामिल हैं।[78] मदर-ऑफ-पर्ल हस्तशिल्प बनाने की कला से बेथलहम का परिचय 14वीं सदी के दौरान दमास्कस के फ्रांसिस्कन सन्यासियों (Franciscan friars) ने करवाया था।[79] पत्थर और संगमरमर को काटना, टेक्सटाइल, फर्नीचर और सजावट अन्य मुख्य उद्योग हैं। बेथलहम में पेंट, प्लास्टिक, सिन्थेटिक रबर, दवाओं, निर्माण सामग्री और खाद्य उत्पादों, मुख्यतः पास्ता और कन्फेक्शनरी, का उत्पादन भी किया जाता है।[80]

बेथलहम में एक वाइन बनाने वाली कंपनी, सन 1885 में स्थापित क्रेमिसन वाइन (Cremisan Wine), है, जो वर्तमान में अनेक देशों को वाइन की आपूर्ति करती है। इस वाइन का उत्पादन क्रेमिसन के मठ में रहने वाले भिक्षुओं द्वारा किया जाता है और अधिकांश अंगूरों का उत्पादन अल-खादेर (al-Khader) क्षेत्र से होता है। इस मठ का वाइन उत्पादन लगभग 700,000 लीटर प्रति वर्ष है।[81]

पर्यटन

ईसाइयों के चर्च

पर्यटन बेथलहम का प्राथमिक उद्योग है और वर्ष 2000 के पूर्व की अन्य फिलिस्तीनी बस्तियों के विपरीत, अधिकांश कार्यरत निवासी इसराइल में कार्य नहीं करते.[50] कार्यरत जनसंख्या के 25% से अधिक को इस उद्योग में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त था।[80] इस शहर की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का योगदान लगभग 65% और फिलिस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण (Palestinian National Authority) में 11% है।[82]

ईसा के जन्मस्थान पर स्थित चर्च (Church of the Nativity) बेथलहम के मुख्य पर्यटक आकर्षणों में से एक है और यह ईसाई तीर्थयात्रियों को आकर्षित करने वाले चुम्बक के समान है। यह शहर के मध्य— मैंगर चौक (Manger Square) का एक भाग — में होली क्रिप्ट नामक एक खोह या गुफा के ऊपर स्थित है, जहां संभवतः ईसा का जन्म हुआ था। पास में ही एक मिल्क ग्रोटो (Milk Grotto) स्थित हैं, जहां इस पवित्र परिवार ने मिस्र की ओर पलायन करते समय शरण ली थी और उसी की बगल में वह गुफा है, जहां संत जेरोम (St. Jerome) ने हिब्रू ग्रंथों का लैटिन में अनुवाद करते हुए तीस वर्ष बिताए थे।[8]

बेथलहम में तीस से भी अधिक होटल हैं।[9] जकीर पैलेस (Jacir Palace), सन 1910 में चर्च के पास निर्मित, बेथलहम के सबसे सफल होटलों में से एक और यहां का सबसे पुराना होटल है। द्वितीय इंतिफादा (Second Intifada) की हिंसा के कारण वर्ष 2000 में इसे बंद कर दिया गया था, लेकिन सन 2005 में इसे दोबारा खोला गया।[83]

आर्थिक सम्मेलन

21 मई 2008 को बेथलहम ने फिलिस्तीनी क्षेत्रों में हुए अब तक के सबसे बड़े आर्थिक सम्मेलन की मेजबानी की. इसकी पहल फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री और पूर्व वित्त-मंत्री सलाम फयाद (Salam Fayyad) द्वारा पूरे मध्य-पूर्व से आए 1,000 से अधिक व्यापारियों, बैंकरों व सरकारी अधिकारियों को वेस्ट बैंक व गाज़ा पट्टी में निवेश करने पर राज़ी करने के लिये की गई थी, हालांकि फयाद ने स्वीकार किया कि इसराइली-फिलिस्तीनी संघर्ष से सीधे जुड़े होने के कारण ये क्षेत्र “उपयुक्त व्यापारिक वातावरण से बहुत दूर हैं”. इसके बावजूद, फिलिस्तीनी क्षेत्रों में व्यापारिक निवेशों के लिये 1.4 बिलियन अमरीकी डॉलर आरक्षित किये गये।[84]

संस्कृति

कशीदाकारी

बेथलहम में एक औरत.उसके साफ़ा और छोटा जैकेट बेथलहम क्षेत्र का विशिष्ट वस्त्र हैं।

एक राज्य के रूप में इसराइल की स्थापना से पूर्व, बेथलहम के वस्र तथा कशीदाकारी संपूर्ण यहूदिया पहाड़ियों (Judaean Hills) व तटीय मैदान में लोकप्रिय थी। बेथलहम तथा निकटस्थ ग्रामों बीट जाला (Beit Jala) और बीट सहौर (Beit Sahour) की महिला कशीदाकारों को शादी-विवाह के वस्रों के व्यावसायिक उत्पादकों के रूप में जाना जाता था।[85] बेथलहम “रंगों और धात्विक चमक का एक सकल प्रभाव” उत्पन्न करने वाली कशीदाकारी का एक केंद्र था।[86]

बेथलहम में कुछ कम औपचारिक वस्र सामान्यतः जामुनी धागों से निर्मित किये जाते थे और उनके ऊपर स्थानीय बुने हुए ऊन से बनाया गया एक बिना आस्तीन वाला कोट (बिष्ट) पहना जाता था। विशेष अवसरों के लिये पंखदार आस्तीनों वाले वस्र पट्टेदार रेशम से बनाए जाते थे और छोटा तकसिरेह (taqsireh) जैकेट, जिसे पूरे फिलिस्तीनी क्षेत्र में बेथलहम जैकेट के नाम से जाना जाता है, इस पर पहना जाता था। तकसिरेह (taqsireh) मखमल या बनात (broadcloth) बनाया जाता था और सामान्यतः इस पर भारी कशीदाकारी की होती थी।[85]

बेथलहम का कार्य मुक्त या वृत्ताकार रेखाओं के साथ फूलों के एक शैलीदार पैटर्न का निर्माण करने के उद्देश्य से, वस्र के लिये प्रयुक्त रेशम, ऊन, नमदा (felt) या मखमल पर जड़े हुए सोने या चांदी के तार, या रेशम के तार के प्रयोग के कारण अद्वितीय था। इस तकनीक का प्रयोग “शाही” वैवाहिक पोशाकों (थोब मलाक), तकसिरेह (taqsireh) तथा विवाहित महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले शातवेह (shatwehs) को बनाने के लिये किया जाता था। कुछ लोगों ने इसकी पहचान बाइज़ेंटियम (Byzantium) साम्राज्य, तथा अन्य लोगों ने ऑटोमन (Ottoman) साम्राज्य के उच्च-वर्ग के अधिक औपचारिक वस्रों के रूप में की है। चूंकि बेथलहम के ईसाई गांव था, अतः स्थानीय महिलाएं चर्च के वस्रों पर भी महीनता से की जाने वाली भारी कशीदाकारी और चांदी की जरी से परिचित थीं।[85]

मदर-ऑफ-पर्ल नक्काशी

मोती का सीप के साथ काम करते शिल्पकार, आरंभ 20वीं सदी

14वीं सदी में दमास्कस के फ्रांसिस्कन सन्यासियों (Franciscan friars) ने मदर-ऑफ-पर्ल (mother-of-pearl) नक्काशी की कला से बेथलहम को परिचित करवाया और तभी से यह इस शहर की एक परंपरा रही है।[87] एक महत्वपूर्ण ईसाई शहर के रूप में बेथलहम की स्थिति सदियों से तीर्थयात्रियों के एक सतत प्रवाह को आकर्षित करती रही है। इससे बहुत अधिक स्थानीय कार्य और आय, महिलाओं के लिये भी, का सृजन हुआ है, जिसमें मदर-ऑफ-पर्ल की निशानियों का निर्माण करना शामिल है।[88] इसका उल्लेख रिचर्ड पोकॉक (Richard Pococke) द्वारा किया गया है, जिन्होंने 1727 में इस शहर की यात्रा की.[89]

वर्तमान समय के उत्पादों में क्रॉस, कानों की बालियां, जड़ाउ पिन,[87] फिलिस्तीन के नक्शे[90] और चित्रों की फ्रेम शामिल हैं।[91]

सांस्कृतिक केंद्र व संग्रहालय

बेथलहम के क्रिसमस ईव में कैथोलिक जुलूस, 2006

बेथलहम में पेलेस्टिनीयन हेरिटेज सेंटर (Palestinian Heritage Center) स्थित है, जिसकी स्थापना सन 1991 में हुई थी। इस केंद्र का लक्ष्य फिलिस्तीनी कशिदाकारी, कला और लोक-साहित्य को संरक्षित रखना व प्रचारित करना है।[92] इंटरनैशनल सेंटर ऑफ बेथलहम (International Center of Bethlehem) एक अन्य सांस्कृतिक केंद्र है, जो मुख्यतः बेथलहम की संस्कृति पर ध्यान केंद्रित करता है। यह भाषा और गाइड प्रशिक्षण, महिलाओं के अध्ययन और कला व शिल्प प्रदर्शन तथा प्रशिक्षण प्रदान करता है।[7]

एडवर्ड सेड नैशनल कन्ज़र्वेटरी ऑफ म्युज़िक (Edward Said National Conservatory of Music) की एक शाखा बेथलहम में स्थित है और इसमें लगभग 500 छात्र हैं। इसके मुख्य लक्ष्य बच्चों को संगीत की शिक्षा देना, अन्य विद्यालयों के लिये शिक्षकों को प्रशिक्षित करना, संगीत-संबंधी शोध को प्रायोजित करना और फिलिस्तीनी लोक-साहित्य का अध्ययन करना हैं।[93]

बेथलहम की नगरीय सीमा के भीतर चार संग्रहालय हैं। क्रिब ऑफ द नैटिविटी थियेटर एंड म्युज़ियम (Crib of the Nativity Theatre and Museum) ईसा के जीवन के महत्वपूर्ण चरणों को चित्रित करने वाले 31 त्रि-आयामी (3D) मॉडल पर्यटकों के लिये प्रस्तुत करता है। इसके थियेटर में बीस मिनट का एक एनीमेटेड शो प्रस्तुत किया जाता है। बेथलहम के प्राचीन शहर में स्थित बाड गियासामन म्युज़ियम (Badd Giacaman Museum), 18वीं सदी में बनाया गया था और यह मुख्यतः जैतून के तेल के उत्पादन के इतिहास और प्रक्रिया पर केंद्रित है।[7]

बैतुना अल-तलहमी म्युज़ियम (Baituna al-Talhami Museum), जिसकी स्थापना सन 1972 में हुई थी, में बेथलहम के निवासियों की संस्कृति के प्रदर्शन शामिल हैं।[7] इंटरनैशनल म्युज़ियम ऑफ नैटिविटी (International Museum of Nativity) की रचना यूनाइटेड नेशन्स एज्युकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गनाइज़ेशन (संयुक्त राष्ट्र Educational, Scientific and Cultural Organization) (यूनेस्को) (युनेस्को) द्वारा “एक उद्बोधक वातावरण में उच्च कलात्मक गुणवत्ता” के कार्यों के प्रदर्शन के उद्देश्य से की गई थी।[7]

त्यौहार

क्रिसमस तीर्थयात्रियों, 1890

बेथलहम में क्रिसमस की रस्में तीन भिन्न तिथियों पर आयोजित की जातीं हैं: 25 दिसम्बर रोमन कैथलिक व प्रोटेस्टेंट संप्रदायों के लिये पारंपरिक तिथि है, लेकिन ग्रीक, कॉप्टिक व सीरियाई ऑर्थोडॉक्स ईसाई 6 जनवरी को तथा अमरीकी ऑर्थोडॉक्स ईसाई 19 जनवरी को क्रिसमस का त्यौहार मनाते हैं। क्रिसमस के अधिकांश जुलूस मैंगर चौक (Manger Square), ईसा के जन्मस्थान पर स्थित बैसिलिका (Basilica of the Nativity) के बाहर स्थित एक प्लाज़ा, से होकर गुज़रते हैं। कैथलिक प्रार्थनायें सेंट कैथराइन (St. Catherine) के चर्च में होती हैं और प्रोटेस्टेंट अक्सर शेफर्ड्स फील्ड्स (Shepherds' Fields) में प्रार्थनायें आयोजित करते हैं।[94]

अन्य फिलिस्तीनी बस्तियों की ही तरह, बेथलहम भी फिलिस्तीनी लोक-साहित्य से संबंधित संतों व पैगंबरों से जुड़े त्यौहारों में शामिल होता है। 5–6 मई को आयोजित किया जाने वाला फीस्ट ऑफ सेंट जॉर्ज (Feast of Saint George) (अल-खद्र) (al-Khadr) एक ऐसा ही वार्षिक त्यौहार है। इस उत्सव के दौरान, शहर के ग्रीक ऑर्थोडॉक्स ईसाई एक जुलूस के रूप में निकटवर्ती अल-खदेर (al-Khader) नगर की ओर जाते हैं, जहां सेंट जॉर्ज के मठ के पास स्थित जल में नवजात शिशुओं का बपतिस्मा किया जाता है और भेड़ की बलि देने की रस्म निभाई जाती है।[95] फीस्ट ऑफ सेंट एलिजाह (Feast of St. Elijah) बेथलहम के उत्तर में स्थित एक ग्रीक ऑर्थोडॉक्स मठ, मार एलियास (Mar Elias), तक निकाले जाने वाले एक जुलूस के द्वारा मनाया जाता है।

सरकार

बेथलहम में एक हमास रैली

बेथलहम शहर बेथलहम शासकीय-क्षेत्र (Governorate) का मुहफज़ा (muhfaza) (मुख्यालय) या जिले की राजधानी है।

बेथलहम में नगर-परिषद के चुनाव पहली बार 1876 में हुए थे, जब बेथलहम के प्राचीन शहर के भागों (सीरियाक भाग के अलावा) के मुख्तारों (“प्रमुखों”) ने शहर के प्रत्येक पंथ का प्रतिनिधित्व करने वाले सात सदस्यों की एक स्थानीय परिषद के चुनाव का निर्णय लिया। एक बुनियादी कानून बनाया गया कि यदि महापौर पद का विजेता कोई कैथलिक हो, तो उसका सहायक ग्रीक ऑर्थोडॉक्स समुदाय से होना चाहिये.[96]

शुरु से अंत तक, ब्रिटिश और जॉर्डन के द्वारा बेथलहम के शासन, सीरियाक भाग (Syriac Quarter) को इस चुनाव में शामिल होने की अनुमति दी गई और इसी प्रकार त’आमराह बेडॉइन और फिलिस्तीन शरणार्थियों को भी अनुमति प्रदान की गई, जिसके फलस्वरूप परिषद में नगर के सदस्यों की संख्या ग्यारह किये जाने को मंज़ूरी मिली. सन 1976 में, एक संशोधन पारित करके महिलाओं को मतदान करने और परिषद की सदस्य बनने की अनुमति मिली और बाद में मतदान की आयु 21 वर्ष से बढ़ाकर 25 वर्ष कर दी गई।[96]

आज, बेथलहम नगर परिषद में महापौर व उप-महापौर सहित पंद्रह निर्वाचित सदस्य होते हैं। एक विशेष अधिनियम के अनुसार यह आवश्यक है कि महापौर व नगर परिषद के सदस्यों का बहुमत ईसाई हो, जबकि शेष सीटें मुक्त हैं और किसी धर्म तक सीमित नहीं हैं।[71]

इस परिषद में राजनैतिक दलों की अनेक शाखाएं हैं, जिनमें साम्यवादी, इस्लामवादी व धर्मनिरपेक्ष शामिल हैं। आरक्षित सीटों पर सामान्यतः पैलेस्टाइन लिबरेशन ऑर्गनाइज़ेशन (Palestine Liberation Organization) (पीएलओ) (PLO) के वामपंथी धड़े, जैसे पॉप्युलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ पैलेस्टाइन (Popular Front for the Liberation of Palestine) (पीएफएलपी) (PFLP) और पैलेस्टाइन पीपल्स पार्टी (Palestinian People's Party) (पीपीपी) (PPP) का ही वर्चस्व होता है। सन 2005 के फिलिस्तीनी नागरिक चुनावों में मुक्त सीटों में से अधिकांश सीटें हमास ने जीतीं थीं।[97]


2005 के बेथलहम नगर निगम के चुनावों के निर्वाचित उम्मीदवार

दर्जासूचीउम्मीदवार का नामधर्म
1ब्रदरहुड & डेवलपमेंट (PFLP)विक्टर बतारसेह
2युनाइटेड बेथलहम (फतह और पीपीपी (PPP))अंटन सलमान
3रिफॉर्म (हमास)हसन अल-मसलमा
4युनाइटेड बेथलहम (फतह और पीपीपी)अफ्राम अस्मारी
5वफ़ा (फिलीस्तीनी इस्लामिक जिहाद)ईसा ज़वाहरा
6युनाइटेड बेथलहम (फतह और पीपीपी)खलील च्वाका
7रिफॉर्म (हमास)खालिद जादू
8होप & लेबर (फतह)ज़ुघ्बी ज़ुघ्बी
9रिफॉर्म (हमास)नाबिल अल-ह्राय्मी
10रिफॉर्म (हमास)सलीह च्वाका
11रिफॉर्म (हमास)यूसुफ अल नत्शा
12ब्रदरहुड & डेवलपमेंट (पीऍफ़एलपी)नीना' एत्वान
13ब्रदरहुड & डेवलपमेंट (पीऍफ़एलपी)जॉर्ज सा'अदा
14स्वतंत्रनादिर अल-सका
15युनाइटेड बेथलहम (फतह और पीपीपी)दुहा अल-बंदक

महापौर

नगर के कानून के अनुसार बेथलहम के महापौर व उप-महापौर का ईसाई होना आवश्यक है।[71]

  • मिखाइल अबु सादेह (Mikhail Abu Saadeh) - 1876
  • खलील याक़ूब (Khalil Yaqub) - 1880
  • सुलेमान जकिर (Suleiman Jacir) - 1884
  • इसा अब्दुल्ला मार्कस (Issa Abdullah Marcus) - 1888
  • याकूब खलील इलियास (Yaqub Khalil Elias) - 1892
  • हाना मंसुर (Hanna Mansur) - 1895–1915
  • सलीम इसा अल-बतरसेह (Salim Issa al-Batarseh) - 1916–17
  • सलाह गिरीस जक़मान (Salah Giries Jaqaman) - 1917–21
  • मुसा क़तन (Musa Qattan) - 1921–25
  • हाना इब्राहिम मिलादाह (Hanna Ibrahim Miladah) - 1926–28
  • निकोलोआ अतालाह शैन (Nicoloa Attalah Shain) - 1929-1933

  • हाना इसा अल-क़व्वास (Hanna Issa al-Qawwas) - 1936–46
  • इसा बसिल बांदक (Issa Basil Bandak) - 1946–51
  • इलियास बांदक (Elias Bandak) - 1951–53
  • अफीफ सल्म बतरसेह (Afif Salm Batarseh) - 1952–53
  • इलियास बांदक (Elias Bandak) - 1953–57
  • अय्युब मुसल्लम (Ayyub Musallam) - 1958–62
  • इलियास बांदक (Elias Bandak) - 1963–72
  • इलियास फ्रैज (Elias Freij) - 1972–97
  • हाना नसीर (Hanna Nasser) - 1997–2005
  • विक्टर बतरसेह (Victor Batarseh) (वर्तमान (current) - 2005–[98][99]

शिक्षा

पैलेस्टिनीयन सेंट्रल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (Palestinian Central Bureau of Statistics) (पीसीबीएस) (PCBS) के अनुसार, वर्ष 1997 में, बेथलहम की 10 वर्ष से अधिक जनसंख्या में से लगभग 84% लोग शिक्षित थे। शहर की जनसंख्या में से, 10,414 लोगों ने विद्यालयों में प्रवेश लिया था (4,015 लोगों ने प्राथमिक विद्यालय में, 3,578 लोगों ने माध्यमिक विद्यालय में और 2,821 लोगों ने उच्च-माध्यमिक विद्यालय में). उच्च माध्यमिक विद्यालय के लगभग 14.1% विद्यार्थियों ने डिप्लोमा हासिल किया।[100] सन 2006 में बेथलहम के शासकीय-क्षेत्र में 135 विद्यालय थे; इनमें से 100 फिलिस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण (Palestinian National Authority) के शिक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित, सात यूनाइटेड नेशन्स रिलीफ एंड वर्क्स एजेंसी (संयुक्त राष्ट्र Relief and Works Agency) (यूएनआरडब्ल्यूए) (UNRWA) द्वारा संचालित और 28 निजी थीं।[101]

बेथलहम में बेथलहम विश्वविद्यालय स्थित है, जो कि सन 1973 लैसालियाई (Lasallian) परंपरा में स्थापित उच्च-शिक्षा का एक कैथलिक ईसाई सह-शिक्षा संस्थान है, जो सभी धार्मिक विश्वासों को मानने वाले विद्यार्थियों के लिये खुला है। बेथलहम विश्वविद्यालय वेस्ट बैंक में स्थापित पहला विश्वविद्यालय है और इसकी जड़ें सन 1893 तक ढूंढी जा सकती हैं, जब डे ला सैले क्रिश्चियन ब्रदर्स (De La Salle Christian Brothers) ने पूरे फिलिस्तीन व मिस्र में विद्यालय खोले थे।[102]

परिवहन

बेथलहम के एक गली में टैक्सियों की लाइन

सेवाएं

बेथलहम में निजी कम्पनियों के स्वामित्व वाले तीन बस स्टेशन हैं, जो येरुशलम (Jerusalem), बीट जाला (Beit Jala), बीट सहौर (Beit Sahour), हेब्रोन (Hebron), नहालिन (Nahalin), बत्तीर (Battir), अल-खादेर (al-Khader), अल-उबैदिया (al-Ubeidiya) और बीट फ़ज्जार (Beit Fajjar) के लिये अपनी सेवाएं देते हैं। यहां दो टैक्सी स्टेशन हैं, जो बीट सहौर (Beit Sahour), बीट जाला (Beit Jala), येरुशलम (Jerusalem), तुकु’ (Tuqu') और हेरोडियम (Herodium) की यात्रा करवाते हैं। यहां किराये पर कारें उपलब्ध कराने वाले दो विभाग भी हैं: मुराद (Murad) व ‘ओराबी ('Orabi). वेस्ट बैंक के लाइसेंस वाली बसों और टैक्सियों को परमिट के बिना इसराइल, येरुशलम सहित, में प्रविश करने की अनुमति नहीं होती.[103]

आवाजाही पर प्रतिबंध

यरूशलेम दिशा से मुख्य बेथलहम के लिए प्रवेश द्वार, 2005

इसराइल द्वारा बनाए गए वेस्ट बैंक नाके का बेथलहम पर राजनैतिक रूप से, सामाजिक रूप से और आर्थिक रूप से प्रभाव पड़ा है। यह नाका इस शहर के निर्माण-क्षेत्र के उत्तरी भाग पर, एक ओर ‘ऐदा के शरणार्थी शिविर में बने घरों से, तथा दूसरी ओर येरुशलम की नगरपालिका से, कुछ ही मीटर की दूरी पर बना हुआ है।[50]

बेथलहम के संकुलन से शेष वेस्ट बैंक की ओर आवागमन के अधिकांश प्रवेश व निर्गम द्वारा वर्तमान में इसराइली जांच-केंद्रों व मार्ग अवरोधों के अधीन हैं। अभिगमन का स्तर इसराइली सुरक्षा निर्देशों के अनुसार बदलता रहता है। बेथलहम के फिलिस्तीनी निवासियों द्वारा वेस्ट-बैंक से इसराइली कब्जे वाले येरुशलम में की जाने वाली यात्रा का नियमन एक परमिट-प्रणाली के द्वारा किया जाता है।[104] प्रवेश के लिये ऐसे परमिट प्राप्त करना, जो कि अतीत में बेथलहम के लिये अनेक प्रकार से एक शहरी आश्रय के रूप में कार्य करता था, द्वितीय इंतिफादा से जुड़ी हिंसा की शुरुआत के बाद से अत्यधिक दुर्लभ हो गया है, हालांकि बाद में इसराइल ने इन दो समीपस्थ शहरों के बीच आवागमन को सरल बनाने के लिये एक टर्मिनल का निर्माण किया है।[50][105]

फिलिस्तीनियों को परमिट के बिना शहर के बाहरी इलाके में स्थित रैशेल की समाधि वाले यहूदी पवित्र-स्थल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। चूंकि बेथलहम व बाइबिल में लिखित निकटवर्ती सोलोमन के कुण्ड (Solomon's Pools) एरिया ए (Area A) (पीएनए (PNA) सैन्य व नागरिक प्रशासन दोनों के नियंत्रण वाले क्षेत्र) में स्थित हैं, अतः इसराइली नागरिकों को इसराइली सैन्य अधिकारियों से प्राप्त परमिट के बिना यहां प्रवेश करने से रोका जाता है।[50]

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

जुड़वां नगर - युगल शहर

बेथलहम के साथ ट्वाइंड है:[106][107][108]

इटली[108]

इन्हें भी देखें

  • बेथलहम के स्टार
  • गलीले के बेथलहम
  • बेथलहम में नगरपालिका चुनाव, 2005

सन्दर्भ

ग्रंथसूची

नोट्स

बाहरी कड़ियाँ

साँचा:Bethlehem Governorateसाँचा:Cities in the West Bank

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