मिस्र में सैन्य तख्तापलट २०१३
पिछले दिनों ३० जून से आरम्भ हुये मिस्र के विरोध प्रदर्शनों के परिणामस्वरूप मिस्र की सेना ने राष्ट्रपति मुहम्मद मुर्सी को अपस्थ कर दिया है। जनरल अल-सीसी के अनुसार देश के राष्ट्रपति की शक्तियां अब मुख्य न्यायाधीश के पास होंगी।[3] इससे पूर्व सेना ने राष्ट्रपति को जनता की मांगे मानने के लिए २४ घण्टे का समय दिया था।[4] 3 जुलाई 2013 को शाम 5:00 बजे यह समय सीमा समाप्त हो गयी थी।[5] इस तख्तापलट के साथ ही मिस्र में हो रहे विरोध प्रदर्शन समाप्त हो गये हैं। इससे पहले मिस्त्र में हुई क्रांति ने राष्ट्रपति होस्नी मुबारक को सत्ता छोड़ने को मजबूर कर दिया था। गौरतलब है कि मूर्सी मिस्र के लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए पहले राष्ट्रपति हैं।[6]
मिस्र में सैन्य तख्तापलट २०१३ | |||||||||
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मिस्र क्रांति २०११ के बाद का एक भाग | |||||||||
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नागरिक संघर्ष के पक्षकार | |||||||||
मुहम्मद मुर्सी के समर्थक चित्र:Muslim Brotherhood Logo.png मुस्लिम ब्रदरहुड चित्र:Freedom and Justice Logo.png फ्रीडम और जस्टिस पार्टी | सरकार विरोधी बल मिस्र के सशस्त्र सेना | ||||||||
आहत | |||||||||
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अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
- अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि वह ताजा घटनाक्रम को लेकर बेहद चिंचित हैं और उन्होंने जल्द से जल्द नागरिक शासन बहाल होने की उम्मीद जताई है।[6]
आपातकाल
१४ अगस्त २०१३ को अपदस्थ राष्ट्रपति मुहम्मद मोरसी के समर्थकों एवं विरोधियों के बीच हिंसा में १४९ लोग हताहत हुए। इसके बाद राष्ट्र में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है।[7]