विक्टोरिया मेमोरियल हाल

कोलकाता, भारत में स्थित इंग्लैंड की महारानी विक्टोरिया को समर्पित एक स्मारक

विक्टोरिया मेमोरियल हाल ( हिन्दी अनुवाद: विक्टोरिया स्मारक शाला) या संक्षिप्त में सिर्फ विक्टोरिया मेमोरियल, भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल के कोलकाता नगर में स्थित एक ब्रिटिश कालीन स्मारक है। 1906 से 1921 के बीच निर्मित यह स्मारक इंग्लैण्ड की तत्कालीन साम्राज्ञी महारानी विक्टोरिया को समर्पित है। इस स्मारक में विविध शिल्पकलाओं का सुंदर मिश्रण है। इसके मुगल शैली के गुंबदों पर सारसेनिक और पुनर्जागरण काल की शैलियों का प्रभाव दिखाई पड़ता है। इस भवन के अंदर एक शानदार संग्रहालय भी है जहाँ रानी के पियानो और स्टडी-डेस्क सहित 3,000 से भी अधिक अन्य वस्तुएँ प्रदर्शित की गई हैं। यह प्रतिदिन मंगलवार से रविवार तक प्रात: दस बजे से सायं साढ़े चार बजे तक खुलता है, सोमवार को यह बंद रहता है।

विक्टोरिया मेमोरियल हाल
नक्शा
स्थापित1921 (1921)
अवस्थितिक्वींस वे कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत
प्रकारसंग्रहालय
संग्रह का आकार30,000 के करीब (31 मार्च 2009)[1]
Architectविलियम एमर्सन
जालस्थलvictoriamemorial-cal.org

इतिहास

जनवरी 1901 में रानी विक्टोरिया की मृत्यु पर लॉर्ड कर्जन ने एक स्मारक के निर्माण का सुझाव दिया। लॉर्ड कर्जन ने एक संग्रहालय और उद्यानों के साथ एक भव्य इमारत के निर्माण का प्रस्ताव रखा।[2][3]

वेल्स के राजकुमार, जो बाद में जार्ज पंचम के रूप में सिंहासनारूढ़ हुए, ने 4 जनवरी 1906 को इसका शिलान्यास किया और इसे औपचारिक रूप से 1921 में जनता के लिए खोल दिया गया।[4]

1912 में विक्टोरिया मेमोरियल का निर्माण पूरा होने से पहले जॉर्ज पंचम ने भारत की राजधानी को कलकत्ता से नई दिल्ली स्थानांतरित करने की घोषणा की। इस प्रकार विक्टोरिया मेमोरियल का निर्माण एक राजधानी के बजाय एक प्रांतीय शहर में हुआ।[5]

विक्टोरिया मेमोरियल को भारतीय राज्यों, ब्रिटिश राज के व्यक्तियों और लंदन में ब्रिटिश सरकार द्वारा वित्त-पोषित किया गया था। भारत के राजकुमारों और लोगों ने धन के लिए लॉर्ड कर्ज़न की अपील का उदारतापूर्वक जवाब दिया और स्मारक के निर्माण की कुल लागत, एक करोड़ पांच लाख रुपये, पूरी तरह से उनके स्वैच्छिक दान से प्राप्त हुई थी।[6]

1905 में कर्ज़न के भारत से प्रस्थान के बाद विक्टोरिया मेमोरियल के निर्माण में कुछ देरी हुई। विक्टोरिया मेमोरियल का शिलान्यास 1906 में किया गया था और भवन 1921 में खोला गया। निर्माण का काम मेसर्स मार्टिन एंड कंपनी, कोलकाता को सौंपा गया। 1910 में अधिरचना पर काम शुरू हुआ।[7]

डिजाइन और वास्तुकला

मातृत्व को निरूपित करती एक मूर्ति।

विक्टोरिया मेमोरियल के वास्तुकार विलियम इमर्सन (1843-1924) थे जो रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ ब्रिटिश आर्किटेक्ट्स के अध्यक्ष थे। यह डिजाइन इंडो-सारसेनिक पुनर्जागरण शैली में है, जिसमें ब्रिटिश और मुगल तत्वों के मिश्रण का उपयोग वेनीशियाई, मिस्री, दक्कनी और इस्लामिक वास्तुशिल्प प्रभाव के साथ किया गया है।[8][9]

इमारत 338-228 फुट (103 मीटर 69 मीटर) और 184 फुट (56 मीटर) ऊँची है। इसका निर्माण सफेद मकराना संगमरमर से किया गया है। विक्टोरिया मेमोरियल के उद्यानों को लॉर्ड रेडडेल और डेविड पेन द्वारा डिजाइन किया गया था। इमर्सन के सहायक विन्सेन्ट जेरोम एश ने उत्तरी पहलू के पुल और बगीचे के फाटकों को डिजाइन किया। 1902 में इमर्सन ने विक्टोरिया मेमोरियल के लिए अपने मूल डिजाइन को स्केच करने के लिए एश के साथ मिलकर काम किया। 1903 के दिल्ली दरबार के लिए अस्थायी प्रदर्शनी भवन को डिजाइन करने के बाद लार्ड कर्ज़न ने एश को इमर्सन के लिए उपयुक्त सहायक पाया।[10][11][12]

विक्टोरिया मेमोरियल का केंद्रीय गुंबद के ऊपर विजय की देवी (एंजेल ऑफ़ विक्ट्री) की मूर्ति स्थापित है जिसकी लम्बाई 16 फीट (4.9 मीटर) है। गुंबद के चारों ओर अन्य मूर्तियाँ भी हैं जो कला, वास्तुकला, न्याय, दान, मातृत्व, विवेक और शिक्षा का मूर्तिमान सादृश्य प्रदर्शित करती हैं। विक्टोरिया मेमोरियल सफेद मकराना संगमरमर से बना है। डिजाइन में यह अपने मुख्य गुंबद, चार सहायक गुंबदों, अष्टकोणीय गुंबददार छतरियों, ऊँचे पोर्टल्स, छत और गुंबददार कोने वाले मीनारों के साथ ताजमहल की रचना शैली को प्रतिध्वनित करता है।[11]

संग्रहालय

रात्रि के समय विक्टोरिया मेमोरियल का दृश्य।

विक्टोरिया मेमोरियल में 25 चित्र दीर्घाएँ हैं। इनमें शाही गैलरी, राष्ट्रीय नेताओं की गैलरी, पोर्ट्रेट गैलरी, सेंट्रल हॉल, मूर्तिकला गैलरी, हथियार और शस्त्रागार गैलरी और नई कलकत्ता गैलरी शामिल हैं।[13]

विक्टोरिया मेमोरियल में थॉमस डेनियल (1749-1840) और उनके भतीजे विलियम डेनियल (1769-1837) के कार्यों का सबसे बड़ा एकल संग्रह है।[14] इसमें दुर्लभ और पुरातन पुस्तकों का संग्रह भी है जैसे कि विलियम शेक्सपियर के कार्यों का सचित्र निरूपण, आलिफ़ लैला और उमर खय्याम की रुबाइयत के साथ-साथ नवाब वाजिद अली शाह के कथक नृत्य और ठुमरी संगीत के बारे में किताबें आदि।[15]

उपवन

विक्टोरिया मेमोरियल के बगीचे का विस्तार 64 एकड़ (260,000 m²) है। इसका रखरखाव 21 बागवानों की टीम द्वारा किया जाता है। बगीचे को रेडेस्देल और डेविड पेन द्वारा डिज़ाइन किया गया था। इमारत के चारों ओर पक्की चौकी है और वारेन हेस्टिंग्स, लॉर्ड कॉर्नवालिस, रॉबर्ट क्लाइव, आर्थर वेलेज़्ली और लॉर्ड डलहौजी की स्मारक प्रतिमायें हैं। इनके साथ बगीचे में भारत के गवर्नर-जनरल लॉर्ड विलियम बैन्टिक (1833-1835), रिपन (1880-84) और राजेंद्र नाथ मुकर्जी की मूर्तियाँ भी हैं।[16]

चित्र दीर्घा

विक्टोरिया मेमोरियल का पैनोरमिक दृश्य

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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