संजय राष्ट्रीय उद्यान

संजय राष्ट्रीय उद्यान (Sanjay National Park), जिसे गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान (Guru Ghasidas National Park) भी कहा जाता है, भारत के मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। इस उद्यान का विस्तार 466.657 कि॰मी2 (180.177 वर्ग मील) है अविभाजित मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है! यह संजय-डुबरी टाइगर रिज़र्व के अंतर्गत पड़ता है, जिसे 2008 में एक बाघ अभयारण्य घोषित किया गया था। वर्तमान में यह मध्य प्रदेश के सीधीसिंगरौली ज़िलों और छत्तीसगढ़ के कोरिया ज़िले में अवस्थित है।[1]

संजय राष्ट्रीय उद्यान
Sanjay National Park
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान
संजय राष्ट्रीय उद्यान की अवस्थिति दिखाता मानचित्र
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संजय राष्ट्रीय उद्यान की अवस्थिति दिखाता मानचित्र
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अवस्थितिसीधीसिंगरौली ज़िले, मध्य प्रदेश
कोरिया ज़िला, छत्तीसगढ़
 भारत
निर्देशांक23°52′05″N 82°03′47″E / 23.868°N 82.063°E / 23.868; 82.063 82°03′47″E / 23.868°N 82.063°E / 23.868; 82.063
क्षेत्रफल466.657 कि॰मी2 (180.177 वर्ग मील)
पदनामित1983

सम्बन्धित अभयारण्य

संजय टाइगर रिज़र्व से ही सोन घड़ियाल अभयारण्य एवं बगदरा अभयारण्य संबद्ध हैं।

वन्य जीवन

राष्ट्रीय उद्यान ज्यादातर साल जंगलों से बना है। उद्यान बाघ, तेंदुआ, चीतल, सांबर, जंगली सूअर, नीलगाय, चिंकारा, सिवेट, साही, गोह और पक्षियों के तीन सौ नौ प्रजातियाँ होने का दावा करता है। सबसे आकर्षक पक्षियों में गोल्डन हुडेड ओरियल, भांगराज (रैकेट पूंछ ड्रोंगो), भारतीय पित्त रूफुस-ट्रीपाइ, लेसर एडजुटेंट, लाल सिर वाला गिद्ध, सॅनरस गिद्ध, भारतीय सफेद पूंछ वाला गिद्ध, मिस्र का गिद्ध, छप्पा (नाईटजार्स) और कई अन्य प्रजातियां हैं।

इतिहास

संजय राष्ट्रीय उद्यान को सन् १९८१ में मध्य प्रदेश में स्थापित किया गया था। सन् २००० में मध्य प्रदेश के विभाजन के बाद इसका एक बड़ा भाग (१४४० वर्ग कि.मी.) छत्तीसगढ़ राज्य के पास चला गया। 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ की स्थापना के बाद इनका नाम संजय राष्ट्रीय उद्यान से गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान व गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व रखा गया। इनका नाम 2001 में बदला गया था।

विस्तार

संजय टाइगर रिज़र्व का विस्तार सीधी जिले के कुसुमी,मझौली तहसील एवम शहडोल जिले की ब्यौहारी तहसील के अंतर्गत आता है।साथ ही साथ इससे बगदरा अभयारण्य जो कि सिंगरौली जिले की चितरंगी में है, और सोन घड़ियाल अभयारण्य जोकि सीधी जिले के साथ ही शहडोल,सतना और सिंगरौली जिले के क्षेत्रों में पड़ता है, संबद्ध हैं।

विशेषता

इस उद्यान में मुख्यतः साल के वन हैं। बाघ, तेंदुआ, चीतल, सांबर, जंगली सुअर, चिंकारा, नीलगाय, सेही, गोह इत्यादि यहाँ के मुख्य आकर्षण हैं। इसके अलावा इस उद्यान में पक्षियों की ३०९ प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इससे सम्बद्ध सोन घड़ियाल अभयारण्य में घड़ियाल,मगर और कछुओं की प्रजातियां ,इंडियन स्कीमर्स मुख्य आकर्षण का केंद्र हैं।साथ ही बगदरा में पाए जाने वाले काले मृग भी आकर्षण का केंद्र हैं।छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान से सटा होने के कारण यहाँ से प्रतिवर्ष आने वाला हाथियों का झुंड भी खासा आकर्षित करते हैं।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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