सोफ़ी, एडिनबर्ग की डचेस
सोफ़ी, एडिनबर्ग की डचेस (सोफ़ी हेलेन) एलिज़ाबेथ द्वितीय और राजकुमार फ़िलिप के सबसे छोटे पुत्र, राजकुमार एडवर्ड, एडिनबर्ग के ड्यूक की धर्मपत्नी है। उनका जन्म २० जनवरी १९६५ को हुआ था, और राजकुमार से विवाह से पहले वे पब्लिक रिलेशन्स में काम करती थी। उमके दो संतान हैं, जेम्स और लुईस, जो क्रमशः, ब्रिटिश सिंघासन के अनुक्रम में चौदहवें और पंद्रहवें स्थान पर हैं।
सोफ़ी | |||||
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एडिनबर्ग की डचेस (अधिक) | |||||
जन्म | 20 जनवरी 1965 रैडक्लिफ इंफेरमारी, ऑक्सफ़ोर्ड, इंग्लैंड | ||||
जीवनसंगी | राजकुमार एडवर्ड, एडिनबर्ग के ड्यूक (वि॰ 1999) | ||||
संतान | लेडी लुईस विंड्सर राजकुमार जेम्स, वेसेक्स के अर्ल | ||||
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घराना | विंडसर घराना(विवाह से) | ||||
पिता | क्रिस्टोफ़र रिस-जोन्स | ||||
माता | मैरी ओसुलीवन | ||||
धर्म | चर्च ऑफ़ इंग्लैंड |
जीवनी
प्राथमिक जीवन
सोफ़ी का जन्म, सोफ़ी रिस-जोंस के रूप में, २० जनवरी १९६५ में ऑक्सफ़ोर्ड, इंग्लैंड में क्रिस्टोफ़र बॉर्नस रिस-जोंस और मैरी के घर हुआ था। उनके पिता एक सेवानिवृत टायर सेल्समेन थे। उनके सौतेले चाचा का संबंध, सरवाक, उत्आरी बोर्नेओ के शाही खानदान(गोर राजाओं) के साथ था। उनकी परवरिश केंट में हुई थी। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा डलविच प्रिपेरेटरी स्कूल से की और उन्होंने ग्रदुआटीं केंट कॉलेज से किया। तत्पश्चात्, उन्होंने वेस्ट केनटी कॉलेज से सचिव बनने की ट्रेनिंग की।
विवाह और आधिकारिक जीवन
अपनी पेशेवर ज़िन्दगी उन्होंने एक पब्लिक रिलेशन्स अधिकारी के रूप में शुरू किया था, और उन्होंने अनेक कंपनियों में काम किया था। राजकुमार एडवर्ड से उनका विवाह ११ जनवरी को हुआ, जिनसे उनकी पहली मुलाक़ात १९९४ में हुई थी। उनकी विवाह की घोषणा, ६ जनवरी १९९९ को हुई थी। उनका विवाह विंड्सर कासल के सेंट जॉर्ग चैपल में हुआ था,[2] यह उनके ज्येष्ठ भाइयों की विवाह से भिन्न समारोह था, जिनका विवाह विशाल राजकीय समारोह के रूप में वेस्टमिंस्टर ऐबी या सेंट पॉल्स कैथेड्रल में आयोजित किया गया था। उन्हें अपनी विवाह के दिन ववेसेक्स के अर्ल के ख़िताब से नवाज़ा गया। यह भी उनके बड़े भाइयों से अलग था, क्योंकि उन्हें ड्यूक की उपदि दी गयी थी। इस विवाह से उनकी दो संतानें हैं, लेडी लुईस विंड्सर और जेम्स, वाइसकाउंट सेवर्न जो बॅगशॉट् पार्क में रहते हैं।[3]
विवाह के बाद उनहोंने राष्ट्रमंडल प्रदेशों में विभिन्न समारोहों और कार्यकमों में रानी और राजपरिवार का प्रतिनिधित्व किया है और अनेक अन्य चैरिटी और सेवा कार्यों में अपना सहयोग व समर्थन दिया है। २०११ में बहरीन की रजा द्वारा दिए गए एक उपहार को क़ुबूल करने के कारण, बहरीन के मानवाधिकार रिकॉर्ड के मद्देनज़र, उनपर मीडिया द्वारा आलोचना का सामना करना पड़ा था।