हावड़ा

हावड़ा (अंग्रेज़ी: Howrah, बांग्ला: হাওড়া हाओड़ा) , भारत के पश्चिम बंगाल राज्य का एक औद्योगिक शहर, पश्चिम बंगाल का दूसरा सबसे बड़ा शहर एवं हावड़ा जिला एवं हावड़ सदर का मुख्यालय है। हुगली नदी के दाहिने तट पर स्थित, यह शहर कलकत्ता, के जुड़वा के रूप में जाना जाता है, जो किसी ज़माने में भारत की अंग्रेज़ी सरकार की राजधानी और भारत एवं विश्व के सबसे प्रभावशाली एवं धनी नगरों में से एक हुआ करता था। हावड़ा शहर कोलकाता का एक महत्वपूर्ण परिवहन केंद्र और उपनगर है। यह हावड़ा रेलवे स्टेशन और हावड़ा ब्रिज के माध्यम से पुराने कोलकाता का प्रवेश द्वार भी है। रवीन्द्र सेतु, विवेकानन्द सेतु, निवेदिता सेतु एवं विद्यासागर सेतु इसे हुगली नदी के पूर्वी किनारे पर स्थित पश्चिम बंगाल की राजधानी, कोलकाता से जोड़ते हैं। आज भी हावड़, कोलकाता के जुड़वा के रूप में जाना जाता है, समानताएँ होने के बावजूद हावड़ा नगर की भिन्न पहचान है इसकी अधिकांशतः हिन्दी भाषी आबादी, जो कि कोलकाता से इसे थोड़ी अलग पहचान देती है।

हावड़ा
হাওড়া
Howrah
महानगर
उपनाम: पूर्व का शेफ़्फ़ील्ड
हावड़ा is located in पश्चिम बंगाल
हावड़ा
हावड़ा
देशभारत
राज्यपश्चिम बंगाल
ज़िलाहावड़ा जिला
languages
 • Officialबांग्ला,हिन्दी एवं अंग्रेज़ी भी
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)
पिन कोड७११xxx
लिंगानुपात904 /
लोक सभा क्षेत्रहावड़ा
विधान सभा क्षेत्रहावड़ा उत्तर, हावड़ा मध्य, हावड़ा दक्षिण, शिबपुर
प्रशासनहावड़ा महानगर पालिका(दीर्धभाग), एवं बाली नगर पालिका (उत्तरी क्षणिक भाग)
महापौररथिन चक्रवर्ती (तृणमूल काँग्रेस)
जनसंख्या1072161 (2011 जनगणना)
ऊंचाई12
वेबसाइटwww.howrah.gov.in

समुद्रतल से मात्र 12 मीटर ऊँचा यह शहर रेलमार्ग एवं सड़क मार्गों द्वारा सम्पूर्ण भारत से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहाँ का सबसे प्रमुख रेलवे स्टेशन हावड़ा जंक्शन रेलवे स्टेशन है। हावड़ा स्टेशन पूर्व रेलवे तथा दक्षिणपूर्व रेलवे का मुख्यालय है। हावड़ स्टेशन के अलावा हावड़ा नगर क्षेत्र मैं और 6 रेलवे स्टेशन हैं तथा एक और टर्मिनल शालीमार रेलवे टर्मिनल भी स्थित है। राष्ट्रीय राजमार्ग 2 एवं राष्ट्रीय राजमार्ग 6 इसे दिल्लीमुम्बई से जोड़ते हैं। हावड़ा नगर के अन्तर्गत सिबपुर, घुसुरी, लिलुआ, सलखिया तथा रामकृष्णपुर उपनगर सम्मिलित हैं।

नाम करण

हावड़ा का नाम, बंगाली शब्द "हाओर" (बंगला: হাওর) से आया है जो की बंगाली में पानी, कीचड़ और जमे हुए जैविक मलबे के पोखड़ लिए इस्तेमाल होता है। वैज्ञानिक रूप से हाओर एक अवसाद है, जो एक नदी दलदल या झील होता है। इस शब्द का उपयोग बंगाल के पूर्वी हिस्से में ज्यादा हुआ करता था(जो अब बांग्लादेश है)।.[2]

इतिहास

मौजूदा हावड़ा नगर का ज्ञात इतिहास करीब 500 वर्ष पुराना है। परन्तु हवड़ा जनपद क्षेत्र का इतिहास प्राचीन बंगाली राज्य भुरशुट (बंगाली: ভুরশুট) से जुड़ा है, जो प्राचीन काल से 15वीं शताब्दी तक, हावड़ा जिला और हुगली ज़िला के क्षेत्र पर शासन करती थी। सन 1569-75 में भारत भ्रमण कर रहे वेनिस के एक भ्रमणकर्ता सेज़र फ़ेडरीची (अंग्रेज़ी: Caesar Federichi) ने अपने भारत दौरे की अपनी दैनिकी में 1578 ई में बुट्टोर (Buttor) नामक एक जगह का वर्णन किया था। उनके विवरण के अनुसार वह एक ऐसा स्थान था जहाँ बहुत बड़े जहाज भी यात्रा कर सकता थे और वह सम्भवतः एक वाणिज्यिक बन्दरगाह भी था। उनका यह विवरण मौजूदा हावड़ा के बाटोर इलाके का है। बाटोर का उल्लेख 1495 में बिप्रदास पीपिलई द्वारा लिखि बंगाली कविता मानसमंगल मैं भी है।

सन 1713 मैं मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब के पोते बादशाह फर्रुख़शियार के राजतिलक के मौक़े पर ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने मुग़ल दरबार में एक प्रतिनिधिमण्डल भेजा था, जिसका उद्धेश्य हुगली नदी के पूर्व के 34 और पश्चिम के पाँच गाँव: सलकिया (Salica), हरिराह (Harirah अथवा हावड़ा), कसुंडी (Cassundea) बातोर (battar) और रामकृष्णपुर (Ramkrishnopoor) को मुगलों से खरीदना था। शहंशाह ने केवल पूर्व के 34 गाँवों पर सन्धि की। कम्पनी के पुराने दस्तावेजों में इन गाँवों का उल्लेख है। आज ये सारे गाँव हावड़ा शहर के क्षेत्र और उपनगर हैं। सन 1728 हावड़ा के ज्यादातर इलाके "बर्धमान" और "मुहम्मन्द अमीनपुर" जमीनदारी का हिस्सा थे। प्लासी के युद्ध में पराजय के पश्चात, बंगाल के नवाब मीर क़ासिम ने 11 अक्टूबर 1760 में एक सन्धि द्वारा हुगली और हावड़ा के सारे इलाके ब्रिटिश कंपनी को सौंप दिये, तत्पश्चात हावड़ा को बर्धमान ज़िले का हिस्सा बना दिया गया। सन 1787 में हुगली जनपद को बर्धमान से अलग किया गया और 1843 में हावड़ा को हुगलीजनपद से अलग कर हावड़ा जिला बनाया गया, जो अब भी कायम है।

सन 1854 में हावड़ा जंक्शन रेलवे स्टेशन को स्थापित किया गया और उसी के साथ शुरू हुआ हावड़ा नगर का औद्यौगिक विकास, जिसने शहर को कलकत्ता के एक आम से उपनगर को भारतवर्ष का एक महत्वपूर्ण औद्यौगिक केन्द्र बना दिया। धीरे-धीरे हावड़ा के क्षेत्र में कई प्रकार के छोटे, मध्य और भारी प्रौद्यौगिक उद्योग खुल गए। यह विकास दूसरे विश्व युद्ध तक जारी रहा जिसका नतीजा हुआ, नगर का हर दिशा में त्रैलोकिक विस्तार। इस प्रकार के औद्यौगिक विस्फोट का एक पहलू अत्यन्त अप्रवासन और उस से पैदा हुआ नगर का अनियमित विस्तार भी था।

आज हावड़ा अपने उद्योगों, रेलवे टर्मिनस और हावड़ा ब्रिज के लिये जाना जाता है।

मौसम

हावड़ा के लिए मौसम जानकारी
माहजनवरीफरवरीमार्चअप्रैलमईजूनजुलाईअगस्तसितम्बरअक्टूबरनवम्बरदिसम्बरवर्ष
औसत उच्च तापमान °C (°F)26
(79)
29
(84)
33
(91)
36
(97)
36
(97)
34
(93)
33
(91)
33
(91)
33
(91)
32
(90)
30
(86)
27
(81)
31.8
(89.3)
औसत निम्न तापमान °C (°F)12
(54)
16
(61)
21
(70)
24
(75)
25
(77)
26
(79)
26
(79)
26
(79)
26
(79)
24
(75)
19
(66)
14
(57)
21.6
(70.9)
औसत वर्षा मिमी (inches)19.2
(0.756)
39.4
(1.551)
38
(1.5)
49.5
(1.949)
132.7
(5.224)
245.9
(9.681)
347.6
(13.685)
322.4
(12.693)
291.2
(11.465)
163.6
(6.441)
27.9
(1.098)
5.7
(0.224)
1,683.1
(66.267)
स्रोत: Howrah Weather

प्रशासन

हावड़ा महानगर पालिका
हावड़ा नगर पालिका बाज़ार

हावड़ा नगर पालिका को सन 1862 से 1896 , पूरे हावड़ा शहर में स्वक्ष पानी की आपूर्ति के लिये स्थापित किया गया था।[3][4] in 1984. The corporation area is divided into fifty wards, each of which elects a councillor.[5] यन 1882-83 के दौरान, उत्तर हावड़ा के बाली के इलाके को हावड़ा नगर पालिका से अलग कर बाली नगर पालिका का गठन किया गया था। 1980 के हावड़ा नगर निगम अधिनियम के अनुसार, हावड़ा 1984।[6] निगम का क्षेत्र में पचास वार्डों में विभाजित है। हर वार्ड एक पार्षद का चुनाव करता है। निगम अध्यक्ष (मेयर) के नेतृत्व में और आयुक्त एवं अधिकारियों द्वारा समर्थित नगर निगम परिशद निगम क्षेत्र के प्रशासन के लिए जिम्मेदार है। वर्तमान परिशद तृणमूल काँग्रेस के नेत्रित्व की है। हावड़ा पुलिस आयुक्तालय, शहर में कानून प्रवर्तन के लिए जिम्मेदार है।

परिवाहन

हावड़ा जिला

हाउड़ा (हाबड़ा) पश्चिमी बंगाल (भारत) का एक जिला है। इसका क्षेत्रफल १४७२ वर्ग किमी है। उत्तर एवं दक्षिण में हुगली तथा मिदनापुर जिले हैं। इसकी पूर्वी तथा पश्चिमी सीमाएँ क्रमश: हुगली एवं रूपनारायन नदियाँ हैं। दामोदर नदी इस जिले के बीचोबीच बहती है। काना दामोदर तथा सरस्वती अन्य नदियाँ हैं। नदियों के बीच नीची दलदली भूमि मिलती है। राजापुर दलदल सबसे विस्तृत है। वर्षा सामान्यत: १४५ सेमी है। धान मुख्य फसल है पर गेहूँ, जौ, मकई तथा जूट भी उपजाए जाते हैं।

प्रसिद्ध नागरिक

  • शरत चंद्र चटर्जी - उपन्यासकार
  • महेश चन्द्र न्यायरत्न भट्टाचार्य - सामाजिक कार्यकर्ता, विद्वान
  • नारायण देबनाथ - कलाकार, हास्य लेखक
  • मणिशंकर मुखर्जी - लेखक
  • राबिन मन्डल- कलाकार
  • तुलसी चक्रवर्ती - अभिनेता
  • शिशिर भादुड़ी - अभिनेता
  • रुद्रनिल घोष - अभिनेता
  • कानन देवी - अभिनेत्री
  • पूर्णेन्दू पात्री - कलाकार, लेखक और फिल्म निर्माता
  • महेन्द्रलाल सरकार - डॉक्टर
  • मनोज तिवारी - क्रिकेटर
  • श्यामा शॉ - क्रिकेटर
  • श्रीवत्स गोस्वामी - क्रिकेटर
  • लक्ष्मी रतन शुक्ला - क्रिकेटर
  • सुदीप चटर्जी - फुटबॉलर
  • बिकाश पान्जी - फुटबॉलर
  • सत्यजीत चटर्जी - फुटबॉलर
  • सैलेन मन्ना - फुटबॉलर
  • समर बनर्जी - फुटबॉलर
  • बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय - उपन्यासकार

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

🔥 Top keywords: जय श्री रामराम नवमीश्रीरामरक्षास्तोत्रम्रामक्लियोपाट्रा ७राम मंदिर, अयोध्याहनुमान चालीसानवदुर्गाअमर सिंह चमकीलामुखपृष्ठहिन्दीभीमराव आम्बेडकरविशेष:खोजबड़े मियाँ छोटे मियाँ (2024 फ़िल्म)भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेशभारतीय आम चुनाव, 2024इंडियन प्रीमियर लीगसिद्धिदात्रीमिया खलीफ़ाखाटूश्यामजीभारत का संविधानजय सिया रामसुनील नारायणलोक सभाहनुमान जयंतीनरेन्द्र मोदीलोकसभा सीटों के आधार पर भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की सूचीभारत के प्रधान मंत्रियों की सूचीगायत्री मन्त्ररामायणअशोकप्रेमानंद महाराजभारतीय आम चुनाव, 2019हिन्दी की गिनतीसट्टारामायण आरतीदिल्ली कैपिटल्सभारतश्रीमद्भगवद्गीता