एमनेस्टी इण्टरनेशनल
एमनेस्टी इंटरनेशनल एक अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्था है जो अपना उद्देश्य "मानवीय मूल्यों, एवं मानवीय स्वतंत्रता, को बचाने एवं भेदभाव मिटाने के लिए शोध एवं प्रतिरोध करने एवं हर तरह के मानवाधिकारों के लिए लडना" बताती है।[3] इस संस्थान की स्थापना ब्रिटेन में १९६१ में की गयी थी। एमनेस्टी मानवाधिकारों के मुद्दे पर बहुद्देशीय प्रचार अभियान चलाकर, शोध कार्य कर के पूरे विश्व का ध्यान उन मुद्दों की ओर आकर्षित करने एवं एक विश्व जनमत तैयार करने की कोशिश करता है। ऐसा करके वे खास सरकारों, संस्थानों या व्यक्तियों पर दबाव बनाने की कोशिश करते हैं।[4] इस संस्थान को १९७७ में "शोषण के खिलाफ" अभियान चलाने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया था। तथा १९७८ में संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवाधिकार पुरस्कार से नवाजा गया था। लेकिन इस संस्थान की हमेशा यह कहकर आलोचना की जाती है कि पश्चिमी देशों के लिए इस संस्थान में हमेशा एक खास पूर्वाग्रह देखा जाता है।[5][6] 25 अक्टूबर 2018 को इसके बेंगलूर स्थित दफ्तर व इसके निदेशक आकार पटेेेल के घर ईडी ने फेेमा के उल्लंघन के आरोप मेे छापे मारेे।
सिद्धांत | It is better to light a candle than to curse the darkness.[1] |
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Founded | July 1961 by Peter Benenson in the United Kingdom |
प्रकार | Non-profit NGO |
मुख्यालय | लंदन, यूनाइटेड किंगडम |
स्थान |
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सेवाएँ | Protecting human rights |
क्षेत्रs | Legal advocacy, Media attention, direct-appeal campaigns, research, lobbying |
सदस्यता | More than 7 million members and supporters[2] |
Secretary-General | Salil Shetty |
जालस्थल | www |