पोल पॉट
सलोथ सार (१९ मई, १९२८[2][3][4][5][6]–१५ अप्रैल, १९९८), जिन्हें अधिकतर लोग पोल पॉट के नाम से जानते हैं, (खमेर भाषा: ប៉ុល ពត), खमेर रूज नामक कम्बोडियाई साम्यवादी आंदोलन के नेता और १९७६–१९७९ के मध्य लोकतांत्रिक कम्पूचिया के प्रधानमंत्री थे। कंबोडिया के नेता के रूप में उनके देश को शुद्ध करने के प्रयास के परिणामस्वरूप अनुमानत: १७ से २५ लाख लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था।
पोल पॉट | |
कार्यकाल १९६३ – १९८१ | |
पूर्व अधिकारी | ताओ समाउथ |
उत्तराधिकारी | कोई नही (पार्टी समाप्त) |
लोकतांत्रिक कम्पूचिया के प्रधान मंत्री | |
कार्यकाल 13 मई 1976 – 7 जनवरी 1979 | |
पूर्व अधिकारी | खिऊ सम्फान |
उत्तराधिकारी | पेन सोवन |
जन्म | 19 मई 1928[1][2][3][4][5] कम्पोंग थॉम प्रांत, फ्रांसीसी हिन्दचीन |
मृत्यु | 15 अप्रैल 1998 कम्बोडिया | (उम्र 69)
राजनैतिक पार्टी | कम्पूचिया की साम्यवादी पार्टी खमेर रूज |
जीवन संगी | १) खिऊ पोन्नारी (तलाक) २) मी सोन |
पोल पॉट १९७५ के मध्य में कंबोडिया के नेता बने।[2] अपने सत्ताकाल के दौरान, पोल पॉट ने एक ”शून्य वर्ष” में "सभ्यता पुनरुत्थान" के उद्देश्य से कृषि सामूहीकरण का एक संस्करण लागू किया, जिसके अंतर्गत शहरी निवासियों को ग्रामीण इलाकों में स्थानांतरित कर उन्हें सामूहिक खेतों और बेगार परियोजनाओं में काम करने के लिए बाध्य किया गया। इस दास श्रम, कुपोषण, खराब चिकित्सा सेवायों के संयुक्त प्रभाव और मृत्युदंड के चलते कम्बोडिया की लगभग २१% जनसंख्या काल का ग्रास बन गयी।[7]
१९७९ में कंबोडिया-वियतनाम युद्ध के दौरान जब पड़ोसी वियतनाम ने कंबोडिया पर आक्रमण किया तो पोल पॉट दक्षिण पश्चिम कंबोडिया के जंगलों में भाग गए और खमेर रूज सरकार का पतन हो गया।[8] १९७९ से १९९७ के दौरान पोल पॉट अपने पुराने खमेर रूज के बचे हुए सहयोगियों के साथ अपनी गतिविधियों को कंबोडिया और थाईलैंड, के सीमा क्षेत्र से संचालित करते रहे और जहां, वे पुन: सत्तासीन हो गये साथ ही संयुक्त राष्ट्र ने उनकी सरकार को कंबोडिया की सच्ची सरकार के रूप में मान्यता भी प्रदान की।
१९९८ में खमेर रूज के एक गुट टा मॉक द्वारा नज़रबंदी के दौरान पोल पॉट की मृत्यु हो गयी। यह अफवाह की उन्हें जहर देकर मारा गया था आज तक गर्म है।[9]