मध्यनूतन युग
मध्यनूतन युग (Miocene epoch) पृथ्वी के भूवैज्ञानिक इतिहास का एक भूवैज्ञानिक युग है जो आज से लगभग 2.303 करोड़ वर्ष पहले आरम्भ हुआ और 53.33 लाख वर्ष पहले तक चला। यह नियोजीन कल्प (Neogene) का आरम्भिक युग था। इस से पहले पेलियोजीन कल्प (Paleogene) का ओलिगोसीन युग (Oligocene) था और इसके बाद अतिनूतन युग (Pliocene), शुरु हुआ।[1] मध्यनूतन युग के शैलसमूह पृथ्वी पर बिखरे हुए पाए जाते हैं, जिनसे यह विदित होता है कि ये किसी बड़े जलसमूह या समुद्र में नहीं बने हैं, अपितु छोटी छोटी झीलों में इनका निक्षेपण हुआ है। इसका मुख्य कारण पृथ्वी के धरातल का शनै: शनै: ऊँचा होना है। यूरोप में ऐल्पस् और एशिया में हिमालय के प्रकट हो जाने से, वहाँ का जलसमूह या तो सूख गया था, या छोटी छोटी झीलों में परिवर्तित हो गया, जिसके फलस्वरूप इस कल्प के शैलसमूहों का समस्तरक्रम (homotaxis) केवल उनमें पाए जानेवाले जीवाश्मों के द्वारा हो सकता है।
मध्यनूतन कल्प के जीव एवं वनस्पतियाँ
यद्यपि इस समय का जलवायु शीतोष्ण था, फिर भी कुछ पौधों, जैसे सीनामोमम (Cinnamomum), के कहीं कहीं पर मिलने से यह मालूम होता है कि जलवायु समशीतोष्ण भी था। इस कल्प की वनस्पति में बाँज़, एल्म (elm), भुर्ज (birch), बीच (beech), ऐल्डर (alder), होली (holly), आइवी (ivy) आदि मुख्य थे। अकेशरुकी में प्रवाल और एकाइनॉड विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। मध्यनूतन कल्प के फॉसिलों में स्तनधारियों की संख्या अत्यधिक थी। इनमें सूँड़वाले जीव, जैसे मैस्टोडॉन तथा डाइनोथेरियम भी थे। घोड़ों का विकास चरम सीमा पर पहुँच चुका था।
विस्तार एवं कालविभाजन
मध्यनूतन कल्प के शैलसमूह यूरोप, एशिया, ऑस्टे्रलिया, न्यूज़ीलैंड, उत्तरी एवं दक्षिणी अमरीका, मेक्सिको और उत्तरी अफ्रीका में पाए जाते हैं। समय के अनुसार इनका वर्गीकरण पाँच अवधियों में किया जाता है। भारत में कल्प अक्षारजलीय निक्षेप से, जो शिवालिक प्रणाली के अंतर्गत हैं, निरूपित होता है। इस युग की शिलाएँ सिंध, बलुचिस्तान, कश्मीर, पंजाब, हिमाचल, प्रदेश एवं असम में स्थित हैं। सिंध में गजशैल समूह, बलूचिस्तान में बुग्ती शैलस्तर, कश्मीर और पंजाब में मरी श्रेणी, शिमला में दगशाई और कसौली श्रेणी तथा असम में सूर्मा श्रेणी इसी कल्प के शैलस्तर हैं। इस युग के आरंभ में आग्नेय उद्भेदन भी हुए, जिनके उदाहरण भारत के उत्तरपश्चिमी भागों में मिलते हैं।
इन्हें भी देखें
- भूवैज्ञानिक युग
- नियोजीन कल्प (Neogene)
- पेलियोजीन कल्प (Paleogene)
- ओलिगोसीन युग (Oligocene)