रॉबर्ट कॉख
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित जैव वैज्ञानिक
रॉबर्ट कॉख सूक्ष्मजैविकी के क्षेत्र में युगपुरूष माने जाते हैं। इन्होंने हैजा, ऐन्थ्रेक्स तथा क्षय रोगों पर गहन अध्ययन किया और अंततः यह सिद्ध कर दिया कि कई रोग सूक्ष्मजीवों के कारण होते हैं। इसके लिए सन 1905 में उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1] कोच ने रोगों एवं उनके कारक जीवों का पता लगाने के लिए कुछ परिकल्पनाएं की थी जो आज भी इस्तेमाल होती हैं।[2]
रॉबर्ट कॉख | |
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जन्म | 11 दिसम्बर 1843 क्लाउस्थल, हैनोवर राज्य |
मृत्यु | 27 मई 1910 बैडन, | (उम्र 66)
क्षेत्र | सूक्ष्मजैविकी |
संस्थान | Imperial Health Office, बर्लिन, बर्लिन विश्वविद्यालय |
शिक्षा | University of Göttingen |
डॉक्टरी सलाहकार | Friedrich Gustav Jakob Henle |
प्रसिद्धि | Discovery bacteriology Koch's postulates of germ theory Isolation of anthrax, tuberculosis and cholera |
उल्लेखनीय सम्मान | चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार (1905) |
दस दिसम्बर, २०१७ के दिन गूगल के डूडल पर जर्मन वैज्ञानिक डॉ. रॉबर्ट कॉख को जगह दी गई थी। उनके जन्म दिन सम्मान में उनका डूडल बनाया गया है[3].
सन्दर्भ
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