लुई बुनुएल

स्पेनिश फिल्म निर्माता

लुई बुनुएल एक स्पेनिश फिल्मकार थे जिन्होंने स्पेन, मैक्सिको और फ्रांस में फिल्म निर्माण कार्य किया। लुई बुनुएल सिर्फ एक फिल्मकार ही नहीं बल्कि एक क्रांतिकारी विचारक भी थे। उकी गणना अवांगार्द अतियथार्थवादी फिल्मकारों में की जाती है। सुप्रसिद्ध कवि और लेखक ओक्टावियो पाज़ ने बुनुएल की फिल्मोें को फिल्म और काव्य बिम्बों का संगम बताया था।[1][2]ब्रिटिश फिल्म पत्रिका साइट एंड साउंड द्वारा बुनुएल की 6 फिल्मों को 250 सर्वकालिक श्रेष्ठ फिल्मों में शामिल किया गया था। अन्य पत्रिकाओं और पुस्तकों में बुनुएल की गणना 250 महानतम फिल्मकारों में तेरहवें नंबर पर की गई है। [3]

लुई बुनुएल

लुई बुनुएल, 1968
जन्म लुई बुएल पोर्तोलेस
22 फ़रवरी 1900
कलांदा, स्पेन
मौत जुलाई 29, 1983(1983-07-29) (उम्र 83)
मैक्सिको सिटी, मैक्सिको
नागरिकता स्पेन
पेशा फिल्म निर्माता
कार्यकाल 1929–1977
जीवनसाथी जेने रुकार

जीवन परिचय

बुनुएल का जन्म स्पेन के अरागों क्षेत्र के छोटे से कस्बे कलांदा में एक संपन्न कृषक परिवार में हुआ था। बुनुएल जब साढ़े चार साल के थे तब उनका परिवार स्पेन के जरागोज़ा शहर में आकर बस गया। उनकी शिक्षा-दीक्षा इसी शहर के एक अनुशासनप्रिय मिशनरी स्कूल में हुई। बुनुएल एक मेधावी छात्र होने के साथ-साथ बॉक्सिंग के अच्छे खिलाड़ी और वॉयलिन बजाने में सिद्धहस्त थे। बुनुएल एक धर्मपरायण व्यक्ति थे लेकिन 16 वर्ष की आयु में उनका चर्च की रुढ़ियों और धार्मिक पाखंड से मोहभंग हो गया।

1917 में बुनुएल ने मैड्रिड विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया लेकिन दशर्नशास्त्र में रुचि की वजह से उन्होंने अपने अध्ययन का विषय बदल लिया। मैड्रिड में ही बुनुएल की दोस्ती प्रसिद्ध चित्रकार सेल्वाडोर दाली और कवि फेदेरीको गार्सिया लोरका से हो गई।

मैड्रिड में फिट्ज लैंग (जर्मन फिल्मकार) की फिल्म दर मुडे टॉ़ड (डेस्टिनी) ने इस कदर प्रभावित किया कि बुनुएल ने फिल्म निर्माण को ही अपना करियर चुन लिया।

फिल्म निर्माण

फिल्म निर्माण को अपने सपनों को संजोए हुए बुनवुएल 1925 में पेरिस चले आए और गुजारे के लिए एक संस्था के लिए कार्य करना शुरू कर दिया। इस बीच उन्हेंने पेरिस मनें ढेर सारी फिल्में देख डालीं। कभी-कभी तो वे एक दिन में तीन-तीन फिल्में देख डालते थे। फिल्म निर्माण सीखने के लिए उन्होंने ज्यां एप्सटिन के फिल्म संस्थान में दाखिला ले लिया। एप्सटिन उन दिनों फ्रांस में व्यावसायिक सिनेमा के सफलतम निर्देशक माने जाते थे। बुनुएल ने एप्सटिन के साथ कई फिल्मों में काम किया लेकिन नेपोलियन पर बन रही एक फिल्म में सहायक निर्देशक के रूप में कार्य करने को लेकर बुनुएल का एप्सटिन से मतभेद हो गया और उन्होंने अलग होकर कुछ दिनों के लिए पेरिस का फिल्म पत्रिकाओं में बतौर फिल्म समीक्षक कार्य किया।

1930 में बुनुएल स्पेन वापस आ गए। स्पेन में ये दौर गृहयुद्ध के रक्तरंजित संघर्षों का दौर था। इन्ही परस्थितियों में बुनुएल को पहली बडे़ बजट की फिल्म बनाने का मौका मिला लेकिन अपनी वामपंथी विचारधारा के चलते बुनुएल ये फिल्म नहीं बना पाए। वो किसानों और बदहाल मजदूरों के जीवन पर केंद्रित फिल्म बनाना चाहते थे। लैंड बिदाउट ब्रेड नाम की इस फिल्म के निर्माण के लिए उनके एक दोस्त ने धन मुहैया करवाया लेकिन इस फिल्म के प्रदर्शन पर स्पेन में प्रतिबंध लगा दिया गया। गृहयुद्ध के दौरान बुनुएल के मित्र कवि लोर्का की हत्या कर दी गई। बुनुएल को इसका गहारा आघात लगा और वो वापस फ्रांस आ गए। फ्रांस में ही कार्य करते हुए बुनुएल को हॉलीवुड में फिल्म बनाने के प्रस्ताव मिला और बुनुएल सपनों की दुनिया हॉलीवुड पहुंच गए।

सम्मान

  • बर्लिन फिल्म समारोह में सम्मान-1969
  • मास्को फिल्म समारोह में सम्मान-1979
  • वेनिस फिल्म समारोह द्वारा गोल्डन लॉयन पुरस्कार-1982

सन्दर्भ

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