कोलम्बिडाए
कोलम्बिडाए (Columbidae) पक्षियों का एक जीववैज्ञानिक कुल है, जिसमें सभी प्रकार के कबूतर (pigeon) और पण्डुक (dove) सम्मिलित हैं। यह कोलम्बिफोर्मीस (Columbiformes) गण का एकमात्र कुल है। यह मोटे शरीर, छोटी गर्दन और छोटी व पतली चोंच वाले पक्षी होते हैं। कोलम्बिडाए कुल के सदस्य विश्वभर में पाए जाते हैं, लेकिन इनकी अधिकतम जैव विविधता इंडोमलायन और ऑस्ट्रेलेशियन जैवभूक्षेत्रों में देखी जाती है। इस कुल में 344 जातियाँ हैं, जो 50 वंशों में संगठित हैं। इसमें 13 जातियाँ ऐसी भी हैं जो विलुप्त हो चुकी हैं।[1][2][3]
कोलम्बिडाए Columbidae | |
---|---|
गुलाबी-गला हरा कबूतर | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | जंतु |
संघ: | रज्जुकी (Chordata) |
वर्ग: | पक्षी (Aves) |
गण: | कोलम्बिफोर्मीस (Columbiformes) |
कुल: | कोलम्बिडाए (Columbidae) लीच, 1820 |
उपकुल | |
कई | |
भौगोलिक विस्तार |
विवरण
यह एक नियततापी, उड़ने वाला पक्षी है जिसका शरीर परों से ढँका रहता है। मुँह के स्थान पर इसकी छोटी नुकीली चोंच होती है। मुख दो चंचुओं से घिरा एवं जबड़ा दंतहीन होता है। अगले पैर डैनों में परिवर्तित हो गए हैं। पिछले पैर शल्कों से ढँके एवं उँगलियाँ नखरयुक्त होती हैं। इसमें तीन उँगलियाँ सामने की ओर तथा चौथी उँगली पीछे की ओर रहती है। यह जन्तु मनुष्य के सम्पर्क में रहना अधिक पसन्द करता है। अनाज, मेवे और दालें इसका मुख्य भोजन हैं। भारत में यह सफेद और सलेटी रंग के होते हैं पुराने जमाने में इसका प्रयोग पत्र और चिट्ठियाँ भेजने के लिये किया जाता था कबूतर एक उड़ने वाला पक्षी है, जो आसमान में उड़ता हुआ नज़र आता है। कबूतर को अंग्रेजी में डव़ (dove) और पिजन दोनों नाम से जाना जाता हैं।
चित्र दीर्घा
- ताज कबूतर
- सफेद कबूतर
- छप्परांवर एक कबूतर, कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत