गुट निरपेक्ष आंदोलन
गुट निरपेक्ष आंदोलन (NAM) राष्ट्रों की एक अन्तरराष्ट्रीय संस्था है, जिहोंने निश्चय किया है, कि विश्व के वे किसी भी पावर ब्लॉक के संग या विरोध में नहीं रहेंगे। यह आन्दोलन भारत के प्रधानमन्त्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू, मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति गमाल अब्दुल नासिर व युगोस्लाविया के राष्ट्रपति टीटो, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति डाॅ सुक्रणों एवंघाना - क्वामें एन्क्रूमा का आरभ्भ किया हुआ है। इसकी स्थापना अप्रैल,1961में हुई थी। और 2012 तक इसमें 120 सदस्य हो चुके थे। SARHETA GHOSNA-1979 के अनुसार इस संगठन का उद्देश्य गुट-निरपेक्ष राष्ट्रों की राष्ट्रीय स्वतन्त्रता, सार्वभौमिकता, क्षेत्रीय एकता एवं सुरक्षा को उनके साम्राज्यवाद, औपनिवेशिकवाद, जातिवाद, रंगभेद एवं विदेशी आक्रमण, सैन्य अधिकरण, हस्तक्षेप आदि मामलों के विरुद्ध उनके युद्ध के दौरान सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही किसी पावर ब्लॉक के पक्ष या विरोध में ना होकर निष्पक्ष रहना है।[1] ये संगठन संयुक्त राष्ट्र के कुल सदस्यों की संख्या का लगभग 2/3 एवं विश्व की कुल जनसंख्या के 55% भाग का प्रतिनिधित्व करता है। खासकर इसमें तृतीय विश्व यानि विकासशील देश सदस्य हैं।[2]
गुट-निरपेक्ष आन्दोलन | ||||
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समन्वयक ब्यूरो | न्यू यॉर्क, संयुक्त राज्य | |||
सदस्यता | 120(2019) सदस्य 17 (ऑब्ज़र्वर्स) | |||
नेता | ||||
- | महासचिव | हुस्ने मुबारक | ||
स्थापना | 1 सितम्बर 1961 | |||
जालस्थल csstc.org |
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- भारत की गैर संरेखण नीति या गुट निरपेक्षता नीति
- आधिकारिक जालस्थल: १४वां सम्मेलन — १४वां गुट-निरपेक्ष सम्मेलन, हवाना, ११-१६ सितंबर, २००६ (स्पेनिश)
- गुट-निरपेक्ष आंदोलन — स्रोत स्थल
- गुट-निरपेक्ष अध्ययन अंतर्राष्ट्रीय संस्थान — गुट-निरपेक्ष आंदोलन हेतु थिंक टैंक
- संयुक्त राष्ट्र महासचिव का गुट-निरपेक्ष आंदोलन को संदेश, २८ सितंबर, २००७
- गुट-निरपेक्ष आंदोलन का सम्मेलन, सं.रा. के ५८वें जनरल असेंबली २६ नवंबर, २००३