शियार
गीदड़ (Jackal), जिन्हें शियार, सियार और शृंगाल भी कहते हैं, एक कुत्ते के रूप का जंगली जानवर है। यह मध्यम आकार की कुछ जातियों का उपसमूह है, जो सभी कैनिनी नामक वंश समूह की सदस्य हैं, जिसमें वृक (भेड़िये) और श्वान (कुत्ते) भी आते हैं।[1][2][3][4]
गीदड़ Jackal | |
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गीदड़ | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | जंतु |
संघ: | कौरडेटा (Chordata) |
वर्ग: | स्तनधारी (Mammalia) |
गण: | मांसाहारी (Carnivora) |
कुल: | कैनिडाए (Canidae) |
उपकुल: | कैनिनाए (Caninae) |
वंश समूह: | कैनिनी (Canini) |
उपगणजाति: | कैनिना (Canina) वॉल्डहाइम, 1817 |
जातियाँ | |
गीदड़ का भौगोलिक विस्तार |
विवरण
यह भारत के जंगलों और गन्ने आदि के खेतों में आमतौर से पाया जाने वाला मध्यम आकार का पशु जो लगभग लोमड़ी के तरह का होता है। सामान्य तौर पर सियार गांव के निकट पाया जाता है। सियार भोजन के लिए गांव की भेड़-बकरियों पर भी हमला करते हैं। ये कुत्ते के बच्चे को भी खा जाते हैं। सामान्य तौर पर सियार इंसानों पर हमला नहीं करते लेकिन कभी-कभी ऐसी घटनाएं देखी गई हैं। सियार झुंडों में रहते हैं और एक झुंड में 5 से अधिक सदस्य होते हैं। यह झुंड में हमला भी करते हैं। ठंडी की रातों में सियार एक साथ मिलकर पुकार या आवाज़ लगाते हैं। कुछ दंतकथाओं में ऐसा प्रचलित है कि सियार गांव में प्रवेश करने से पहले गांव में उपस्थित धार्मिक स्थल से पुकार लगाकर प्रवेश की इजाजत मांगते हैं।
सियार साधारणतः 8 से 10 किलोग्राम वजनी होते है और 27 से 33 इंच आकार लम्बे होते है साथ ही पूंछ 10 इंच होती है। इनकी आयु 8 से 10 वर्ष होती है। इनके शिकारी दुश्मन लक्कड़बग्घे,तेंदुए और शेर होते है। कई बार ये दूसरे शिकारियों के किये हुए शिकार को चुराते है। आमतौर पर ये खुले मैदान घास मैदान और झाडिय इलाको में रहना पसंद करते है लेकिन इंसानो के पेड़ कटाई और खेतीबाड़ी से इनका इलाका अब खतरे में होता जा रहा है।