उज़्बेक भाषा
उज़बेक भाषा (उज़बेक: Ўзбек тили, उज़बेक तिलि; अरबी-फ़ारसी: أۇزبېكچا) मध्य एशिया में और विशेषकर उज़बेकिस्तान में, उज़बेक लोगों द्वारा बोली जाने वाली एक तुर्की भाषा है। सन् १९९५ में इसे मातृभाषा के रूप में बोलने वालों की संख्या लगभग २ करोड़ अनुमानित की गई थी। हालाँकि यह एक तुर्की भाषा है, फिर भी इसमें फ़ारसी, अरबी और रूसी भाषा का प्रभाव मिलता है। उज़बेक और उइग़ुर भाषा में बहुत समानताएँ हैं, लेकिन उइग़ुर की तुलना में उज़बेक पर फ़ारसी का प्रभाव ज़्यादा गहरा है। सन् १९२७ तक उज़बेक को लिखने के लिए अरबी-फ़ारसी वर्णमाला का प्रयोग किया जाता था, लेकिन उसके बाद उज़बेकिस्तान का सोवियत संघ में विलय होने से वहाँ सिरिलिक लिपि इस्तेमाल करने पर ज़ोर दिया गया। चीन के उज़बेक समुदाय अभी भी अरबी-फ़ारसी लिपि में उज़बेक लिखते हैं। सोवियत संघ का अंत होने के बाद उज़बेकिस्तान में कुछ लोग सन् १९९२ के उपरान्त लैटिन वर्णमाला का भी प्रयोग करने लगे।[1]
उज़बेक भाषा के कुछ उदाहरण
हिंदी और उज़बेक में बहुत से शब्द सामान होते हैं, लेकिन हिंदी की तुलना में उज़बेक में फ़ारसी लहजा स्पष्ट दिखता है। इसकी सबसे बड़ी मिसाल है कि हिंदी में अक्सर जहाँ शब्द में 'आ' का स्वर आता है, उसे उज़बेक में 'ओ' या 'ऑ' के स्वर के साथ कहा जाता है। यह भी ध्यान दीजिये कि इन शब्दों में 'ख़' का उच्चारण 'ख' से ज़रा भिन्न है।
हिंदी शब्द या वाक्य | उज़बेक शब्द या वाक्य | टिप्पणी |
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सलाम | सालोम | यह बिलकुल फ़ारसी की तरह है, जिसमें हिंदी के 'आ' स्वर की जगह 'ओ' या 'ऑ' से बोला जाता है |
जनाब | जानोब | |
स्वागत / ख़ुश-आमदीद | ख़ुश केलिबसिज़ | ख़ुश तो फ़ारसी मूल का शब्द है, लेकिन बाक़ी तुर्की भाषाओँ से है और हिंदी में नहीं मिलता |
जल्दी ही फिर मिलेंगे | तेज़ ओरादा कोरिशगुंचा | तेज़ शब्द हिंदी की तरह ही है |
धन्यवाद / शुक्रिया | रहमत | रहमत हिंदी में भी मिलता है, लेकिन उसका प्रयोग थोड़ा अलग अर्थ से होता है |
हफ़्ते के दिन | हफ़्ता कुनलरी | |
होटल कहाँ है? | मेख़मोनख़ोना क़ायेरदा जोयलश्गन? | मेख़मोनख़ोना का हिंदी रूप मेहमानख़ाना है |
दवाख़ाना | दोरीख़ोना | यह हिंदी के दारूख़ाना से मिलता है, हालांकि आधुनिक हिंदी में 'दवा-दारू' का 'दारू' शब्द जो पहले 'दवाई' का अर्थ रखता था अब 'शराब' का अर्थ रखने लगा है |