ओलम्पस मोन्स
ओलम्पस मोन्स (Olympus Mons) (लैटिन : माउंट ओलम्पस), मंगल ग्रह पर एक बड़ा ज्वालामुखी पहाड़ है। करीबन २२ कि॰मी॰ (१४ मील) की उंचाई के साथ,[1] यह सौरमंडल के ज्ञात सर्वोच्च पर्वतों में से एक है, और माउंट एवरेस्ट से लगभग तीन गुना जितना उंचा है। ओलम्पस मोन्स मंगल के बड़े ज्वालामुखियों में से सबसे कम उम्र के है और यह अमेजोनियन काल के दौरान बना है। ओलम्पस मोन्स को खगोलविदों ने निक्स ओलाम्पिका (लैटिन : ' 'ओलम्पस की बर्फ' ') एल्बिडो विशेषता के रूप में १९ वीं सदी के बाद से ही जान लिया था। अंतरिक्ष यान द्वारा पहचान की पुष्टि एक पर्वत के रूप में करने से पहले इसकी पहाड़ी प्रकृति पूरी तरह से संदेहास्पद थी। [2]
यह ज्वालामुखी मंगल के पश्चिमी गोलार्द्ध में लगभग १८.४° उत्तर २२६° पूर्व पर स्थित है और थर्सिस उभार के पश्चिमोत्तर किनारे बिलकुल बंद हो जाता है। ज्वालामुखी का पश्चिमी भाग अमेज़ोनिस चतुष्कोण (एम सी-८) में तथा केन्द्रीय और पूर्वी भाग थर्सिस चतुष्कोण (एम सी-९) के आसपास में स्थित है। ओलम्पस मोन्स पर दो संघात क्रेटरों के अस्थायी नाम आइ० ए० यु० द्वारा आबंटित किये गए हैं और वें है १५.६ कि॰मी॰ (१० मील) व्यास का कर्जोक क्रेटर (१८° २५' उत्तर १३१° ५५' पश्चिम) और १०.४ कि॰मी॰ (६ मील) व्यास का पंग्बोचे क्रेटर (१७° १०' उत्तर १३३° ३५' पश्चिम) |[3]