बंगाली भाषा
बंगाली भाषा अथवा बांग्ला भाषा (बंगाली लिपि में : বাংলা ভাষা/ बाङ्ला), बांग्लादेश और भारत के पश्चिम बंगाल और उत्तर-पूर्वी भारत के त्रिपुरा तथा असम राज्यों के कुछ प्रान्तों में बोली जानेवाली एक प्रमुख भाषा है। भाषाई परिवार की दृष्टि से यह हिन्द यूरोपीय भाषा परिवार का सदस्य है। इस परिवार की अन्य प्रमुख भाषाओं में हिन्दी, नेपाली, पंजाबी, गुजराती, असमिया, ओड़िया, मैथिली इत्यादी भाषाएँ हैं। बंगाली बोलने वालों की सँख्या लगभग २३ करोड़ है और यह विश्व की छठी सबसे बड़ी भाषा है[2][3]। इसके बोलने वाले बांग्लादेश और भारत के अलावा विश्व के बहुत से अन्य देशों में भी फैले हैं।
बांग्ला भाषा | ||
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বাংলা ভাষা | ||
बंगाली लिपि में बंगाली भाषा | [[चित्र:বাংলা. svg|center|100px|The word "Bangla" in Bangla Assamese script]] | |
बोली जाती है | बांग्लादेश और भारत। ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, पाकिस्तान, सउदी अरब, मलेशिया, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, औस्ट्रेलिया, म्यानमार तथा कनाडा में भी काफी संख्यक बांग्ला-भाषी रहते हैं। | |
क्षेत्र | बांग्लादेश, नेपाल, और भारत की पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह, असम, झाड़खंड, ओड़िसा, बिहार। नई दिल्ली, मुम्बई, बंगलौर, पुणे, हैदराबाद चेन्नई. छत्तीसगढ़ में भी बहुत लोग बाङ्ला बोलते है। | |
कुल बोलने वाले | ३० करोड़[1] | |
भाषा परिवार | हिन्द-यूरोपीय
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लेखन प्रणाली | बंगाली लिपि | |
आधिकारिक स्तर | ||
आधिकारिक भाषा घोषित | बांग्लादेश, भारत (पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और बराक घाटी) (जिसमें दक्षिण असम के यह जिले शामिल है-कछार, करीमगंज और हैलाकाण्डी) | |
नियामक | बांग्ला अकादमी (बांग्लादेश) पश्चिमबंग बांग्ला अकादमी (पश्चिम बंगाल)। | |
भाषा कूट | ||
ISO 639-1 | bn | |
ISO 639-2 | ben | |
ISO 639-3 | ben | |
Global extent of Bengali |
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उद्भव
भारत की अन्य प्रादेशिक भाषाओं की तरह बंगाली भाषा का भी उत्पत्तिकाल सन् १,००० ई. के आस पास माना जा सकता है। अपभ्रंश से या मगध की भाषा से पृथक् रूप ग्रहण करने के बाद से ही उसमें गीतों और पदों की रचना होने लगी थी। जैसे-जैसे वह जनता के भावों और विचारों को अभिव्यक्त करने का साधन बनती गई, उसमें विविध रचनाओं, काव्यग्रंथों तथा दर्शन, धर्म आदि विषय कृतियों का समावेश होता गया, यहाँ तक कि आज भारतीय भाषाओं में उसे यथेष्ट ऊँचा स्थान प्राप्त हो गया है।
लिपि
बंगाली लिपि नागरी लिपि से कुछ कुछ भिन्न है किन्तु दोनों में बहुत अधिक साम्य भी है। हिंदी की तरह उसमें भी १४ स्वर तथा ३३ व्यंजन हैं। बंगाली में "व" का उच्चारण प्राय: "ब" की तरह (कभी कभी "उ" की तरह या "भ" की तरह) किया जाता है और आत्मा, लक्ष्मी, महाशय आदि शब्द आत्ताँ, लक्खी, मोशाय जैसे उच्चरित होते हैं।
साहित्य
बंगाली साहित्य अत्यन्त समृद्ध है। बांग्ला साहित्य के विस्तृत विवेचन के लिये बंगाली साहित्य देखें।