बहिर्ग्रह
बहिर्ग्रह या ग़ैर-सौरीय ग्रह ऐसे ग्रह को कहा जाता है जो हमारे सौर मण्डल से बाहर स्थित हो।
सन् 1992 तक खगोलशास्त्रियों को एक भी ग़ैर-सौरीय ग्रह के अस्तित्व का ज्ञान नहीं था, लेकिन उसके बाद बहुत से ऐसे ग्रह मिल चुके हैं। 1 सितम्बर 2018 तक 3823 बहिर्ग्रह ज्ञात हो चुके थे। यह 2860 ग्रहीय मण्डल में थे और इनमें से 632 मण्डलों में एक से अधिक ग्रह थे।[1] क्योंकि इनमें से अधिकतर को सीधा देखने के लिए तकनीकें अभी विकसित नहीं हुई हैं, इसलिए सौ प्रतिशत भरोसे से नहीं कहा जा सकता के वास्तव में यह सारे ग्रह मौजूद हैं, लेकिन इनके तारों पर पड़ रहे गुरुत्वाकर्षक प्रभाव और अन्य लक्षणों से वैज्ञानिक इनके अस्तित्व के बारे में विश्वस्त हैं।
अनुमान लगाया जाता है के सूरज की श्रेणी के लगभग 10% तारों के इर्द-गिर्द ग्रह परिक्रमा कर रहे हैं, हालांकि यह संख्या उस से भी अधिक हो सकती है।[2] कॅप्लर अंतरिक्ष क्षोध यान द्वारा एकत्रित जानकारी के बूते पर कुछ वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है के आकाशगंगा (हमारी गैलेक्सी) में कम-से-कम 50 अरब ग्रहों के होने की सम्भावना है।[3] कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने जनवरी 2013 में अनुमान लगाया कि आकाशगंगा में इस अनुमान से भी दुगने, यानि 100 अरब, ग्रह हो सकते हैं।[4]