शर्मिष्ठा तारामंडल
शर्मिष्ठा (संस्कृत अर्थ: सुंदरी) या कैसिओपिया एक तारामंडल है जो अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में शामिल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें भी शामिल था। उत्तर आकाश में सप्तऋषि के बाद सबसे आसानी से पहचाना जाने वाला नक्षत्र है यह । ध्रुव तारे से अगर आप एक सीधी रेखा खींचें तो वह शर्मिष्ठा के पहले दो तारों से मिल जाएगी। भारतीय मिथकों में शर्मिष्ठा दैत्यों के राजा वृषपर्व की पुत्री के रूप में वर्णित की गयी है। [1]पुराने यूनानी ग्रंथों में इसका नाम कैसिओपिया नाम की सुन्दर पर घमंडी रानी पर रखा गया जो अपनी सुन्दरता की डींगे हांका करती थी।[2]
अन्य भाषाओं में
अंग्रेज़ी में शर्मिष्ठा तारामंडल को "कैसिओपिया कॉन्स्टॅलेशन" (Cassiopeia constellation) कहा जाता है। अरबी और फ़ारसी में इसे "ज़ात अल-कुर्सी" (ذاتالکرسی) कहा जाता है, जिसका अर्थ है "कुर्सी पर बैठी हुई स्त्री"।
तारे
शर्मिष्ठा तारामंडल में ५३ तारे हैं जिन्हें बायर नाम दिए जा चुके हैं। इनमें से ३ के इर्द-गिर्द ग़ैर-सौरीय ग्रह परिक्रमा करते हुए पाए गए हैं। अल्फ़ा कैसिओपिये (बायर नाम: α Cassiopeiae या α Cas) इसका सबसे रोशन तारा है और इसका सापेक्ष कान्तिमान २.२४ मैग्निट्यूड है। अगर हम किसी तरह मित्रक तारे (अल्फ़ा सन्टौरी) पर पहुँच कर पृथ्वी के सूरज की तरफ़ देखें तो वह शर्मिष्ठा तारामंडल में ही नज़र आएगा।